मधेपुरा: प्रदेश में इन दिनों जोर-शोर से 'स्वच्छ भारत मिशन' अभियान चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत एक ओर केंद्र सरकार जहां स्वच्छ भारत ग्रमीण अभियान के तहत गांवों में हर घर में शौचालय बनाने और खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. वहीं, राज्य सरकार ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन यह योजना सरकारी बाबुओं के की लापरवाही का भेंट चढ़ गई है.दरअसल, मामला मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र का हैं जहां प्लास्टिक का बना बनाया शौचालय तो दिया गया लेकिन लाभार्थी आज भी इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
'बेकार पड़ा हुआ है शौचालय'
इसको लेकर शौचायल लाभार्थी कारी देवी ने बताया कि हर घर शौचालय योजना के तहत उन्हें एक साल पूर्व नगर परिषद की ओर से बना-बनाया हुआ शौचालय मिला लेकिन शौचालय के साथ सीट और कोई अन्य सामान सरकारी स्तर पर नहीं दिया गया. जिस वजह से यह ऐसे ही बेकार पड़ा हुआ है. हमें मजबूर होकर आज भी शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है.
'जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई'
वहीं, मामले पर नगर परिषद के वार्ड पार्षद मनीष कुमार ने बताया कि जन उत्थान के लिए जो भी विकास योजनाएं चालए जा रहे हैं. उसमें गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही शौचालय लगवाने के दिशा में ठोस पहल की जाएगी. योजना में कोताही बरतने वाले लोगों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाएगी