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मधुबनी: डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जारी किए निर्देश

मधुबनी में स्वास्थ्य विभाग डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर तैयारी में जुट गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किये हैं.

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Published : Jun 25, 2020, 12:22 PM IST

मधुबनी: जिले में स्वास्थ्य विभाग डेंगू और चिकनगुनिया के नियंत्रण को लेकर अलर्ट है. इसको लेकर सिविल सर्जन ने निर्देश जारी किया है. सदर अस्पताल में 5 बेड वाला विशेष डेंगू वार्ड बनाया जाएगा. साथ ही शहर में फॉगिंग की जाएगी.

डेंगू चिकनगुनिया बरसात के साथ ही प्रारंभ होता है. डेंगू मच्छर साफ और ठहरे हुए पानी में ही पनपता है. जिले के सदर अस्पताल में इसको लेकर 5 बेड का एक विशेष डेंगू वार्ड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. डेंगू वार्ड में सभी बेड मच्छरदानी युक्त होगा.

जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल में भी यही व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मेडिकल पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू चिकनगुनिया बुखार के संबंध में जागरूक किया जाए, जिससे मरीजों की पहचान कर समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा सके.

'सतर्क रहने की जरूरत'
डीएमओ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. ये मच्छर सामान्यत दिन में ही काटते हैं. ये स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है. इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है. वहीं, चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक रहता है. गंभीर स्थिति में ये 6 माह तक रह सकता है. डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है.

मधुबनी: जिले में स्वास्थ्य विभाग डेंगू और चिकनगुनिया के नियंत्रण को लेकर अलर्ट है. इसको लेकर सिविल सर्जन ने निर्देश जारी किया है. सदर अस्पताल में 5 बेड वाला विशेष डेंगू वार्ड बनाया जाएगा. साथ ही शहर में फॉगिंग की जाएगी.

डेंगू चिकनगुनिया बरसात के साथ ही प्रारंभ होता है. डेंगू मच्छर साफ और ठहरे हुए पानी में ही पनपता है. जिले के सदर अस्पताल में इसको लेकर 5 बेड का एक विशेष डेंगू वार्ड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. डेंगू वार्ड में सभी बेड मच्छरदानी युक्त होगा.

जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल में भी यही व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मेडिकल पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को डेंगू चिकनगुनिया बुखार के संबंध में जागरूक किया जाए, जिससे मरीजों की पहचान कर समय पर उपचार सुनिश्चित किया जा सके.

'सतर्क रहने की जरूरत'
डीएमओ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. ये मच्छर सामान्यत दिन में ही काटते हैं. ये स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है. इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है. वहीं, चिकनगुनिया का असर शरीर में 3 माह तक रहता है. गंभीर स्थिति में ये 6 माह तक रह सकता है. डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण तक़रीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है.

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