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कटाव से नदी में समा गया 22 लाख की लागत से बना छठ घाट, सूचना के बाद भी अधिकारी रहे लापरवाह

जब नदी का कटाव घाट की ओर तेजी से बढ़ रहा था, तो स्थानीय लोगों ने इसकी लिखित सूचना नगर परिषद के अधिकारी और पार्षदों को भी दी गई. लेकिन किसी भी अधिकारी की नींद नहीं खुली.

नदी में समाया छठ घाट
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Published : Sep 6, 2019, 1:53 PM IST

मधेपुराः तीन साल पूर्व 22 लाख की लागत से निर्मित छठ घाट अधिकारियों की लापरवाही के कारण नदी में समा गया. जिसे लेकर स्थानीय लोग काफी आक्रोशित हैं. लोगों का कहना है कि छठ घाट ध्वस्त हो जाने से इस बार छठव्रतियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी.

madhepura
नदी में समाया घाट

धीरे-धीरे नदी के कटाव में बह गया घाट
दरअसल, नगर परिषद ने जिला मुख्यालय के भिरखी स्थित रेलवे पुल के पास 22 लाख रुपये की लागत से विशाल पक्की छठ घाट का निर्माण कराया था. निर्माण के समय नदी का बहाव नीचे और अलग था. लेकिन धीरे-धीरे नदी का कटाव तेज होता गया और घाट की ओर तेजी से बढ़ता गया और आखिरकार घाट नदी में विलीन हो गया.

madhepura
नदी में आया उफान

पहले ही दी गई थी लिखित सूचना
जब नदी का कटाव घाट की ओर तेजी से बढ़ रहा था, तो स्थानीय लोगों ने इसकी लिखित सूचना नगर परिषद के अधिकारी और पार्षदों को भी दी गई. लेकिन किसी भी अधिकारी की नींद नहीं खुली. अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही छठ घाट का आधा हिस्सा नदी में विलीन हो गया और शेष हिस्सा किसी भी समय नदी में समा सकता है. अगर कटाव से पूर्व घाट को बचाने का प्रयास किया जाता तो नदी के बहाव को दूसरी तरफ मोड़ा जा सकता था.

नदी में समाया छठ घाट

नए छठ घाट का होगा निर्माण
स्थानीय निवासी प्रो0 सूरज मंडल ने कहा कि इसी तरह सरकारी राशि का दुरुपयोग और लूट खसौट कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को इस बात का अनुमान था कि यह घाट आज नहीं तो कल नदी के कटाव में विलीन हो ही जाएगा. इसके बाद दोबारा फिर से छठ घाट का निर्माण किया जाएगा, ताकि उसमें लूट खसौट का रास्ता साफ हो सके. उधर वार्ड पार्षद ध्यानी यादव ने कहा कि जल्द ही नगर परिषद क्षेत्र में नए छठ घाट का निर्माण करवाया जाएगा.

मधेपुराः तीन साल पूर्व 22 लाख की लागत से निर्मित छठ घाट अधिकारियों की लापरवाही के कारण नदी में समा गया. जिसे लेकर स्थानीय लोग काफी आक्रोशित हैं. लोगों का कहना है कि छठ घाट ध्वस्त हो जाने से इस बार छठव्रतियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी.

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नदी में समाया घाट

धीरे-धीरे नदी के कटाव में बह गया घाट
दरअसल, नगर परिषद ने जिला मुख्यालय के भिरखी स्थित रेलवे पुल के पास 22 लाख रुपये की लागत से विशाल पक्की छठ घाट का निर्माण कराया था. निर्माण के समय नदी का बहाव नीचे और अलग था. लेकिन धीरे-धीरे नदी का कटाव तेज होता गया और घाट की ओर तेजी से बढ़ता गया और आखिरकार घाट नदी में विलीन हो गया.

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नदी में आया उफान

पहले ही दी गई थी लिखित सूचना
जब नदी का कटाव घाट की ओर तेजी से बढ़ रहा था, तो स्थानीय लोगों ने इसकी लिखित सूचना नगर परिषद के अधिकारी और पार्षदों को भी दी गई. लेकिन किसी भी अधिकारी की नींद नहीं खुली. अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही छठ घाट का आधा हिस्सा नदी में विलीन हो गया और शेष हिस्सा किसी भी समय नदी में समा सकता है. अगर कटाव से पूर्व घाट को बचाने का प्रयास किया जाता तो नदी के बहाव को दूसरी तरफ मोड़ा जा सकता था.

नदी में समाया छठ घाट

नए छठ घाट का होगा निर्माण
स्थानीय निवासी प्रो0 सूरज मंडल ने कहा कि इसी तरह सरकारी राशि का दुरुपयोग और लूट खसौट कर लिया जाता है. उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को इस बात का अनुमान था कि यह घाट आज नहीं तो कल नदी के कटाव में विलीन हो ही जाएगा. इसके बाद दोबारा फिर से छठ घाट का निर्माण किया जाएगा, ताकि उसमें लूट खसौट का रास्ता साफ हो सके. उधर वार्ड पार्षद ध्यानी यादव ने कहा कि जल्द ही नगर परिषद क्षेत्र में नए छठ घाट का निर्माण करवाया जाएगा.

Intro:मधेपुरा में तीन साल पूर्व 22 लाख की लागत से निर्मित छठ घाट अधिकारी की लापरवाही के कारण नदी में हुआ विलीन,अधिकारी चाहते तो बच सकता था घाट।सब दूसरे जगह फिर बनाने की जा रही है बात।


Body:मधेपुरा जिला मुख्यालय के भिरखी स्थित रेलवे पुल के पास तीन साल पूर्व 22 लाख रुपये की लागत से विशाल पक्की छठ घाट का निर्माण नगर परिषद द्वारा किया गया था।निर्माण के समय नदी का बहाव नीचे व अलग था।लेकिन धीरे धीरे नदी का कटाव तेज होते गया और घाट की ओर तेजी से बढ़ते गया।उल्लेखनीय बात तो यह है कि जब नदी का कटाव घाट की ओर तेजी से बढ़ रहा था,तो स्थानीय लोगों द्वारा इसकी लिखित सूचना नगर परिषद के अधिकारी व पार्षदों को भी दी गई।लेकिन नहीं अधिकारी की नींद खुली और नहीं पार्षदों की।जिसके कारण छठ घाट का आधा हिस्सा नदी में विलीन हो चुका है और शेष हिस्सा किसी भी छन नदी में समा जाएगा।अगर कटाव से पूर्व घाट को बचाने का प्रयास किया जाता तो नदी के बहाव को मोड़कर बचाया जा सकता था।स्थानीय निवासी प्रो0सूरज मंडल ने कहा कि इसी तरह सरकारी कोष की राशि का दुरुपयोग प्री प्लांनिग के तहत करके लूट खसौट कर बंदर बांट कर डकार लिया जाता है।उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को इस बात का अनुमान था कि यह घाट आज न कल नदी के कटाव में विलीन हो ही जाएगा।इसके बाद दुबारा फिर से छठ घाट का निर्माण किया जाएगा ताकि उसमें लूट खसौट का रास्ता साफ हो सके।छठ घाट ध्वस्त हो जाने से इस बार खासकर छठव्रतियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी।उधर वार्ड पार्षद ध्यानी यादव ने कहा कि जल्द ही नगर परिषद शेत्र में नए छठ घाट का निर्माण करवाया जाएगा।बाइट--1---प्रो0सूरज मंडल--स्थानीय।बाइट--2----ध्यानी यादव---वार्ड पार्षद।



Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
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