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मधेपुराः बीएन मंडल यूनिवर्सिटी पर अनियमितता के आरोप, सत्र नियमित नहीं होने से छात्र परेशान

बीएन मंडल यूनिवर्सिटी सत्र नियमित नहीं होने के कारण छात्रों को काफी परेशानी होती है. रिजल्ट की गड़बड़ी में सुधार नहीं होने के कारण छात्रों को फिर से परीक्षा देनी होती है.

मधेपुरा
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Published : Feb 29, 2020, 1:11 PM IST

मधेपुराः जिले के बीएन मंडल यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है. यहां तक की सत्र भी नियमित नहीं है, जिससे छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार रिजल्ट में मामूली गड़बड़ियों की भी सुधार नहीं हो पाती है. इस वजह से छात्रों को फिर से परीक्षा देनी पड़ती है. इससे परेशान होकर कई छात्र तो पढ़ाई भी छोड़ देते हैं और कई दूसरे यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लेते हैं.

अनियमितता का आरोप
छात्रों ने कहा कि यूनिवर्सिटी छात्रों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. तमाम योजनाओं में घोर अनियमितता बरती जा रही है. छात्र परेशान रहते हैं. वहीं, स्थानीय अधिवक्ता डॉ. राजीव जोशी ने बताया कि यह यूनिवर्सिटी अपने स्थापना काल 1992 से लेकर अभी तक गड़बड़ी के लिए कई बार विवादों में आ चुका है. बता दें कि यहां के छोटे से बड़े अधिकारियों तक पर योजनाओं में अनियमितता के आरोप लग चुके हैं. यहां की गड़बड़ी के कई मामले अब भी उच्च न्यायालय और राजभवन में विचाराधीन हैं.

पेश है रिपोर्ट

'हो रहे हैं सुधार'
वहीं, यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि परीक्षा को लेकर छात्रों की समस्या को खत्म करने पर काम चल रहा है. कुलपति के निर्देश के बाद परीक्षा को नियमित कर दिया गया है. कुछ रिजल्ट जो पेंडिंग हैं, उसमें सुधार किया जा रहा है.

मधेपुराः जिले के बीएन मंडल यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है. यहां तक की सत्र भी नियमित नहीं है, जिससे छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार रिजल्ट में मामूली गड़बड़ियों की भी सुधार नहीं हो पाती है. इस वजह से छात्रों को फिर से परीक्षा देनी पड़ती है. इससे परेशान होकर कई छात्र तो पढ़ाई भी छोड़ देते हैं और कई दूसरे यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लेते हैं.

अनियमितता का आरोप
छात्रों ने कहा कि यूनिवर्सिटी छात्रों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. तमाम योजनाओं में घोर अनियमितता बरती जा रही है. छात्र परेशान रहते हैं. वहीं, स्थानीय अधिवक्ता डॉ. राजीव जोशी ने बताया कि यह यूनिवर्सिटी अपने स्थापना काल 1992 से लेकर अभी तक गड़बड़ी के लिए कई बार विवादों में आ चुका है. बता दें कि यहां के छोटे से बड़े अधिकारियों तक पर योजनाओं में अनियमितता के आरोप लग चुके हैं. यहां की गड़बड़ी के कई मामले अब भी उच्च न्यायालय और राजभवन में विचाराधीन हैं.

पेश है रिपोर्ट

'हो रहे हैं सुधार'
वहीं, यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि परीक्षा को लेकर छात्रों की समस्या को खत्म करने पर काम चल रहा है. कुलपति के निर्देश के बाद परीक्षा को नियमित कर दिया गया है. कुछ रिजल्ट जो पेंडिंग हैं, उसमें सुधार किया जा रहा है.

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