मधेपुरा: आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. वहीं, जिले के सदर अस्पताल में जमीनी स्तर पर विभाग की कार्यशैली और सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आईसीयू की शुरुआत के लिए अब तक कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था नहीं होने की वजह से दूरदराज के इलाके से आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
लाखों के उपकरण हो रहे हैं खराब
दरअसल, मधेपुरा सदर अस्पताल में आईसीयू, एनआईसीयू उपलब्ध होने के बावजूद अबतक इसकी शुरूआत नहीं हो सकी है. जिसकी वजह से जिले भर से आए मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है. बता दें कि अस्पताल परिसर में वर्ष 2010 में तकरीबन 42 लाख रुपए की लागत से बने आईसीयू की शुरूआत अब तक नहीं हो सकी है. वर्तमान में आईसीयू की गेट पर ताला लगे होने से लाखों रूपए के उपकरण खराब हो रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले पर असंवेदनशील नजर आ रहा है.
'नहीं जाना पड़ेगा प्राइवेट अस्पताल'
मामले में जिला सदर अस्पताल डीएस ने कहा की फिलहाल आईसीयू के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं उपलब्ध हैं. उनके आने के साथ ही आईसीयू की शुरूआत कर दी जाएगी. अस्पताल में स्टाफ की कमी है जिसकी वजह से चीजें सुचारू रूप से नहीं चल पा रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आईसीयू की व्यवस्था शुरू हो जाए तो आम लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.