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मधुबनी: जेल में विचाराधीन कैदी की मौत, मृतक की पत्नी ने जेल प्रशासन पर लगाया आरोप

मधुबनी के झंझारपुर स्थित उपकारा में एक सप्ताह पूर्व अशोक शाह नाम के एक कौदी की मौत हो गई. एसडीएम ने इम मामले को लेकर एक जांच टीम बनाई है.

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Published : May 18, 2019, 6:49 AM IST

झंझारपुर

मधुबनी: जिले में एक विचाराधीन कैदी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई. इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है. इसको लेकर मृतक की पत्नी ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि पिटाई से उसकी मौत हो हुई है. वहीं, एसडीएम इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

मामला जिले के झंझारपुर स्थित उपकारा का है. बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पूर्व एक विचाराधीन कैदी अशोक शाह की जेल में मौत हो गई थी. जेल में वह डेढ़ सालों से बंद था. इस घटना के बाद जेल अधीक्षक नंदकिशोर चौधरी और डॉक्टर अमित कुमार झा छुट्टी पर चले गए हैं. मृतक के पत्नी ने जेल प्रशासन पर लापारवाही का लिखित शिकायत भी की है.

मृतक की पत्नी और एसडीएम का बयान

जेल अधीक्षक मांगा गया स्पष्टीकरण
प्रशासन ने इस मामले में एक जांच टीम बनाई है. लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सका है. इसको लेकर मृतक की पत्नी ने प्रशासन पर आरोप लगाया की जेल अधीक्षक को बचा रहा है. वहीं, एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि कैदी की मौत बीपी से हुई है. इसका जांच चल रहा है. जेल अधीक्षक से इस मामले का स्पष्टीकरण मांगा गया है.

मधुबनी: जिले में एक विचाराधीन कैदी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई. इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है. इसको लेकर मृतक की पत्नी ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि पिटाई से उसकी मौत हो हुई है. वहीं, एसडीएम इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

मामला जिले के झंझारपुर स्थित उपकारा का है. बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पूर्व एक विचाराधीन कैदी अशोक शाह की जेल में मौत हो गई थी. जेल में वह डेढ़ सालों से बंद था. इस घटना के बाद जेल अधीक्षक नंदकिशोर चौधरी और डॉक्टर अमित कुमार झा छुट्टी पर चले गए हैं. मृतक के पत्नी ने जेल प्रशासन पर लापारवाही का लिखित शिकायत भी की है.

मृतक की पत्नी और एसडीएम का बयान

जेल अधीक्षक मांगा गया स्पष्टीकरण
प्रशासन ने इस मामले में एक जांच टीम बनाई है. लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सका है. इसको लेकर मृतक की पत्नी ने प्रशासन पर आरोप लगाया की जेल अधीक्षक को बचा रहा है. वहीं, एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि कैदी की मौत बीपी से हुई है. इसका जांच चल रहा है. जेल अधीक्षक से इस मामले का स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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Body:मधुबनी
उपकारा झंझारपुर में विचाराधीन बंदी की संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत को लेकर मृतक की पत्नी विभा कुमारी ने उपकरा झंझारपुर के अधीक्षक नंदकिशोर चौधरी एवं जेलर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पैसे के उगाही के लिए उनके पति अशोक साह को हमेशा मारपीट किया जाता था लगभग डेढ़ साल तक जेल में बंद रहने के उपरांत उन्हें मात्र तीन बार मिलने दिया गया ।हर समय पैसे की मांग किया जाता था जिसका विरोध करने पर जेलर के द्वारा उन्हें भयंकर मारपीट की गई जिससे उनकी मौत हुई है । वह कभी बीमार नहीं थे। साथ ही कहा कि उनके शरीर पर भयंकर जख्म के निशान थे उन्हें बूट से मारा गया था पूरे शरीर पर मिट्टी लगा हुआ था जबकि वार्ड में कहीं मिट्टी नहीं है रहता है। इस बाबत विभा कुमारी ने झंझारपुर अनुमंडल पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर पति के मौत को लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं मृतका के पत्नी के आवेदन पर एक जांच टीम बनाई गई है जो मृतक के संदेहास्पद स्थिति में मौत होने का कारण पता लगाएगा लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के उपरांत भी अभी तक कोई ठोस पहल नहीं किया गया। साथ ही मृतका के पत्नी ने आरोप लगाया की सरकारी पदाधिकारी लोग जेल अधीक्षक को बचाने में लगे हुए हैं आपको बता दें कि 6 मई को अशोक शाह की मृत्यु होने के तुरंत बाद जेल अधीक्षक नंदकिशोर चौधरी और डॉक्टर अमित कुमार झा तुरंत छुट्टी पर चले गए जो कि संदेह उत्पन्न करता है।उपकारा झंझारपुर हमेशा से ही पैसे के लेनदेन को लेकर चर्चा में रहा है लेकिन यहां के आला अधिकारी इस बात को लेकर कुंभकरण निद्रा में सोए हुए रहते हैं कई बार लिखित आवेदन देने के उपरांत भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।वही झंझारपुर एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया बीपी के कारण मौत हुई है जिसे जांच किया जाएगा और जेल अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा गया है । वहीं समाजसेवी स्व वरिष्ठ अधिवक्ता बलराम शाह ने बताया है की जेलर हमेशा कैदियों के साथ मारपीट करता है कुछ दिन पूर्व भी शुभ राधा तूने नाम के महिला के साथ मारपीट किया था जिसमें उसके ऊपर मामला दर्ज किया गया था अभी वह बेल पर बाहर है इस केस में भी वही स्थिति है जेलर अधीक्षक डॉक्टर एवं संगीत सिपाही के ऊपर धारा 304 के तहत हत्या का मामला दर्ज होनी चाहिए साथ ही उन्होंने कहा इतने बड़े जेल में एक बीपी की मशीन नहीं है जबकि लड़ाई से ₹300000 इलाज के नाम पर खर्च किए जाते हैं जेल अधीक्षक को सिर्फ हिस्सा लेने से मतलब है उन्होंने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से भी किया है अब देखना होगा कि इस पीड़ित महिला को उचित न्याय मिलता है या नहीं।
बाइट विभा कुमारी मृतक की पत्नी
बाइट बलराम साह समाजसेवी सह अधिबक्ता
बाइट अँसुल अग्रवाल sdm झंझारपुर
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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