मुंगेर:2021 के शुरुआती महीनों में खाद्य तेलों की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई थी. सरसों तेल 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया था. रिफाइंड तेल भी 190 रुपये प्रति लीटर बाजार में बिक रहा था. वहीं जुलाई में कीमतें थोड़ी कम होने से आम आदमी ने राहत की सांस ली थी. लेकिन अगस्त से सितंबर के दरम्यान खाद्य तेलों की कीमतों में एक बार फिर से इजाफा होने लगा है. सरसों तेल (Mustard Oil Price In Munger) 190 रुपये प्रति लीटर तो वहीं रिफाइंड (Refined Oil Price In Munger) 180 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है.
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पर्व त्योहार का मौसम शुरू हो गया है. इस महीने जहां गणेश चतुर्थी, विश्वकर्मा पूजा की समाप्ति हुई वहीं आने वाले महीने में दुर्गा पूजा, दीपावली, काली पूजा, छठ पूजा जैसे बड़े त्योहार हैं. ऐसे में लोग एक बार फिर से खाद्य तेलों की कीमतों में और इजाफा होने के अनुमान से परेशान हैं. इधर, छोटे दुकानदार भी महंगाई से त्रस्त हैं. सभी खाद्य तेलों के दाम आसमान छू रहे हैं. बढ़ती कीमतों के कारण लोग इसका इस्तेमाल भी बहुत सोच समझकर कर रहे हैं.
इस संबंध में किराना पट्टी में सरसों तेल के थोक विक्रेता मोहन लाल पंसारी ने कहा कि पिछले 40 दिनों से तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है. जहां पहले 15 लीटर का डिब्बा 22 सौ में मिल जाता था, अब 3000 तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि पर्व त्योहार को लेकर अभी और कीमतें बढ़ेंगी.
"बड़े कारोबारी भारी मात्रा में तेल को जमा कर लेते हैं. उन्हें गोदाम में इकट्ठा कर लेते हैं और रेट बढ़ने के बाद बाजार में उतारते हैं, क्योंकि वर्तमान समय में ऐसा कोई कारण नहीं है जिसके कारण तेल की कीमतें बढ़ाई जाए."- सुंदरलाल पटवा, खुदरा व्यापारी
सरसों की कीमत बाजार में नहीं बढ़ी है. उत्पादन भी औसत से अधिक हुआ है. ऐसे में सरसों तेल की कीमतें दोबारा बढ़ना किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा. किराना पट्टी के खुदरा व्यवसाई शंभू लाल पटवा ने कहा कि खाद्य तेल की कीमतें जमाखोरी के कारण भी बढ़ रही है.
"हम लोग अगस्त 2020 में 130 रुपये प्रति लीटर सरसों का तेल खरीद रहे थे. 1 साल में इसकी कीमत 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई. बढ़ी हुई कीमतों के कारण आम आदमी की कमर टूट गई है. सरकार को खाद्य तेल की कीमत स्थिर करने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि जनता राहत की सांस ले सके."- मृगेंद्र कुमार पंडित,उपभोक्ता
अखबार बांटने का काम करने वाले मृगेंद्र कुमार पंडित ने बताया कि हम लोग मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. तेल की कीमत बढ़ने के कारण सब्जियों में तेल का छोंका बहुत कम लगाया जा रहा है. हम लोग काफी कम मात्रा में तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महंगाई बढ़ी है,जिसमें तेल की कीमत भी एक बड़ा कारण है.
"तेल की कीमतें रोज बढ़ रही हैं. 1 सप्ताह में करीब 200 से 250सौ रुपये टीन की कीमत में इजाफा हुआ है और प्रति लीटर में 15 से 20 रुपये की वृद्धि हुई है."- मोहन लाल पंसारी, थोक व्यापारी
मुंगेर में सरसों तेल का भाव प्रति लीटर 165 से बढ़कर 200 रुपये तक चला गया था. बीच में दामों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. 2021 में खाद्य तेलों की अलग-अलग वेरायटी की कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. तेल के बढ़ते दामों से जनता त्राहिमाम कर रही है. साथ ही पर्व त्योहारों में तेल के दाम और बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है.
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