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महंगा बिचड़ा खरीदकर दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं किसान, सरकार से नहीं मिली कोई मदद

जदयू के प्रदेश महासचिव लालेश्वर सिंह ने कहा कि दुख की बात है कि अभी तक जिले में किसानों को सहायता राशि नहीं मिल पाई है. सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है. बहुत जल्द किसानों को सरकार की ओर से 6000 रुपया दिया जाएगा.

खेत में किसान
खेत में किसान
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Published : Aug 31, 2020, 10:44 AM IST

मधुबनीः बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त किसान महंगे दामों पर धान का बिचड़ा खरीदकर दोबारा रोपनी कर रहे हैं. ये किसान सरकार की मदद की आस लगाए हुए हैं. लेकिन अब तक इन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है. जबकि जिले में बड़े पैमाने पर खरीफ की फसल को बाढ़ के कारण नुकसान पहुंचा है.

जिले के किसान बाढ़ की भीषण विभीषिका को झेल रहे हैं. खरीफ की फसल को बाढ़ के कारण काफी नुकसान पहुंचा है. धान की जो भी रोपनी हुई थी, सभी फसलें बर्बाद हो गई है. चिंता में डूबे किसानों को अब सरकार से ही उम्मीद है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'नहीं मिली सरकार से मदद'
किसानों का कहना है कि समय पर फसल क्षति का मुआवजा मिल जाता तो बड़े पैमाने पर बिछड़ा खरीद कर दोबारा धान की रोपनी करते. लेकिन सरकारी सहायता राशि नहीं मिलने के कारण किसान ऊंचे दामों पर भी बिचड़ा खरीद कर दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं.

रोपनी कर रहे किसान निराला ने बताया- बाढ़ के कारण धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं. दोबारा ऊंचे कीमत पर बीज खरीदकर धान की रोपनी कर रहे हैं. सरकार कर द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार का मदद नहीं मिली है.

महिला किसान
महिला किसान

ये भी पढ़ेंः गंगा, कोसी, कमला, गंडक और बागमती सहित कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

'बहुत जल्द मिलेगी सरकारी सहायता'

लालेश्वर सिंह, जदयू  प्रदेश महासचिव
लालेश्वर सिंह, जदयू प्रदेश महासचिव
वहीं, जदयू के प्रदेश महासचिव लालेश्वर सिंह ने बताया कि दुख की बात है कि अभी तक जिले में किसानों को सहायता राशि नहीं मिल पाई है. सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है. बहुत जल्द किसानों को सरकार की ओर से 6000 रुपया दिया जाएगा. अब देखना ये है कि सरकार के जरिए इन किसानों को फसल क्षति का मुआवजा कब तक मिल पाता है.

मधुबनीः बाढ़ की विभीषिका से त्रस्त किसान महंगे दामों पर धान का बिचड़ा खरीदकर दोबारा रोपनी कर रहे हैं. ये किसान सरकार की मदद की आस लगाए हुए हैं. लेकिन अब तक इन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है. जबकि जिले में बड़े पैमाने पर खरीफ की फसल को बाढ़ के कारण नुकसान पहुंचा है.

जिले के किसान बाढ़ की भीषण विभीषिका को झेल रहे हैं. खरीफ की फसल को बाढ़ के कारण काफी नुकसान पहुंचा है. धान की जो भी रोपनी हुई थी, सभी फसलें बर्बाद हो गई है. चिंता में डूबे किसानों को अब सरकार से ही उम्मीद है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'नहीं मिली सरकार से मदद'
किसानों का कहना है कि समय पर फसल क्षति का मुआवजा मिल जाता तो बड़े पैमाने पर बिछड़ा खरीद कर दोबारा धान की रोपनी करते. लेकिन सरकारी सहायता राशि नहीं मिलने के कारण किसान ऊंचे दामों पर भी बिचड़ा खरीद कर दोबारा धान की रोपनी कर रहे हैं.

रोपनी कर रहे किसान निराला ने बताया- बाढ़ के कारण धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं. दोबारा ऊंचे कीमत पर बीज खरीदकर धान की रोपनी कर रहे हैं. सरकार कर द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार का मदद नहीं मिली है.

महिला किसान
महिला किसान

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'बहुत जल्द मिलेगी सरकारी सहायता'

लालेश्वर सिंह, जदयू  प्रदेश महासचिव
लालेश्वर सिंह, जदयू प्रदेश महासचिव
वहीं, जदयू के प्रदेश महासचिव लालेश्वर सिंह ने बताया कि दुख की बात है कि अभी तक जिले में किसानों को सहायता राशि नहीं मिल पाई है. सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है. बहुत जल्द किसानों को सरकार की ओर से 6000 रुपया दिया जाएगा. अब देखना ये है कि सरकार के जरिए इन किसानों को फसल क्षति का मुआवजा कब तक मिल पाता है.
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