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मुंगेर में बन रहा 50 बेड का कोरोना डेडिकेटेड आईसीयू वार्ड, DM ने दी जानकारी - कोरोना डेडिकेटेड आईसीयू

मुंगेर में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए प्रशासन 50 बेड वाला कोरोना डेडिकेटेड आईसीयू बनाने की तैयारी में लगा है. इसके लिए सिविल सर्जन को विशेष निर्देश दिए गए हैं.

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Published : Jul 26, 2020, 7:24 PM IST

मुंगेर: जिले में अब कोरोना मरीज इलाज के लिए भागलपुर या पटना रेफर नहीं किए जाएंगे. संक्रमित मरीजों के लिए पूरब सराय स्थित हाजि सुजान में बने एक 100 बेड वाले जीएनएम स्कूल के आइसोलेशन वार्ड में 50 बेड का कोविड-19 डेडीकेटेड आईसीयू वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. जहां 24 घंटे ऑक्सीजन और अन्य सुविधा रहेगी.

यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज होगा. इलाज के लिए जिले में मरीजों को भटकना नहीं होगा. बहुत ज्यादा सीरियस पेशेंट को ही भागलपुर रेफर किया जाएगा. इसकी जानकारी देते हुए डीएम राजेश मीणा ने बताया कि हाजी सुजान में पहले से ही 100 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड कार्यरत है. उन्होंने कहा कि इसी के आधे हिस्से में 50 बेड का अतिरक्त कोरोना हॉस्पिटल बनाया जा रहा है. उन्होंने जीएनएम स्कूल का निरीक्षण करते हुए जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार को निर्देश दिया कि 2 दिनों में सभी तैयारी पूरी कर 50 बेड का कोरोना डेडिकेडेड वार्ड तैयार कराई जाए.

सभी सुविधाओं से लैस रहेगा कोरोना अस्पताल
50 बेड का कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल बन जाने से जिले वासियों को बाहर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. इस अस्पताल में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेगी. डीएम ने बताया कि ऑक्सीजन, निमोलाइजर और अन्य सभी आधुनिक चिकित्सीय उपकरण यहां मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पालीवार यहां रहेगी. हल्के बीमार लोगों का इलाज यहां होगा.

डीएम ने किया निरीक्षण
बता दें कि डीएम ने इसके पहले सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. निरंजन कुमार को निर्देश दिया कि अस्पताल परिसर स्थित आईसीयू और इमरजेंसी वार्ड को प्रतिदिन सैनिटाइजेशन करवाने के निर्देश दिए. डीएम ने बताया कि पिछले 1 सप्ताह में अस्पताल में कई लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोगों की रिपोर्ट के मौत बाद पॉजिटिव निकली है. ऐसे में जरूरी है कि आईसीयू और इमरजेंसी वार्ड को हर दिन सैनिटाइज करवाया जाए. इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत चिकित्सक और कर्मियों को सुरक्षा का उपाय का पालन करते हुए मरीजों के उपचार करने की जाए.

सिविल सर्जन ने दी जानकारी
वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि जिला पदाधिकारी राजेश मीणा के निर्देश का पालन किया जा रहा ह. 2 दिनों में 50 बेड का कोरोना आईसीयू यूनिट का अस्थाई अस्पताल तैयार कर लिया जाएगा. यहां हल्के लक्षण वाले मरीज का इलाज संभव हो पाएगा.

मुंगेर: जिले में अब कोरोना मरीज इलाज के लिए भागलपुर या पटना रेफर नहीं किए जाएंगे. संक्रमित मरीजों के लिए पूरब सराय स्थित हाजि सुजान में बने एक 100 बेड वाले जीएनएम स्कूल के आइसोलेशन वार्ड में 50 बेड का कोविड-19 डेडीकेटेड आईसीयू वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. जहां 24 घंटे ऑक्सीजन और अन्य सुविधा रहेगी.

यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज होगा. इलाज के लिए जिले में मरीजों को भटकना नहीं होगा. बहुत ज्यादा सीरियस पेशेंट को ही भागलपुर रेफर किया जाएगा. इसकी जानकारी देते हुए डीएम राजेश मीणा ने बताया कि हाजी सुजान में पहले से ही 100 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड कार्यरत है. उन्होंने कहा कि इसी के आधे हिस्से में 50 बेड का अतिरक्त कोरोना हॉस्पिटल बनाया जा रहा है. उन्होंने जीएनएम स्कूल का निरीक्षण करते हुए जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार को निर्देश दिया कि 2 दिनों में सभी तैयारी पूरी कर 50 बेड का कोरोना डेडिकेडेड वार्ड तैयार कराई जाए.

सभी सुविधाओं से लैस रहेगा कोरोना अस्पताल
50 बेड का कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल बन जाने से जिले वासियों को बाहर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. इस अस्पताल में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेगी. डीएम ने बताया कि ऑक्सीजन, निमोलाइजर और अन्य सभी आधुनिक चिकित्सीय उपकरण यहां मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई चिकित्सक और चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पालीवार यहां रहेगी. हल्के बीमार लोगों का इलाज यहां होगा.

डीएम ने किया निरीक्षण
बता दें कि डीएम ने इसके पहले सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. निरंजन कुमार को निर्देश दिया कि अस्पताल परिसर स्थित आईसीयू और इमरजेंसी वार्ड को प्रतिदिन सैनिटाइजेशन करवाने के निर्देश दिए. डीएम ने बताया कि पिछले 1 सप्ताह में अस्पताल में कई लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोगों की रिपोर्ट के मौत बाद पॉजिटिव निकली है. ऐसे में जरूरी है कि आईसीयू और इमरजेंसी वार्ड को हर दिन सैनिटाइज करवाया जाए. इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत चिकित्सक और कर्मियों को सुरक्षा का उपाय का पालन करते हुए मरीजों के उपचार करने की जाए.

सिविल सर्जन ने दी जानकारी
वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि जिला पदाधिकारी राजेश मीणा के निर्देश का पालन किया जा रहा ह. 2 दिनों में 50 बेड का कोरोना आईसीयू यूनिट का अस्थाई अस्पताल तैयार कर लिया जाएगा. यहां हल्के लक्षण वाले मरीज का इलाज संभव हो पाएगा.

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