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जब एक शिक्षक ने CM नीतीश से कहा- 'घोर अन्याय है, कार्रवाई नहीं करेंगे तो प्रतिष्ठा नहीं बचेगी' - janta darbar bihar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज एक बार फिर जनता दरबार (Janta Darbar) में लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. इस दौरान मधेपुरा से पहुंचे एक निलंबित शिक्षक ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सीएम से शिकायत की. सीएम ने जब इस शख्स को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास जाने को कहा तो उस व्यक्ति ने सीएम से ही सवाल कर डाला. पढ़ें पूरी खबर...

cm Nitish Kumar
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Published : Sep 13, 2021, 12:53 PM IST

पटना: सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) लोगों की समस्याओं का समाधान जनता दरबार में कर रहे हैं. पटना में जनता दरबार (Janta Darbar) में शिकायतें लेकर लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस दौरान मधेपुरा से एक निलंबित शिक्षक सीएम के जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंचे. उन्होंने सीएम के सामने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी.

यह भी पढ़ें- छात्र ने CM से पूछा- नौकरी नहीं दे पायेंगे इसीलिए B. Ed. वालों को नहीं देते स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड ?

मधेपुरा से आए शिक्षक ने कहा 'शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है. मुझे साजिशन निलंबित कर दिया गया. कई बार मैंने पत्र लिखकर इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. थक हार कर आज मैं आपके पास न्याय की गुहार लगाने आया हूं.'

फरियाद सुनने के बाद जब सीएम ने निलंबित शिक्षक को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास जाने को कहा तो मधेपुरा के इस फरियादी ने सीएम से पूछा कि उनके पास जाकर क्या होगा. मेरी शिकायत उन्हीं के खिलाफ है. उनपर कार्रवाई हो सके इसलिए मैं आपके पास आया हूं. सीएम के सुरक्षा कर्मी इस दौरान शिक्षक को यहां से जबरन निकालने लगे तो सीएम ने सुरक्षा कर्मियों को रोक दिया और शिक्षक की पूरी बात सुनी. फरियादी की फरियाद सुनने के बाद सीएम ने आगे की कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं.

फरियादी ने कहा 'जगतपति चौधरी, तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी (मधेपुरा) वो माननीय उच्च न्यायालय (पटना), परीक्षा नियंत्रक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के आदेश की अवहेलना कर रहे थे. वरीयतम शिक्षक की जगह कनीय व प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों का खुलेआम रुपये लेकर चयन कर रहे थे. इसका हमने विरोध किया था.'

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि अगर आप अपने स्तर पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो परीक्षा विभाग का बिहार में कोई प्रतिष्ठा नहीं रह पाएगा. घोर अन्याय है. सर आपके पदाधिकारी को पत्र देने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. आपके अधिकारी को दर्जनों पत्र समर्पित किए पर कोई हल नहीं निकला. लेकिन सवाल ये उठता है कि जिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत है आखिर उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जाए.

सीएम नीतीश आज विभागों से संबंधित शिकायतें सुन रहे हैं. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को बुलाने के निर्देश दे रखे हैं. 200 के आसपास ही लोग जनता दरबार कार्यक्रम में बुलाए जा रहे हैं. जिन्हें जनता दरबार में बुलाया जा रहा है, उनका कोरोना टेस्ट करने के साथ उनका वैक्सीनेशन भी किया जएगा. जनता दरबार में आने वाले लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और फिर जिला प्रशासन की टीम उन्हें लेकर जनता दरबार पहुंचती है.

बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था. इसे http://cm.bihar.gov.in/live , https://www.facebook.com/iprdbihar , https://twitter.com/IPRD_Bihar और https://www.youtube.com/iprdbihar पर लाइव देखा जा सकता है.

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पटना: सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) लोगों की समस्याओं का समाधान जनता दरबार में कर रहे हैं. पटना में जनता दरबार (Janta Darbar) में शिकायतें लेकर लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस दौरान मधेपुरा से एक निलंबित शिक्षक सीएम के जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंचे. उन्होंने सीएम के सामने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी.

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मधेपुरा से आए शिक्षक ने कहा 'शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है. मुझे साजिशन निलंबित कर दिया गया. कई बार मैंने पत्र लिखकर इसकी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. थक हार कर आज मैं आपके पास न्याय की गुहार लगाने आया हूं.'

फरियाद सुनने के बाद जब सीएम ने निलंबित शिक्षक को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास जाने को कहा तो मधेपुरा के इस फरियादी ने सीएम से पूछा कि उनके पास जाकर क्या होगा. मेरी शिकायत उन्हीं के खिलाफ है. उनपर कार्रवाई हो सके इसलिए मैं आपके पास आया हूं. सीएम के सुरक्षा कर्मी इस दौरान शिक्षक को यहां से जबरन निकालने लगे तो सीएम ने सुरक्षा कर्मियों को रोक दिया और शिक्षक की पूरी बात सुनी. फरियादी की फरियाद सुनने के बाद सीएम ने आगे की कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं.

फरियादी ने कहा 'जगतपति चौधरी, तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी (मधेपुरा) वो माननीय उच्च न्यायालय (पटना), परीक्षा नियंत्रक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के आदेश की अवहेलना कर रहे थे. वरीयतम शिक्षक की जगह कनीय व प्राइवेट विद्यालयों के शिक्षकों का खुलेआम रुपये लेकर चयन कर रहे थे. इसका हमने विरोध किया था.'

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि अगर आप अपने स्तर पर कार्रवाई नहीं करेंगे तो परीक्षा विभाग का बिहार में कोई प्रतिष्ठा नहीं रह पाएगा. घोर अन्याय है. सर आपके पदाधिकारी को पत्र देने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. आपके अधिकारी को दर्जनों पत्र समर्पित किए पर कोई हल नहीं निकला. लेकिन सवाल ये उठता है कि जिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत है आखिर उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जाए.

सीएम नीतीश आज विभागों से संबंधित शिकायतें सुन रहे हैं. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को बुलाने के निर्देश दे रखे हैं. 200 के आसपास ही लोग जनता दरबार कार्यक्रम में बुलाए जा रहे हैं. जिन्हें जनता दरबार में बुलाया जा रहा है, उनका कोरोना टेस्ट करने के साथ उनका वैक्सीनेशन भी किया जएगा. जनता दरबार में आने वाले लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और फिर जिला प्रशासन की टीम उन्हें लेकर जनता दरबार पहुंचती है.

बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था. इसे http://cm.bihar.gov.in/live , https://www.facebook.com/iprdbihar , https://twitter.com/IPRD_Bihar और https://www.youtube.com/iprdbihar पर लाइव देखा जा सकता है.

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