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मिलिए इन चार यारों से.. ये जहां पहुंचते हैं शराब तस्करों की आ जाती है शामत

डॉग स्क्वायड की टीम स्थानीय पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हो रही है. शराब तस्कर एवं संदेहास्पद शराब के तहखानों तक पहुंचने के लिए डॉग स्क्वायड के चार डॉग मेडी, बॉबी, शरेना और डिंडी की मदद ली जा रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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डॉग स्क्वायड
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Published : Jan 24, 2022, 3:23 PM IST

मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में पुलिस लाइन (Police Line In Munger) में अवस्थित प्रमंडल स्तरीय स्वान दस्ता (डॉग स्क्वायड) की टीम अपने मकसद में कामयाब होती दिख रही है. डॉग स्क्वायड (Dog Squad In Munger) के चार डॉग मेडी, बॉबी, शरेना और डिंडी ने अपने हुनर से प्रमंडल के 6 जिला मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया, शेखपुरा और बेगूसराय के कई मामलों के उद्भेदन में अपना योगदान दे चुका है.

इसे भी पढ़ें: पटना में डॉग स्क्वायड के साथ शराब खोजने निकली पुलिस, कहा- आगे भी जारी रहेगा अभियान

इसमें जहां शरेना एक्सप्लोसिव ढूंढने में काफी मददगार है, जो नक्सल इलाकों में पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होता है. वहीं डिंडी किसी भी घटनास्थल के अपराधी के द्वारा छोड़े गए साक्ष्यों को सूंघ कर अपराधी का पता लगाने में माहिर है, तो अन्य दो डॉग मेडी और बॉबी बिहार सरकार के शराबबंदी को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं. ये दोनों डॉग शराब खोजी (लिकर डॉग) के नाम से भी जाने जाते हैं. ये शराब माफियाओं द्वारा छिपाए गए शराब को ढूंढने में इतने माहिर हैं कि अपने हुनर से कहीं भी छिपे शराब को ढूंढ लेते हैं.

मेडी और बॉबी के सहयोग से पुलिस को शराब बरामदगी करने में काफी ज्यादा सफलता मिली है. शराब खोजने के एक्सपर्ट मेडी को बेहतर प्रशिक्षण को लेकर सीआइडी विभाग के एडीजी विनय कुमार के द्वारा वर्ष 2019 में प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया था. डॉग स्क्वायड टीम के हैंडलर ने बताया कि सभी खोजी कुत्तों को मौसम के अनुरूप रखा जाता है. इस दौरान खाने के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं सेहत का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. पुलिस लाइन के मेजर अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस लाइन में रह रहे लिकर डॉग एवं ट्रैकर डॉग की देखरेख के लिए कुल 10 कर्मियों की नियुक्ति की गई है.

ये भी पढ़ें: वैशाली संदिग्ध मौत मामले की FSL और डॉग स्क्वायड की टीम कैंप कर करेगी जांच

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मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में पुलिस लाइन (Police Line In Munger) में अवस्थित प्रमंडल स्तरीय स्वान दस्ता (डॉग स्क्वायड) की टीम अपने मकसद में कामयाब होती दिख रही है. डॉग स्क्वायड (Dog Squad In Munger) के चार डॉग मेडी, बॉबी, शरेना और डिंडी ने अपने हुनर से प्रमंडल के 6 जिला मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया, शेखपुरा और बेगूसराय के कई मामलों के उद्भेदन में अपना योगदान दे चुका है.

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इसमें जहां शरेना एक्सप्लोसिव ढूंढने में काफी मददगार है, जो नक्सल इलाकों में पुलिस के लिए काफी मददगार साबित होता है. वहीं डिंडी किसी भी घटनास्थल के अपराधी के द्वारा छोड़े गए साक्ष्यों को सूंघ कर अपराधी का पता लगाने में माहिर है, तो अन्य दो डॉग मेडी और बॉबी बिहार सरकार के शराबबंदी को सफल बनाने में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं. ये दोनों डॉग शराब खोजी (लिकर डॉग) के नाम से भी जाने जाते हैं. ये शराब माफियाओं द्वारा छिपाए गए शराब को ढूंढने में इतने माहिर हैं कि अपने हुनर से कहीं भी छिपे शराब को ढूंढ लेते हैं.

मेडी और बॉबी के सहयोग से पुलिस को शराब बरामदगी करने में काफी ज्यादा सफलता मिली है. शराब खोजने के एक्सपर्ट मेडी को बेहतर प्रशिक्षण को लेकर सीआइडी विभाग के एडीजी विनय कुमार के द्वारा वर्ष 2019 में प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया था. डॉग स्क्वायड टीम के हैंडलर ने बताया कि सभी खोजी कुत्तों को मौसम के अनुरूप रखा जाता है. इस दौरान खाने के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं सेहत का भी विशेष ख्याल रखा जाता है. पुलिस लाइन के मेजर अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस लाइन में रह रहे लिकर डॉग एवं ट्रैकर डॉग की देखरेख के लिए कुल 10 कर्मियों की नियुक्ति की गई है.

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