मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय मैदान में लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया. ये फेस्टिवल चार दिनों तक चलेगा. इस फेस्टीवल के दूसरे दिन मिथिलांचल के अलावा नेपाल के नामचीन विद्वान, साहित्यकारों ने भी भाग लिया है. वहीं, इस मौके पर मिथिला पेंटिंग लोगों को काफी आकर्षित कर रही है. कार्यक्रम का संचालन दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. सविता झा खान कर रहीं है.
मिथिला के अतीत और भविष्य पर आधारित
बता दें कि यह फेस्टिवल एक बहुभाषिक समुदाय की अपने धरोहर को समेटने और साहित्य कला के उल्लास का एक उत्सव है. इसकी परिकल्पना विरासत और स्थानीयता को एक सूत्र में बांधने का है. इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को उसके अतीत के संस्कृति से अवगत कराना है. इस फेस्टिवल का विषय मिथिला के अतीत और भविष्य पर आधारित है. वहीं, इस कार्यक्रम के माध्यम से मिथिला के क्षेत्रीय कला को दिखाने का प्रयास किया जा रहा है.
जन-जन तक पहुंचाने की अपील
ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के अधिकारी डॉ. मुनेश्वर यादव ने बताया कि यह फेस्टिवल अपने आप में महत्व रखती है. उन्होंने कहा कि यह एक साहित्यिक क्रांति है. उन्होंने इस कार्यक्रम को सरकार से जन-जन तक पहुंचाने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल से लोगों का बौद्धिक विकास होगा. इस कार्यक्रम में बांस से बने सामान रखा गया है,जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है.