मुंगेर: जिले के सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर और मुंगेर के बीजेपी विधायक प्रणव कुमार के बीच झड़प का मामला सामने आया है. घटना रविवार 8 अक्टूबर की है. चिकित्सक और विधायक दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. डॉक्टर कुमार शानू ने कहा कि विधायक प्रणव कुमार ने वार्ड में घुसकर शर्ट का कॉलर पकड़ लिया और गाली गलौज करने लगे. वहीं जब विधायक ने डॉक्टर से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के आरोपों पर सवाल किया गया तो उन्होंने तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
मुंगेर बीजेपी विधायक पर डॉक्टर से मारपीट का आरोप: दरअसल मुंगेर सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड उस समय अखाड़ा बन गया जब गुस्से में तमतमाए मुंगेर भाजपा विधायक प्रणव कुमार किसी मामले को लेकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कुमार शानू से ही भिड़ गए. जिसके बाद थोड़ी देर के लिए वार्ड में अफरा तफरी का माहौल व्याप्त रहा. डॉक्टर शानू ने बताया कि एक मरीज जो न्यूरो का केस था उसे रेफर कर दिया. इतने में मरीज के परिवार वालों ने कहा कि विधायक से बात कर लीजिए. मैंने कहा कि मैं बात करने के लिए ऑथराइज नहीं हूं, जिसके बाद परिजनों ने मेरा नाम पूछा. मैंने कहा कि नाम से क्या करना है मैंने आपका काम कर दिया है.
कुछ देर के बाद मुंगेर भाजपा विधायक की गाड़ी आकर वार्ड के सामने रुकी और विधायक गाड़ी से उतर कर वार्ड में घुसते ही मेरे साथ गाली गलौज करने लगे और मेरा कॉलर पकड़ लिया. विधायक मेरा गला दबाने लगे. पूरे अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है, एक साथ मैं कई वार्ड के मरीजों को देख रहा हूं. विधायक मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं, ऐसे में मैं ड्यूटी कैसे करुंगा? मुझे मुंगेर में सर्विस करने में डर लग रहा है. हम सिर्फ नाम के मेडिकल अफसर हैं. मेरी क्या गलती है. मेडिसिन नहीं है तो मरीज को रेफर करेंगे ही ना. मैं यहां नौकरी नहीं कर पाऊंगा.- डॉक्टर कुमार शानू
बीजेपी विधायक ने दी सफाई: इस पूरे मामले को लेकर मुंगेर के बीजेपी विधायक प्रणव कुमार यादव ने सफाई देते हुए कहा कि एक मरीज के विषय में चिकित्सकीय सलाह लेने के लिए डाक्टर से बात करना चाह रहा था. लेकिन डॉक्टर ने बात करने से मना कर दिया.फिर मैं अस्पताल पहुंचा और डॉक्टर से बात करने की कोशिश की. डॉक्टर कुमार शानू मेरे साथ बदतमीजी से बात करने लगे और अपना नाम तक नहीं बता रहे थे.
"कुमार शानू बोलने लगे हम कोई विधायक को नहीं जानते हैं. हम बात नहीं करेंगे. मैं जनता का नौकर हूं, मुझे उनके सवालों का जवाब देना होता है. मैंने डॉक्टर से पूछा कि आप अपना नाम क्यों नहीं बता रहे हैं. उसी में वे मेरे साथ बदतमीजी करने लग गए. बोलेने लगे कि मेरे चाचा विधायक हैं. मैंने ना तो कॉलर पकड़ा और ना ही गला ही दबाया है. डॉक्टर ही टेबल पटक रहे थे. डॉक्टर पर इससे पहले भी कई बार दुर्व्यवहार के आरोप लग चुके हैं. मैं तो सिर्फ नाम पूछ रहा था, उससे डॉक्टर को परहेज था."- प्रणव कुमार, भाजपा विधायक, मुंगेर
लोगों और गार्ड ने किया बीच-बचाव: इधर विधायक और डॉक्टर के बीच इमरजेंसी वार्ड में काफी देर तक बहस बाजी के कारण थोड़े देर तक इमरजेंसी वार्ड में इलाज करा रहे मरीजों और उसके परिजनों के बीच अफरा तफरी का माहौल बना रहा. जिसके बाद अस्पताल में तैनात गार्ड और लोगों के द्वारा बीच बचाव किया गया. तब तक कोतवाली थाने की पुलिस भी सदर अस्पताल पहुंच चुकी थी. घंटों के हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद मामला किसी तरह से शांत हो सका.
"मैं पत्नी के इलाज के लिए आया था. विधायक आए और डॉक्टर का कॉलर पकड़ लिए. ये क्या तरीका है? जनता ने क्या इसलिए ही आपको चुना है? डॉक्टर का कॉलर पकड़ने के बाद गला दबाने लगे. दो बॉडीगार्ड भी थे, उन्होंने भी डॉक्टर के साथ मारपीट की."-रंजीत सहनी, प्रत्यक्षदर्शी
वहीं इमरजेंसी वार्ड में मरीज के परिजन और नर्सों ने बताया कि विधायक का इस तरह का बर्ताव कहीं से जायज नहीं है. साथ ही कहा कि जिस ढंग से विधायक ने डॉक्टर का कॉलर पकड़ा वह कहीं से भी न्याय संगत नहीं है. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे सिविल सर्जन और डीएस ने मामले की नाजुकता को देखते हुए दोनों तरफ से वार्ता कर तत्काल मामला को शांत करवाया. वहीं सीएस पीएम सहाय ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी.
"हम जांच करने के बाद ही कुछ बता पाएंगे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. डॉक्टर का पक्ष जान लिया है. अगर ऐसा कुछ हुआ है तो वो दुर्भाग्यपूर्ण है. लिखित आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सीसीटीवी फुटेज देखने का काम पुलिस का है. एक डॉक्टर पूरा एरिया देखता है. डॉक्टर के साथ जो हुआ वह गलत है."- पीएम सहाय, सिविल सर्जन