मधुबनीः लॉकडाउन की वजह से गरीबों को हो रही परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने तीन महीने तक मुफ्त में अतिरिक्त राशन देना की घोषणा की है. सरकार का दावा है कि प्रदेश भर के लाभुक जन वितरण प्रणाली की दुकान से इसका लाभ ले रहे हैं. लेकिन जिले के झंझारपुर अनुमंडल स्थित रैयाम पश्चिमी पंचायत की तस्वीर इससे अलग है.
2011 से नहीं मिला राशन
रैयाम पश्चिमी पंचायत के लोग राशन नहीं मिलने के कारण बुधवार को सड़क पर उतरकर हंगामा किए. इस दौरान स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. लोगों का कहना है कि साल 2011 से इस पंचायत में जन वितरण प्रणाली के तरह राशन का वितरण नहीं हुआ है. यहां के सैंकड़ों परिवार का राशन कार्ड तक नहीं बन पाया है. लोगों ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सारा काम-धंधा ठप पड़ा है. आमदनी शून्य हो गई है. सरकार से राशन मिल नहीं रहा है. ऐसे में परिवार के सामने भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.
...नहीं हो रही सुनवाई
ग्रामीणों ने कहा कि राशन कार्ड बनाने के लिए कई बार कागजात लिए गए, लेकिन अभी तक कार्ड बन कर नहीं आया है. गांव के लोग अपने स्तर से भी प्रयास किए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. वार्ड सदस्य बैजू पासवान ने कहा कि यहां लगभग 250 परिवार राशन से वंचित है. इस संबंध में बीडीओ से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
बता दें कि गांव के पड़ोस में ही 5 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. जिससे बाद इलाके में दहशत का माहौल है.