मधेपुरा: जिला मुख्यालय के पश्चिमी बाईपास के पास करोड़ों की लागत से बने मॉडल और हाईटेक सुविधा युक्त सरकारी बस पड़ाव बनकर तैयार है. लेकिन अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है. बता दें कि इस नए बस स्टैंड पर बस पार्किंग के लिए पर्याप्त प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं. जिससे यात्रियों को आवागमन में सुविधा दी जा सके.
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के काम में गुणवत्ता की कमी पाई गई है. जिसकी वजह से कंस्ट्रक्शन कंपनी का भुगतान रोक दिया गया है. उन्हें जल्द से जल्द मानक के अनुसार प्रोजेक्ट को तैयार करने का निर्देश दिया गया है. जिसके बाद इस बस स्टैंड को हैंडओवर कर दिया जाएगा.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को नहीं दिया गया बढ़ावा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट विभाग और कार्यदाई संस्था के बीच फंसे पेंच की वजह से अधर में लटका है. बता दें कि गांव को नगर से और नगर को महानगर से जोड़ने के लिए सड़क बनी, पुल का भी निर्माण हुआ. लेकिन इन सड़कों पर यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की तरफ से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा नहीं दिया गया. इस वजह से सड़क पर सरकारी बस का आवागमन नहीं हो पा रहा है.
प्राइवेट बस संचालकों की बढ़ रही मनमानी
सरकारी बस स्टैंड का काम तकरीबन 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है. लेकिन इसकी शुरुआत नहीं होने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के रास्ते भी बंद हो रहे हैं. नतीजतन इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं, मधेपुरा से राज्य के बड़े शहरों तक जाने के लिए सरकारी बसों की शुरुआत नहीं होने की वजह से प्राइवेट बस संचालकों की मनमानी भी बढ़ रही है.