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किशनगंज: सीएए के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने PM मोदी और CM नीतीश का फूंका पुतला

जिले के गांधी चौक पर युथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देश में बढ़ती बेरोजगारी और सीएए के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी और सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. मौके पर दर्जनों कार्यकर्ता घंटो नारेबाजी करते रहे.

किशनगंज
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Published : Feb 24, 2020, 10:53 PM IST

किशनगंज: जिले में युथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देश में बढ़ती बेरोजगारी, मंहगाई, सीएए और एनआरसी को लेकर गांधी चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. इस दौरान कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने घंटो नारेबाजी भी की.

'फूट डालो की राजनीति कर रही सरकार'
मौके पर यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरफराज खां ने कहा कि देश मे महंगाई चरम सीमा पर है. गरीब लोगों का जीना दूभर हो गया है. सरकार सीएए और अन्य ज्वलंत मुद्दे को समाने कर जनता को उलझा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जात-पात के नाम पर लोगों में फूट डाल रही है.

'काला कानून है सीएए'
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी देश पर एक अनचाहा बोझ है. इस कानून को लेकर पूरे देश में अराजकता फैली हुई है. लेकिन केंद्र सरकार इस कानून के विरोध के मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यह कानून अंग्रेजों के काला कानून के समान है. सरकार इस कानून को जल्द से जल्द वापस ले.

पेश है एक रिपोर्ट

क्या है सीएए?
नागरिकता संशोधन कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण चाहने वाले हिंदू, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों नागरिकता देने के लिए बनाया गया एक कानून है.

किशनगंज: जिले में युथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देश में बढ़ती बेरोजगारी, मंहगाई, सीएए और एनआरसी को लेकर गांधी चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. इस दौरान कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने घंटो नारेबाजी भी की.

'फूट डालो की राजनीति कर रही सरकार'
मौके पर यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरफराज खां ने कहा कि देश मे महंगाई चरम सीमा पर है. गरीब लोगों का जीना दूभर हो गया है. सरकार सीएए और अन्य ज्वलंत मुद्दे को समाने कर जनता को उलझा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जात-पात के नाम पर लोगों में फूट डाल रही है.

'काला कानून है सीएए'
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी देश पर एक अनचाहा बोझ है. इस कानून को लेकर पूरे देश में अराजकता फैली हुई है. लेकिन केंद्र सरकार इस कानून के विरोध के मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यह कानून अंग्रेजों के काला कानून के समान है. सरकार इस कानून को जल्द से जल्द वापस ले.

पेश है एक रिपोर्ट

क्या है सीएए?
नागरिकता संशोधन कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में शरण चाहने वाले हिंदू, सिख, इसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों नागरिकता देने के लिए बनाया गया एक कानून है.

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