ETV Bharat / state

मधुबनीः मिथिला विजय स्तंभ पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित, सेनानियों को किया गया याद

20 जनवरी 2010 को वसंत पंचमी के दिन तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी डॉ रंगनाथ चौधरी ने इस विजय स्तम्भ की आधारशिला रखी थी. विजय स्तम्भ कन्दर्पी घाट पर अवस्थित है. यहां मिथिला इतिहास में सबसे अंतिम युद्ध मुक्ति के लिए लड़ा गया था.

श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
author img

By

Published : Jan 21, 2021, 2:27 PM IST

मधुबनीः अंधराठाढ़ी प्रखंड स्थित कन्दर्पी घाट पर स्थापित मिथिला विजय स्तम्भ का 11वां पुष्पांजलि समारोह दिवस मनाया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में झंझारपुर के पूर्व एसडीओ डाॅ. रंगनाथ चौधरी मौजूद थे. उन्होंने विजय स्तम्भ पर मिथिला विजय के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर दी.

पूर्व एसडीओ डाॅ. रंगनाथ चौधरी ने कहा कि ये हमारी गौरवशाली परम्परा का एतिहासिक स्मृति चिन्ह है. ये विजय सतम्भ इस बात का भी प्रतीक है कि मिथिला केवल ज्ञान की ही नहीं वीरों की भी भूमि है. जो वक्त आने पर अपने दुश्मनों को करारा जबाब दे सकते है.

कई नेताओं ने की पुष्पांजलि अर्पित
मौके पर मौजूद पूर्व जिला पार्षद मोo तौआब अंसारी, सरपंच कृष्ण कुमार झा, विश्वनाथ महतो, महेश झ, एमएसयू के दीपक मिश्रा, अजय झा, संदीप झा, मिहीर ठाकुर ने भी विजय स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की.

ये भी पढ़ेंः Republic Day 2021: यहां का बना तिरंगा बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी लहराएगा

मुक्ति के लिए हुआ था यहां अंतिम युद्ध
बता दें कि विगत 20 जनवरी 2010 को वसंत पंचमी के दिन तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी डॉ रंगनाथ चौधरी ने विजय स्तम्भ की आधारशिला रखी थी. विजय स्तम्भ कन्दर्पी घाट पर अवस्थित है. यहां मिथिला इतिहास में सबसे अंतिम युद्ध मुक्ति के लिए लड़ा गया था.

इस युद्ध में आम मैथिल सेनानी युद्ध करते हुऐ शाहिद हुऐ थे. उन्हीं की याद में यह स्तम्भ यहां बनवाया गया. इस युद्ध में मारे गए ब्राहम्णों का 40 मौन जनेऊ मिला था. जो इतिहास में वर्णित किया गया है.

मधुबनीः अंधराठाढ़ी प्रखंड स्थित कन्दर्पी घाट पर स्थापित मिथिला विजय स्तम्भ का 11वां पुष्पांजलि समारोह दिवस मनाया गया. समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में झंझारपुर के पूर्व एसडीओ डाॅ. रंगनाथ चौधरी मौजूद थे. उन्होंने विजय स्तम्भ पर मिथिला विजय के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर दी.

पूर्व एसडीओ डाॅ. रंगनाथ चौधरी ने कहा कि ये हमारी गौरवशाली परम्परा का एतिहासिक स्मृति चिन्ह है. ये विजय सतम्भ इस बात का भी प्रतीक है कि मिथिला केवल ज्ञान की ही नहीं वीरों की भी भूमि है. जो वक्त आने पर अपने दुश्मनों को करारा जबाब दे सकते है.

कई नेताओं ने की पुष्पांजलि अर्पित
मौके पर मौजूद पूर्व जिला पार्षद मोo तौआब अंसारी, सरपंच कृष्ण कुमार झा, विश्वनाथ महतो, महेश झ, एमएसयू के दीपक मिश्रा, अजय झा, संदीप झा, मिहीर ठाकुर ने भी विजय स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की.

ये भी पढ़ेंः Republic Day 2021: यहां का बना तिरंगा बिहार के साथ अन्य राज्यों में भी लहराएगा

मुक्ति के लिए हुआ था यहां अंतिम युद्ध
बता दें कि विगत 20 जनवरी 2010 को वसंत पंचमी के दिन तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी डॉ रंगनाथ चौधरी ने विजय स्तम्भ की आधारशिला रखी थी. विजय स्तम्भ कन्दर्पी घाट पर अवस्थित है. यहां मिथिला इतिहास में सबसे अंतिम युद्ध मुक्ति के लिए लड़ा गया था.

इस युद्ध में आम मैथिल सेनानी युद्ध करते हुऐ शाहिद हुऐ थे. उन्हीं की याद में यह स्तम्भ यहां बनवाया गया. इस युद्ध में मारे गए ब्राहम्णों का 40 मौन जनेऊ मिला था. जो इतिहास में वर्णित किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.