मधुबनीः जिले में गन्ना किसानों की हालत काफी दयनीय है. जहां सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकास के नाम पर अपनी पीठ थप थपाते नहीं थकते. वहीं, मधुबनी में विकास कोसों दूर है, उद्योग धंधे सारे चौपट हो गए हैं. सरकार के उदासीन रवैये के कारण जिले में तीन चीनी मिल हुआ करती थी, जो बरसों से बंद पड़ी हुई है. जिससे गन्ना किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
गन्ना किसान परेशान
गन्ना किसानों की बात करें तो इन्हें पहले 2 हजार रुपये कट्ठा के हिसाब से गन्ने का मूल्य मिला करता था. लेकिन इस बार किसानों को मात्र 5 सौ रुपये का मूल्य मिल रहा है. एक कट्ठा में 10 क्विंटल गन्ना उपज होती है. किसानों को मात्र 5 सौ रुपये में कलवार के हाथों बेचने को विवश होना पड़ रहा है. अगर चीनी मिल शुरू हो जाती है, तो गन्ना किसानों की स्थिति बेहतर हो सकती है.
गन्ना की खेती छोड़ने को मजबूर किसान
जिले में अधिकांश किसानों ने तो गन्ना की खेती करनी ही छोड़ दी है. जो किसान कर भी रहे हैं, वह मेहनताना नहीं मिलने से नाखुश हैं. कलवार वाले भी मनमर्जी ढंग से किसान से गन्ना खरीदते हैं. वहीं, सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी इन किसानों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है.