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मधुबनी: लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन, एक मंच पर दिखा लोक कला, साहित्य और धरोहर

विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय में 4 दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. इस फेस्टिवल का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को मिथिला के अतीत संस्कृति से अवगत कराना है.

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Published : Dec 25, 2019, 11:37 PM IST

मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय मैदान में लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. ये फेस्टिवल चार दिनों तक चलेगा. इस फेस्टीवल के दूसरे दिन मिथिलांचल के अलावा नेपाल के नामचीन विद्वान, साहित्यकारों ने भी भाग लिया है. वहीं, इस मौके पर मिथिला पेंटिंग लोगों को काफी आकर्षित कर रही है. कार्यक्रम का संचालन दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सविता झा खान कर रहीं है.

Literature Festival
क्षेत्रीय कला को दिखाने का प्रयास

मिथिला के अतीत और भविष्य पर आधारित
बता दें कि यह फेस्टिवल एक बहुभाषिक समुदाय की अपने धरोहर को समेटने और साहित्य कला के उल्लास का एक उत्सव है. इसकी परिकल्पना विरासत और स्थानीयता को एक सूत्र में बांधने का है. इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को उसके अतीत के संस्कृति से अवगत कराना है. इस फेस्टिवल का विषय मिथिला के अतीत और भविष्य पर आधारित है. वहीं, इस कार्यक्रम के माध्यम से मिथिला के क्षेत्रीय कला को दिखाने का प्रयास किया जा रहा है.

लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन

जन-जन तक पहुंचाने की अपील
ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के अधिकारी डॉ. मुनेश्वर यादव ने बताया कि यह फेस्टिवल अपने आप में महत्व रखती है. उन्होंने कहा कि यह एक साहित्यिक क्रांति है. उन्होंने इस कार्यक्रम को सरकार से जन-जन तक पहुंचाने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल से लोगों का बौद्धिक विकास होगा. इस कार्यक्रम में बांस से बने सामान रखा गया है,जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है.

मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय मैदान में लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. ये फेस्टिवल चार दिनों तक चलेगा. इस फेस्टीवल के दूसरे दिन मिथिलांचल के अलावा नेपाल के नामचीन विद्वान, साहित्यकारों ने भी भाग लिया है. वहीं, इस मौके पर मिथिला पेंटिंग लोगों को काफी आकर्षित कर रही है. कार्यक्रम का संचालन दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सविता झा खान कर रहीं है.

Literature Festival
क्षेत्रीय कला को दिखाने का प्रयास

मिथिला के अतीत और भविष्य पर आधारित
बता दें कि यह फेस्टिवल एक बहुभाषिक समुदाय की अपने धरोहर को समेटने और साहित्य कला के उल्लास का एक उत्सव है. इसकी परिकल्पना विरासत और स्थानीयता को एक सूत्र में बांधने का है. इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को उसके अतीत के संस्कृति से अवगत कराना है. इस फेस्टिवल का विषय मिथिला के अतीत और भविष्य पर आधारित है. वहीं, इस कार्यक्रम के माध्यम से मिथिला के क्षेत्रीय कला को दिखाने का प्रयास किया जा रहा है.

लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन

जन-जन तक पहुंचाने की अपील
ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के अधिकारी डॉ. मुनेश्वर यादव ने बताया कि यह फेस्टिवल अपने आप में महत्व रखती है. उन्होंने कहा कि यह एक साहित्यिक क्रांति है. उन्होंने इस कार्यक्रम को सरकार से जन-जन तक पहुंचाने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल से लोगों का बौद्धिक विकास होगा. इस कार्यक्रम में बांस से बने सामान रखा गया है,जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है.

Intro:मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन साहित्यिक विद्वानों ने हुए उपस्थित, बास के वस्तुए प्रस्तुत मधुबनी


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मधुबनी
चार दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन जिले के विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय राजनगर में चल रही है।। मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन में मिथिलांचल के अलावा देश-विदेश नेपाल के नामचीन विद्वान, साहित्यकार भागलिया है। । इस मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल में मिथिला पेंटिंग से स्टेज को स्त्री दलाल आदि को सजाया गया है मिथिलांचल किए अपन पूर्ण के साथ सजाया गया है जिससे लोगों को अपनी सभ्यता संस्कृति की पहचान हो सके बास के बनी वस्तु प्रस्तुत किया गया है।मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के संचालिका दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉक्टर सविताझा खान स्वय देखरेख करने में जुटी हुई हैं। मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल बहुभाषिक समुदाय के धरोहर को सचेतन को समेटने का काम करेगी। ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ मुनेश्वर यादव ने बताया यह फेस्टिवल अपने आप में एक महत्व रखती है यह एक साहित्यिक आंदोलन एवं क्रांति है संचार की रूपरेखा तय करेगी इस फेस्टिवल से सदियों से चलती आ रहे परंपरा धरोहर आदि कौशल योजना का अद्भुत प्रयास है इस फेस्टिवल को बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन से जन-जन तक पहुंचाने का भी अनुरोध किया है इस फेस्टिवल से लोगों के बौद्धिक विकास होगा
1 बाइट डॉ मुनेश्वर यादव,वरिष्ट पदाधिकारी ललित नारायण विश्व विद्यालय
2 बाइट डॉ रामगोपाल वर्मा साहित्य विद्वान
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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