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मधुबनीः बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुश्किलें नहीं हो रहीं हैं कम, अब सब्जियों के बढ़े दाम

खेतों में जो भी सब्जियां थीं वो बाढ़ के पानी में बह गईं. उसके बाद लंबे समय तक बाढ़ का पानी जमा होने से खेतों में लगी सब्जियां गल गईं. जिससे मांग के अनुपात में सब्जियां बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. लिहाजा, मंडी में सब्जियों के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है.

सब्जियां हुई मंहगी
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Published : Aug 8, 2019, 5:40 PM IST

मधुबनीः जिले में आई भीषण बाढ़ का असर अब सब्जियों की कीमत पर देखने को मिल रहा है. बाजार में कोई भी सब्जी 60 रुपये प्रति किलो से कम नहीं है. इससे खरीददार तो परेशान हैं ही, सब्जी विक्रेताओं के धंधे पर भी असर पड़ा है.

बाढ़ के बाद बढ़े सब्जियों के दाम

सब्जियों के उत्पादन में कमी
दरअसल, खेतों में जो भी सब्जियां थीं वो बाढ़ के पानी में बह गईं. उसके बाद लंबे समय तक बाढ़ का पानी जमे होने से सब्जियां गल गईं. जिससे मांग के अनुपात में सब्जियां बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. लिहाजा, मंडियों में सब्जियां महंगी बिक रही हैं.

मधुबनी
सब्जी मंडी

दाम बढ़ने से धंधा हुआ मंदा
सब्जी विक्रेता राम रूप मंडल बताते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़ने से बिक्री में कमी आई है. जो लोग पहले एक किलो खरीदते थे वो अभी 250 ग्राम ही लेते हैं. कई बार सब्जियों के बढ़े हुए भाव बताने पर ग्राहक झल्ला भी जाते हैं. वहीं, खरीददारों ने बताया कि रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें इतनी महंगी बिकेगी तो बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी कैसे पटरी पर लौटेगी.

सब्जियों के भाव

नाम दाम प्रति किलो
शिमला मिर्च ₹200
हरी मिर्च ₹100
करेला ₹50
भिंडी ₹40
परवल ₹60
टमाटर ₹80

मधुबनीः जिले में आई भीषण बाढ़ का असर अब सब्जियों की कीमत पर देखने को मिल रहा है. बाजार में कोई भी सब्जी 60 रुपये प्रति किलो से कम नहीं है. इससे खरीददार तो परेशान हैं ही, सब्जी विक्रेताओं के धंधे पर भी असर पड़ा है.

बाढ़ के बाद बढ़े सब्जियों के दाम

सब्जियों के उत्पादन में कमी
दरअसल, खेतों में जो भी सब्जियां थीं वो बाढ़ के पानी में बह गईं. उसके बाद लंबे समय तक बाढ़ का पानी जमे होने से सब्जियां गल गईं. जिससे मांग के अनुपात में सब्जियां बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. लिहाजा, मंडियों में सब्जियां महंगी बिक रही हैं.

मधुबनी
सब्जी मंडी

दाम बढ़ने से धंधा हुआ मंदा
सब्जी विक्रेता राम रूप मंडल बताते हैं कि सब्जियों के दाम बढ़ने से बिक्री में कमी आई है. जो लोग पहले एक किलो खरीदते थे वो अभी 250 ग्राम ही लेते हैं. कई बार सब्जियों के बढ़े हुए भाव बताने पर ग्राहक झल्ला भी जाते हैं. वहीं, खरीददारों ने बताया कि रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें इतनी महंगी बिकेगी तो बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी कैसे पटरी पर लौटेगी.

सब्जियों के भाव

नाम दाम प्रति किलो
शिमला मिर्च ₹200
हरी मिर्च ₹100
करेला ₹50
भिंडी ₹40
परवल ₹60
टमाटर ₹80
Intro:बाढ़ के कारण सब्जियों के दामो में काफी उछाल लोगो को हो रही परेशानी, मधुबनी


Body:मधुबनी
जिले में आई प्रलयंकारी बाढ़ से आम जनजीवन के साथ साथ सब्जियों पर भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है बाढ़ के कारण सब्जियों के दाम में काफी उछाल आ गई है। सब्जियां काफी महंगी हो गई है ।दरअसल बाढ़ के कारण किसानों के उत्पादन की क्षमता काफी घट गई है किसानों की उत्पादन सब्जी का पौधा बाढ़ के पानी में बह गया पौधे के बह जाने से सब्जियों में अचानक भारी उछाल आ गई है।किसानोंके उत्पादन क्षमता पर काफी असर पड़ा है। जिस किसानों की सब्जी के पौधे वह गया अपने किस्मत पर रोना रो रहे हैं किसानों के पूंजी भी पानी में बह गया।लोगों को सब्जी खरीदने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सब्जी खरीदते समय लोगों को पॉकेट मनी इजाजत नहीं दे रही है जो थोक में सब्जी खरीदते थे महानगर दिल्ली मुंबई की तरह अब वे लोग सब्जी पाव किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं। जहां पहले सब्जी लोग किलो के हिसाब से खरीदते थे बात करें सब्जी की तो जिले में हरी सब्जी शिमला मिर्च ₹200 किलो, टमाटर ₹80 किलो ,हरी मिर्च पहले ₹200 किलो बिक रही थी लेकिन आज ₹100 किलो बिक रही है। करेला ₹50 किलो ,भिंडी 40 से ₹60 किलो बिक रही है ,परवल 80 रुपये बिकती थी अब ₹60 किलो बिक रही है।लोगो का सब्जी के बिना बना अब हो नहीं सकता है और सब्जी सस्ती मिल नहीं रही है इस परिस्थिति में लोग सामान्य स्तर को के हिसाब से सब्जी खरीदे किसी तरह से परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं सरकार को भी इसी ओर ध्यान देनी चाहिए जिससे लोगों को सब्जी में सुविधाएं मिल सके।
बाईट बलराम यादव सब्जी खरीददार
बाइट राम रूप मंडल सब्जी विक्रेता
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion:
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