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मधुबनीः गन्ना किसान परेशान, नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ - नहीं मिल रहा सरकार की चलाई जा रही योजनाओं का लाभ

गन्ना किसानों की बात करें तो इन्हें पहले 2 हजार रुपये कट्ठा के हिसाब से गन्ना का मूल्य मिला करता था. लेकिन इस बार किसानों को मात्र 5 सौ रुपये का मूल्य मिल रहा है.

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Published : Dec 15, 2019, 12:12 PM IST

मधुबनीः जिले में गन्ना किसानों की हालत काफी दयनीय है. जहां सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकास के नाम पर अपनी पीठ थप थपाते नहीं थकते. वहीं, मधुबनी में विकास कोसों दूर है, उद्योग धंधे सारे चौपट हो गए हैं. सरकार के उदासीन रवैये के कारण जिले में तीन चीनी मिल हुआ करती थी, जो बरसों से बंद पड़ी हुई है. जिससे गन्ना किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

गन्ना किसान परेशान
गन्ना किसानों की बात करें तो इन्हें पहले 2 हजार रुपये कट्ठा के हिसाब से गन्ने का मूल्य मिला करता था. लेकिन इस बार किसानों को मात्र 5 सौ रुपये का मूल्य मिल रहा है. एक कट्ठा में 10 क्विंटल गन्ना उपज होती है. किसानों को मात्र 5 सौ रुपये में कलवार के हाथों बेचने को विवश होना पड़ रहा है. अगर चीनी मिल शुरू हो जाती है, तो गन्ना किसानों की स्थिति बेहतर हो सकती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

गन्ना की खेती छोड़ने को मजबूर किसान
जिले में अधिकांश किसानों ने तो गन्ना की खेती करनी ही छोड़ दी है. जो किसान कर भी रहे हैं, वह मेहनताना नहीं मिलने से नाखुश हैं. कलवार वाले भी मनमर्जी ढंग से किसान से गन्ना खरीदते हैं. वहीं, सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी इन किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है.

मधुबनीः जिले में गन्ना किसानों की हालत काफी दयनीय है. जहां सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकास के नाम पर अपनी पीठ थप थपाते नहीं थकते. वहीं, मधुबनी में विकास कोसों दूर है, उद्योग धंधे सारे चौपट हो गए हैं. सरकार के उदासीन रवैये के कारण जिले में तीन चीनी मिल हुआ करती थी, जो बरसों से बंद पड़ी हुई है. जिससे गन्ना किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

गन्ना किसान परेशान
गन्ना किसानों की बात करें तो इन्हें पहले 2 हजार रुपये कट्ठा के हिसाब से गन्ने का मूल्य मिला करता था. लेकिन इस बार किसानों को मात्र 5 सौ रुपये का मूल्य मिल रहा है. एक कट्ठा में 10 क्विंटल गन्ना उपज होती है. किसानों को मात्र 5 सौ रुपये में कलवार के हाथों बेचने को विवश होना पड़ रहा है. अगर चीनी मिल शुरू हो जाती है, तो गन्ना किसानों की स्थिति बेहतर हो सकती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

गन्ना की खेती छोड़ने को मजबूर किसान
जिले में अधिकांश किसानों ने तो गन्ना की खेती करनी ही छोड़ दी है. जो किसान कर भी रहे हैं, वह मेहनताना नहीं मिलने से नाखुश हैं. कलवार वाले भी मनमर्जी ढंग से किसान से गन्ना खरीदते हैं. वहीं, सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी इन किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है.

Intro:गन्ना किसानों की हालत काफी दयनीय, मधुबनी


Body:मधुबनी
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकास के नाम पर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकते लेकिन मधुबनी में विकास कोसों दूर है उद्योग धंधे सारे चौपट हो गया है। सरकार के उदासीन रवैया के कारण जिले में तीन चीनी मिल हुआ करती थी जो बरसों से बंद पड़ी हुई है ।गन्ना किसानों की बात करें तो उनकी हालत काफी दयनीय है गन्ना किसान पहले ₹2000 रहपे कट्ठा के हिसाब से गन्ना का मूल्य मिला करता था जो इस बार किसानों को मात्र ₹500 कट्ठा का मुल्य मिलता है। एक कट्ठा में 10 किवंटल गन्ना उपज होती है किसानों को मात्र ₹500 में कलवार के हाथे बेचने को विवश होना पड़ रहा है। अगर चीनी मिल शुरू हो जाती है तो गन्ना किसानों की स्थिति बहुत बढ़िया होने के आसार थे।जिले में अधिकांश किसान तो गन्ना की खेती करना ही छोड़ दिए हैं जो किसान कर भी रहे हैं वह अपने मेहनत नामा भी नहीं मिलने से काफी नाखुश हैं ।सवा सौ से डेर सौ रुपए किवंटल बेचने को मजबूर हैं। कलवार वाले भी मनमर्जी ढंग से किसान से गन्ना खरीदते हैं ।किसान से औने पौने भाव मे गन्ना की खरीद करते है।
बाइट रामदेव यादव किसान
बाइट मदन मोहन ,किसान
बाइट मो मुर्तुजा कलवार मालिक
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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