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मधेपुरा: कोटा से लौटे 572 छात्रों ने जमकर किया हंगामा, प्रशासन ने मीडिया कवरेज पर लगाया रोक

शुक्रवार की सुबह कोटा से चली स्पेशल ट्रेन सहरसा पहुंची, जहां से मधेपुरा के 572 छात्र को बस से आने गृह जिले में लाया गया. इस दौरान हुई असुविधाओं को लेकर छात्रों ने हंगामा किया.

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Published : May 8, 2020, 10:39 PM IST

Updated : May 9, 2020, 2:05 PM IST

मधेपुरा: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के बिहार लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को मधेपुरा के रहने वाले 572 छात्र कोटा से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से सहरसा पहुंचे. यहां से उन्हें बसों के माध्यम से अपने गृह जिला लाया गया. इस दौरान हुई असुविधाओं की वजह से छात्रों ने बीएन मंडल स्टेडियम में जमकर जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ हंगामा किया. इस दौरान प्रशासन ने मीडिया कवरेज रोकने की कोशिश की.

सुबह 9 बजे पहुंची ट्रेन
ट्रेन सुबह 9 बजे सहरसा रेलवे स्टेशन पहुंची. यहां बच्चों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. पूरे दिन बच्चे भूख और प्यास से तड़पते रहे, लेकिन उनके लिए मधेपुरा जिला प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. लंबे इंतजार के बाद बच्चों को बसों के माध्यम से तकरीबन शाम 6 बजे मधेपुरा के बीएन मंडल स्टेडियम लाया गया, जहां से पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में भेज गया.

देखें रिपोर्ट.

खाने-पीने की नहीं थी व्यवस्था
बच्चों के पहुंचने का इंतजार परिजन भी लगातार करते रहे थे. सहरसा से मधेपुरा पहुंचने के दौरान हुई असुविधाओं की वजह से छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्रों ने मधेपुरा जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों को खाने और पीने की कोई व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई. पूरे दिन हमलोग भूखे-प्यासे परेशान होते रहे. वहीं, बसों में 35 से 40 बच्चों को बिठाकर सहरसा से मधेपुरा लाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.

मधेपुरा
छात्रों ने दी जानकारी

मधेपुरा: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के बिहार लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को मधेपुरा के रहने वाले 572 छात्र कोटा से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से सहरसा पहुंचे. यहां से उन्हें बसों के माध्यम से अपने गृह जिला लाया गया. इस दौरान हुई असुविधाओं की वजह से छात्रों ने बीएन मंडल स्टेडियम में जमकर जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ हंगामा किया. इस दौरान प्रशासन ने मीडिया कवरेज रोकने की कोशिश की.

सुबह 9 बजे पहुंची ट्रेन
ट्रेन सुबह 9 बजे सहरसा रेलवे स्टेशन पहुंची. यहां बच्चों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. पूरे दिन बच्चे भूख और प्यास से तड़पते रहे, लेकिन उनके लिए मधेपुरा जिला प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. लंबे इंतजार के बाद बच्चों को बसों के माध्यम से तकरीबन शाम 6 बजे मधेपुरा के बीएन मंडल स्टेडियम लाया गया, जहां से पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में भेज गया.

देखें रिपोर्ट.

खाने-पीने की नहीं थी व्यवस्था
बच्चों के पहुंचने का इंतजार परिजन भी लगातार करते रहे थे. सहरसा से मधेपुरा पहुंचने के दौरान हुई असुविधाओं की वजह से छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्रों ने मधेपुरा जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम लोगों को खाने और पीने की कोई व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई. पूरे दिन हमलोग भूखे-प्यासे परेशान होते रहे. वहीं, बसों में 35 से 40 बच्चों को बिठाकर सहरसा से मधेपुरा लाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.

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छात्रों ने दी जानकारी
Last Updated : May 9, 2020, 2:05 PM IST
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