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Chhath Puja 2022: लखीसराय में गंगा स्नान को लेकर उमड़ी छठव्रती श्रद्धालुओं की भीड़ - छठ पूजा 2022

लखीसराय में गंगा स्नान के लिए छठ व्रतियों की भीड़ (Crowd of Chhath Vratis in Lakhisarai) घाटों पर जमा हो गई है. हजारों की संख्या में लोग छठ पर्व से पहले गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. कल से शुरू होगा आस्था का महापर्व छठ. आगे पढ़ें पूरी खबर...

छठवर्तियों का गंगा स्नान
छठवर्तियों का गंगा स्नान
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Published : Oct 27, 2022, 2:30 PM IST

लखीसराय: बिहार के लखीसराय में गंगा स्नान (Ganga bath in Lakhisarai) को लेकर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ गई है. महापर्व छठ की तैयारी को लेकर छठवर्ती महिलाएं गंगा स्नान करने लखीसराय के बड़हिया पहुंची, जहां हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ देखी गई. कल से आस्था के महापर्व छठ की शुरूआत होने वाली है, ऐसे में लोगों हर्षोल्लास का माहौल है.

पढ़ें-Chhath Puja 2022: छठ में चढ़ने वाले इन प्रसादों का है खास महत्व, छठी मईया होती हैं प्रसन्न

बड़हिया में गंगा स्नान: लखीसराय के अलावा अन्य राज्यों में भी छठ पूजा को लेकर तैयारी चल रही है. लोग अपने घर की सफाई के साथ ही गंगा स्नान के लिए आज बड़हिया पहुंचे. यहां हजारों की संख्या से अधिक छठवर्ती महिला गंगा को पूजते हुए अपने साथ गंगा के जल को लेकर अपने अपने घर जा रही है. इसी गंगा के पानी का लोग छठ पूजा में पकमान, लडडू और अन्य चीजो में इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से मनाया जाता है. ये व्रत संतान की लंबी उम्र, उसके स्वास्थ्य, उज्जवल भविष्य, दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना के लिए रखा जाता है. ये व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. पूरे 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को छठव्रती महिला सहित पुरूष भी रखते हैं.

षष्ठी तिथि को होता है मुख्य व्रत: इस दौरान व्रती चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखता है. छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है. लेकिन ये पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद ही समाप्त किया जाता है. छठ महापर्व नहाय खाय से शुरू होता है और उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दने के बाद इसका समापन किया जाता है. इस पर्व के समय साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है. दुरदराज से भी लोग आकर इस पर्व में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

पढ़ें- Chhath Puja 2022: जानिए क्यों मनाया जाता है छठ महापर्व, क्या है इसका पौराणिक म

लखीसराय: बिहार के लखीसराय में गंगा स्नान (Ganga bath in Lakhisarai) को लेकर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ गई है. महापर्व छठ की तैयारी को लेकर छठवर्ती महिलाएं गंगा स्नान करने लखीसराय के बड़हिया पहुंची, जहां हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ देखी गई. कल से आस्था के महापर्व छठ की शुरूआत होने वाली है, ऐसे में लोगों हर्षोल्लास का माहौल है.

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बड़हिया में गंगा स्नान: लखीसराय के अलावा अन्य राज्यों में भी छठ पूजा को लेकर तैयारी चल रही है. लोग अपने घर की सफाई के साथ ही गंगा स्नान के लिए आज बड़हिया पहुंचे. यहां हजारों की संख्या से अधिक छठवर्ती महिला गंगा को पूजते हुए अपने साथ गंगा के जल को लेकर अपने अपने घर जा रही है. इसी गंगा के पानी का लोग छठ पूजा में पकमान, लडडू और अन्य चीजो में इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से मनाया जाता है. ये व्रत संतान की लंबी उम्र, उसके स्वास्थ्य, उज्जवल भविष्य, दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना के लिए रखा जाता है. ये व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. पूरे 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को छठव्रती महिला सहित पुरूष भी रखते हैं.

षष्ठी तिथि को होता है मुख्य व्रत: इस दौरान व्रती चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखता है. छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है. लेकिन ये पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद ही समाप्त किया जाता है. छठ महापर्व नहाय खाय से शुरू होता है और उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दने के बाद इसका समापन किया जाता है. इस पर्व के समय साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है. दुरदराज से भी लोग आकर इस पर्व में अपने परिवार के साथ रहते हैं.

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