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मधेपुरा: CAA और NRC के खिलाफ CPI माले ने समाहरणालय गेट पर किया धरना-प्रदर्शन - क्या है सीएए

सीएए के विरोध में जिला भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय मुख्य गेट पर जमकर नारेबाजी की. विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा माले के प्रदेश कमिटी सदस्य ने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात नहीं कर रही है. यह कानून देशहित में नहीं है, इसलिए यह कानून जल्द से जल्द वापस हो.

भाकपा माले
भाकपा माले
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Published : Feb 25, 2020, 6:29 PM IST

मधेपुरा: सीएए के समर्थन और विरोध में पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में भाकपा माले ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में समाहरणालय मुख्य गेट पर जमकर नारेबाजी की. हालांकि मौके पर सुरक्षाकर्मियों ने समाहरणालय मुख्य गेट को बंद कर दिया.

'युवाओं को मिले रोजगार'
मौके पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा माले के प्रदेश कमिटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि सीएए को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन जारी है. लेकिन सरकार लोगों के विरोध के स्वर को दबा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की मांग है कि एनआरसी, सीएए जैसे कानून को वापस लिया जाए और युवाओं को रोजगार देने के बारे में कोई ठोस कानून बनाया जाए. इस दौरान भाकपा माले के सैकड़ो महिला-पुरूष कार्यकर्ता मौजूद रहे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या है सीएए ?
नागरिकता संशोधन कानून तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण चाहने वाले हिंदू, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है. इस कानून का किसी भारतीय नागरिकों का किसी तरह से लेना देना नहीं है. सीएए के कारण भारतीय नागरिकों को संविधान में जो मूल अधिकार मिले हैं, उस पर कोई खतरा नहीं है. बता दें कि सीएए पर सबसे पहले असम में विरोध शुरू हुआ था जो अब पूरे देश में फैल चुका है. कई इलाकों में यह विरोध हिंसक रूप ले चुका है.

मधेपुरा: सीएए के समर्थन और विरोध में पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में भाकपा माले ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में समाहरणालय मुख्य गेट पर जमकर नारेबाजी की. हालांकि मौके पर सुरक्षाकर्मियों ने समाहरणालय मुख्य गेट को बंद कर दिया.

'युवाओं को मिले रोजगार'
मौके पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा माले के प्रदेश कमिटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि सीएए को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन जारी है. लेकिन सरकार लोगों के विरोध के स्वर को दबा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की मांग है कि एनआरसी, सीएए जैसे कानून को वापस लिया जाए और युवाओं को रोजगार देने के बारे में कोई ठोस कानून बनाया जाए. इस दौरान भाकपा माले के सैकड़ो महिला-पुरूष कार्यकर्ता मौजूद रहे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

क्या है सीएए ?
नागरिकता संशोधन कानून तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण चाहने वाले हिंदू, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है. इस कानून का किसी भारतीय नागरिकों का किसी तरह से लेना देना नहीं है. सीएए के कारण भारतीय नागरिकों को संविधान में जो मूल अधिकार मिले हैं, उस पर कोई खतरा नहीं है. बता दें कि सीएए पर सबसे पहले असम में विरोध शुरू हुआ था जो अब पूरे देश में फैल चुका है. कई इलाकों में यह विरोध हिंसक रूप ले चुका है.

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