मुंगेर: बीते साल दुर्गा प्रतिमा विर्सजन (Durga Idol Immersion) के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए अनुराग पोद्दार (Aurag Poddar) के परिजनों को बुधवार को 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाएगी. मृतक अनुराग पोद्दार के पिता मंगलवार को डीएम कार्यालय पहुंचे थे. उन्हें पूर्व डीएम रचना पाटिल ( Munger DM Rachna Patil ) ने कागजातों के साथ बुलाया था. उन्होंने मुख्यालय में कागजात जमा कर दिया है.
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हालांकि डीएम रचना पाटिल के ट्रांसफर के बाद नए डीएम नवीन कुमार ( DM Naveen Kumar ) ने आज ही प्रभार संभाला है. इस वजह से सहमति पत्र नहीं दिया जा सका है. समाहरणालय के अधिकारियों के अनुसार सहमति पत्र और 10 लाख की राशि देने की सभी प्रक्रिया पूरी हो गई है.
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी बिहार सरकार
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिसिया फायरिंग के शिकार हुए अनुराग हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट ( Patna High Court ) के न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने 7 अप्रैल 2021 को राज्य सरकार को एक महीने के अंदर पीड़ित परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने 4 जून 2021 को खारिज कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार भी लगाया था. वहीं पोद्दार हत्या मामले में अगली सुनवाई 25 जून को है.
मुंगेर सिविल कोर्ट ( Munger Civil Court ) में अनुराग हत्या मामले को देख रहे अधिवक्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने बताया कि सरकार की लालफीताशाही के कारण पीड़ित पिता अमरनाथ पोद्दार अवमानना वाद लाने के लिए हाईकोर्ट में अधिवक्ता को नियुक्त कर चुके थे. मृतक अनुराग के दोस्त हर्ष ने बताया कि कमजोर को न्याय मिलने आसान नहीं है. सरकार ने बहुत देर कर दी, यह पहले हो जाना चाहिए था.
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मुंगेर दुर्गा विर्सजन मामला
गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2020 का है. मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान घटना हुई थी. जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ी और गैर कानूनी गतिविधियां जैसे पुलिस पर पत्थर बाजी और गोलियां चलाई गई. गोलीकांड के बाद एसपी के नेतृत्व वाली मुंगेर पुलिस ने घटना के समय कोई प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया और भक्तों पर बर्बर ढंग से फायरिंग की.
मामले में हुई जांच में भी पाया गया कि दुर्गा पूजा में हुई फायरिंग के दौरान 18 वर्षीय अनुराग बिल्कुल निहत्था था और उस पर किसी प्रकार की कोई गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप नहीं थे. इसलिए कोर्ट ने बिहार सरकार को मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था.