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मधुबनी: गांव में नहीं है पक्की सड़क, लोग बोले- मजबूरी में 4 किमी तय करते हैं सफर

सड़क नहीं होने से लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं. आधे किलोमीटर की दूरी के लिए 4 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.

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Published : Jun 2, 2019, 2:23 PM IST

नहीं है सड़क

मधुबनी: सरकारी महकमे की लापरवाही के कारण झंझारपुर के बेलाराही गांव में आजतक पक्की सड़क नहीं है. उदासीनता ऐेसी है कि सात साल पहले सड़क निर्माण के लिए लगभग डेढ़ करोड़ की राशि निर्गत हुई थी. लेकिन, वह पैसा कहां गया किसी को नहीं मालूम है.

विभागीय अधिकारी कहते हैं कि पैसा आया, वापस हुआ, फिर आया और विभाग के खाते में इंतजार कर रहा है. बेलाराही गांव में तीन सड़कों के निर्माण के लिए साल 2012 में 1.20 करोड़ रुपये निर्गत किया गया. लेकिन, सड़क निर्माण नहीं कराया गया.

समस्या सुनाते ग्रामीण

निर्माण कार्य अधर में लटका
स्थानीय निवासी इसी हाल में सालों से जीने को मजबूर है. उनका कहना है कि गर्मी और बारिश में हालत बेहद खराब हो जाते हैं. बीते 7 साल से लोग उम्मीद लगाए हैं कि सड़क का निर्माण किया जाएगा. लेकिन, अब तक बेलाराही गांव को मुख्य सड़क नसीब नहीं हो पाया है. सड़क निर्माण के लिए टेंडर भी निकाला गया. लेकिन, संवेदक ने कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया. जिस कारण सड़क का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

आधे किमी के लिए 4 किमी जाना पड़ता है
बाद में वार्ड पार्षद विजय दास के आंदोलन करने पर दोबारा विभाग ने डेढ़ करोड़ रुपये मुहैया कराए गए. लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं. लोगों को आधे किलोमीटर की दूरी के लिए 4 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. रात में कोई बीमार पड़ जाए तो हालात और खराब हो जाते हैं.

मधुबनी: सरकारी महकमे की लापरवाही के कारण झंझारपुर के बेलाराही गांव में आजतक पक्की सड़क नहीं है. उदासीनता ऐेसी है कि सात साल पहले सड़क निर्माण के लिए लगभग डेढ़ करोड़ की राशि निर्गत हुई थी. लेकिन, वह पैसा कहां गया किसी को नहीं मालूम है.

विभागीय अधिकारी कहते हैं कि पैसा आया, वापस हुआ, फिर आया और विभाग के खाते में इंतजार कर रहा है. बेलाराही गांव में तीन सड़कों के निर्माण के लिए साल 2012 में 1.20 करोड़ रुपये निर्गत किया गया. लेकिन, सड़क निर्माण नहीं कराया गया.

समस्या सुनाते ग्रामीण

निर्माण कार्य अधर में लटका
स्थानीय निवासी इसी हाल में सालों से जीने को मजबूर है. उनका कहना है कि गर्मी और बारिश में हालत बेहद खराब हो जाते हैं. बीते 7 साल से लोग उम्मीद लगाए हैं कि सड़क का निर्माण किया जाएगा. लेकिन, अब तक बेलाराही गांव को मुख्य सड़क नसीब नहीं हो पाया है. सड़क निर्माण के लिए टेंडर भी निकाला गया. लेकिन, संवेदक ने कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया. जिस कारण सड़क का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

आधे किमी के लिए 4 किमी जाना पड़ता है
बाद में वार्ड पार्षद विजय दास के आंदोलन करने पर दोबारा विभाग ने डेढ़ करोड़ रुपये मुहैया कराए गए. लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं. लोगों को आधे किलोमीटर की दूरी के लिए 4 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. रात में कोई बीमार पड़ जाए तो हालात और खराब हो जाते हैं.

Intro:


Body:मधुबनी
सरकारी महकमा की लापरवाही कहे या , मनमानी कहे या उदासीनता कहे जिस सडक़ की निर्माण के लिए सात साल पहले ही ढेर करोड़ राशि निर्गत की गई लेकिन उस सड़क का अब तक निर्माण कार्य नही हो सका।पैसा आया,वापस हुआ फिर आया और विभाग के खाते में इंतजार कर रहा है।जी हाँ हम बात कर रहे हैं नगर पंचायत झंझारपुर के बेलाराही गांव की ।बेलाराही गांव के तीन सरक के निर्माण के लिए साल 2012 में 1.20करोड़ रुपये निर्गत किया गया पर पैसे से सड़क निर्माण कार्य नही हो सका।लोग 7 साल से उम्मीद लगाए हैं सड़क का निर्माण कार्य किया जाएगा।अब तक बेलाराही गांव को मुख्य सड़क नसीब नहीं हो पाया है।गांव के तीन वार्डो के लिए नगर विकास विभाग ने 1.20 करोड़ राशि महैया कराई।टेंडर निकाली गई लेकिन संवेदक द्वारा कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया गया।जिस कारण दोनों सड़क के निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। फिर वार्ड पार्षद बिजय दास द्वारा आंदोलन करने पर दुबारा बिभाग ने ढेर करोड़ रुपये मुहैय्या कराई है।2012 में 1 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से सड़क बनाई जाती वही अब लगभग ढेर करोड़ की लागत से निर्माण किया जाएगा लोग आस लगाए हैं की कब सड़क कार्य होगा।लोगो को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं।आधे किलोमीटर की दूरी 4 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करना पड़ता हैं।रात में कोई बीमार पर जाए तो खटिया पर लाद कर लाना पड़ता है डॉक्टर के पास।वारिश के महीने में हाल और बुरा हो जाता हैं।पाव पैदल चलना मुश्किल हो जाता है।
बाइट विजय दास वार्ड पार्षद
बाइट कन्हैया जी समाज सेवी
बाइट रामु यादव ग्रामीण
बाइट स्तानीय निवासी
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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