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2017 में UNFIT घोषित किए जाने के बावजूद चल रहा स्कूल, जोखिम में 2000 बच्चियों की जान - school building rust

जिले के लोगों ने कड़ी मशक्कत कर चंदा इक्ट्ठा करके साल1968 में श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय का निर्माण कराया था. कुछ दिनों बाद ही इन दोनों स्कूलों को सरकार ने अपने अधीन ले लिया.

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Published : Jul 9, 2019, 8:24 PM IST

लखीसराय: बिहार में शिक्षा की दशा किसी से छुपी नहीं है. शिक्षा स्तर में सुधार के लिए सरकार कितने ही दावे क्यों ना कर ले लेकिन, उनकी कोशिश के विपरीत ही परिणाम नजर आता है. लखीसराय के नया बाजार दाल पट्टी स्थित श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय की स्थिति बहुत ही लचर है.

आलम यह है कि छत कभी भी गिर सकती है. यहां बेंच के होने के बावजूद भी बच्चियां जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. महज दो तल्लों में बने दो कमरों में 2000 बच्चियों का पूरा स्कूल सिमट गया है. निचले तल्ले में मध्य विद्यालय की 900 और पहले तल्ले में चल रहे उच्च विद्यालय में 1100 छात्राएं पढ़ रही हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

चंदा इक्ट्ठा कर बनाया गया था विद्यालय
जिले के लोगों ने कड़ी मशक्कत कर चंदा इक्ट्ठा करके साल 1968 में श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय का निर्माण कराया था. कुछ दिनों बाद ही इन दोनों स्कूलों को सरकार ने अपने अधीन ले लिया. लेकिन, आज इस विद्यालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है. सरकार इसके रख-रखाव में पूरी तरह से फेल साबित हुई है.

lakhisarai
एक कमरे में पढ़ रही छात्राएं

2017 में नगर परिषद ने लगाया था अनफिट का तमगा
शिक्षा विभाग के अधीन होने के बावजूद भी विकास योजनाओं के लिए मिलने वाले पैसों को विकास कार्य में नहीं लगाया गया. नतीजतन यह स्कूल खंडर हो चुका है. विद्यालय की रंगाई-पुताई, रख-रखाव पर शिक्षा विभाग ने कभी ध्यान नहीं दिया. हैरानी वाली बात यह है कि साल 2017 के अक्टूबर माह में नगर परिषद ने इस स्कूल को अनफिट घोषित किया था. इसके बाद भी धड़ल्ले से बच्चियों को पढ़ाया जा रहा है.

जान जोखिम में डाल कर पढ़ रही बच्चियां
यहां पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि बरसात के दिनों में मुश्किलें दोगुनी हो जाती हैं. विद्यालय भवन की छत से पानी टपकता रहता है. पढ़ाई बहुत बाधित होती है. लेकिन, वह मजबूर हैं. इसके अलावा भवन में उन्हें जान जाने का भी डर सताता रहता है.

lakhisarai
स्कूल प्रिंसिपल और जिला शिक्षा पदाधिकारी

शिकायत के बावजूद नहीं निकला समाधान
इस संदर्भ में जब स्कूल प्रचार्या गायत्री यादव से पूछा गया तो उन्होंने विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत करने की बात कही. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले उन्होंने पत्र लिखा था. लेकिन, कोई सुध नहीं ली गई. पत्र में उन्होंने पठन -पाठन कार्य को सुदृढ़ करने के लिए किसी दूसरे संस्थान भवन में शिफ्ट किए जाने की भी मांग की थी. इस मसले पर डीईओ सुनयना कुमारी ने बताया कि लखीसराय के श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय का भवन परित्यक्त घोषित हो जाने के बाद उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर किसी दूसरे स्कूल के खाली भावन में शिफ्ट करने की बात कही है.

लखीसराय: बिहार में शिक्षा की दशा किसी से छुपी नहीं है. शिक्षा स्तर में सुधार के लिए सरकार कितने ही दावे क्यों ना कर ले लेकिन, उनकी कोशिश के विपरीत ही परिणाम नजर आता है. लखीसराय के नया बाजार दाल पट्टी स्थित श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय की स्थिति बहुत ही लचर है.

आलम यह है कि छत कभी भी गिर सकती है. यहां बेंच के होने के बावजूद भी बच्चियां जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. महज दो तल्लों में बने दो कमरों में 2000 बच्चियों का पूरा स्कूल सिमट गया है. निचले तल्ले में मध्य विद्यालय की 900 और पहले तल्ले में चल रहे उच्च विद्यालय में 1100 छात्राएं पढ़ रही हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

चंदा इक्ट्ठा कर बनाया गया था विद्यालय
जिले के लोगों ने कड़ी मशक्कत कर चंदा इक्ट्ठा करके साल 1968 में श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय का निर्माण कराया था. कुछ दिनों बाद ही इन दोनों स्कूलों को सरकार ने अपने अधीन ले लिया. लेकिन, आज इस विद्यालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है. सरकार इसके रख-रखाव में पूरी तरह से फेल साबित हुई है.

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एक कमरे में पढ़ रही छात्राएं

2017 में नगर परिषद ने लगाया था अनफिट का तमगा
शिक्षा विभाग के अधीन होने के बावजूद भी विकास योजनाओं के लिए मिलने वाले पैसों को विकास कार्य में नहीं लगाया गया. नतीजतन यह स्कूल खंडर हो चुका है. विद्यालय की रंगाई-पुताई, रख-रखाव पर शिक्षा विभाग ने कभी ध्यान नहीं दिया. हैरानी वाली बात यह है कि साल 2017 के अक्टूबर माह में नगर परिषद ने इस स्कूल को अनफिट घोषित किया था. इसके बाद भी धड़ल्ले से बच्चियों को पढ़ाया जा रहा है.

जान जोखिम में डाल कर पढ़ रही बच्चियां
यहां पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि बरसात के दिनों में मुश्किलें दोगुनी हो जाती हैं. विद्यालय भवन की छत से पानी टपकता रहता है. पढ़ाई बहुत बाधित होती है. लेकिन, वह मजबूर हैं. इसके अलावा भवन में उन्हें जान जाने का भी डर सताता रहता है.

lakhisarai
स्कूल प्रिंसिपल और जिला शिक्षा पदाधिकारी

शिकायत के बावजूद नहीं निकला समाधान
इस संदर्भ में जब स्कूल प्रचार्या गायत्री यादव से पूछा गया तो उन्होंने विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत करने की बात कही. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले उन्होंने पत्र लिखा था. लेकिन, कोई सुध नहीं ली गई. पत्र में उन्होंने पठन -पाठन कार्य को सुदृढ़ करने के लिए किसी दूसरे संस्थान भवन में शिफ्ट किए जाने की भी मांग की थी. इस मसले पर डीईओ सुनयना कुमारी ने बताया कि लखीसराय के श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय का भवन परित्यक्त घोषित हो जाने के बाद उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर किसी दूसरे स्कूल के खाली भावन में शिफ्ट करने की बात कही है.

Intro:लखीसराय नया बाजार दाल पट्टी स्थित श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय लखीसराय को स्थानीय लोगों ने 1968 ईसवी में स्थानीय लोगों के सहयोग और चंदा के द्वारा भवन का निर्माण कराया गया था। तभी से स्थानीय बच्चों को शिक्षा दी जाने लगी। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद इन दोनों स्कूलों को सरकार अपने अधीन ले लिया।
श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं निचले तल में चल रहे मध्य विद्यालय जिला शिक्षा विभाग के अधीनस्थ रहने के बाद आज तक विकास योजनाओं से आए पैसे को मरम्मत कार्य में नहीं लगाया गया। विद्यालय की रंगाई पुताई रखरखाव पर शिक्षा विभाग ने कभी ध्यान नहीं दी जिसके कारण आज यह भवन बिल्कुल जर्जर हो गया है। और इसी जर्जर भवन में आज भी तकरीबन 2000 बच्चों को ज्ञान का पाठ पढ़ाया जा रहा है।


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जर्जर भवन में चल रहा है श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं मध्य विद्यालय
---- 2 साल से परित्यक्त भवन में पढ़ रहे हैं जो हजारों स्कूली बच्चे
---- वर्ष 2017 के अक्टूबर माह में नगर परिषद ने किया था अनफिट घोषित
-- समय रहते प्रशासन नहीं संभले तो हो सकती है बड़ी हादसा

anchor-- लखीसराय नया बाजार दालपट्टी स्थित श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय एवं निचले तल में चल रहे मध्य विद्यालय की भवन को नगर परिषद के पदाधिकारियों ने जांच के बाद वर्ष 2017 के अक्टूबर माह में ही परित्यक्त घोषित कर दिया था।

उसके बाद भी यहां करीब 2000 स्कूली बच्चे जान में जोखिम डालकर पठन-पाठन का कार्य कर रहे हैं। स्कूल के वर्ग कक्ष का भवन जर्जर रहने के कारण कभी भी कोई बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

इस संदर्भ में स्कूल के प्रधानाचार्य गायत्री यादव ने विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत भी की है। परंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी किसी ने कोई सुध नहीं लिया।

खानापूरी के तौर पर लखीसराय शिक्षा विभाग ने जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है ।और उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कहा है श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय की पठन -पाठन कार्य को सुदृढ़ करने के लिए किसी दूसरे संस्थान भवन में शिफ्ट किया जाए।

डीईओ ने डीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि मध्य विद्यालय नया बाजार एवं उसके ऊपरी तल में चल रहे श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय का भवन परित्यक्त घोषित किया जा चुका है जो किसी भी कीमत पर उपयोग के लायक नहीं है।
साथ ही बरसात के दिनों में विद्यालय भवन की छत से पानी टपकता रहता है । इसके बाद भी ऊपरी तल में 1100 छात्र-छात्राएं जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर है। वहीं निचले तल में 900 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।
अगर समय रहते जिला प्रशासन द्वारा इस परित्यक्त भवन को हटा का नए भवन के निर्माण कर बच्चों के भविष्य के साथ न्याय करें।

V,O 1-- श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापिका गायत्री जाधव ने कहा कि विद्यालय भवन के तीन कमरे का छत काफी जर्जर हो चुका है और यह हमारा मती योग भी नहीं है लखीसराय नगर परिषद के अभियंता द्वारा जांच के दौरान इस भवन को अनफिट घोषित कर दिया है। भवन का दीवार जगह-जगह फटा हुआ है। छत से पानी टपकता है। जिसकी मरम्मत किया जाना भी संभव नहीं है। इस संदर्भ में हमने लखीसराय जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं डीएम को इसकी जानकारी दे दी है। बच्चों के पठन-पाठन के लिए हमें दो ही कमरा में किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। कभी कभी बच्चे ज्यादा आ जाते हैं तीन जर्जर भवनों में भी बच्चों को बैठाकर पढ़ाई ली जाती है यहां पठन-पाठन के दौरान कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
byte---गायत्री यादव--प्राधानाध्यापिका

V,O 2,,, डीईओ सुनयना कुमारी ने बताया कि लखीसराय के श्री दुर्गा बालिका उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय लखीसराय का भवन परित्यक्त घोषित हो जाने के बाद हम ने डीएम को पत्र लिखकर किसी दूसरे स्कूल के खाली भावन में शिफ्ट करने की बात कही है। हादसे की आशंका को देखते हुए हमने आर लाल कॉलेज का भवन एवं केआरके उच्च विद्यालय के अधीन विज्ञान भवन में वर्ग संचालन के लिए निर्देश देने की भी मांग की है। इस संदर्भ में अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है।

byte,,,सुनयना कुमारी,,,, जिला शिक्षा पदाधिकारी लखीसराय।






Conclusion:लखीसराय नगर परिषद द्वारा अक्टूबर 2017 में विद्यालय भवन की दुर्दशा को देखते हुए परित्यक्त घोषित कर दिया गया था। परित्यक्त घोषित होने के बाद लगभग 2 साल तक विद्यार्थी अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते रहे और विभाग सोया रहा। 2 साल के बाद भी विभाग की नींद नहीं टूटी है और विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर है।

इंजीनियर द्वारा भवन को अनफिट घोषित किए जाने के बाद भी प्रशासनिक अमला सोया हुआ है और अभी भी दोनों विद्यालय में पढ़ाई कार्य जारी है।

शुक्र तो यह कि प्रत्येक भवन में पढ़ाई चल रहा है और किसी प्रकार की अभी तक अप्रिय घटना नहीं घटी है।
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