किशनगंज: जिले में स्थित रचना भवन में रविवार को पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ गौरी मौलेखी ने किशनगंज के सभी पुलिस अधिकारियों के साथ एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें जानवरों पर हो रहे क्रूरता और तस्करी को कैसे रोका जा सकता है, इसको लेकर प्रशिक्षण दिया गया.
नए कानून की दी गई जानकारी
गौरी मौलेखी ने बताया कि आज की कार्यशाला का उद्देश्य है कि कैसे पशु तस्करी को रोका जाए. इसके साथ ही जो पशु क्रूरता के खिलाफ नया कानून बना है, उसके प्रति पुलिस और अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जा सके और उन प्रावधानों को सही तरीके से लागू किया जा सके. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन करने के लिए बिहार सरकार ने आदेश दिया था. ताकि सभी सीमावर्ती जिले में अधिकारियों को इस नए कानून की जानकारी दी जा सके. इस कार्यशाला में किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा, पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष, एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट कुमार सुंदरम समेत जिले के सभी थाना प्रभारी उपस्थित रहे.
कई अधिकारी रहे मौजूद
यह कार्यशाला ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया और पीपल फॉर एनिमल और बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के साथ मिलकर आयोजित की गई. इन कार्यशालाओं को नेपाल में गदीमाई के लिए जानवरों को अवैध रूप से ले जाने के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से बिहार के सात जिलों में आयोजित किया जा रहा है. इसमें उप निरीक्षक, स्टेशन हाउस अधिकारी, एसपीसीए अधिकारी और जिला के पशुपालन अधिकारी शामिल थे.
राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से किया है सम्मानित
बता दें कि गौरी मौलेखी पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ हैं और इस विषय पर कई पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षक है. पशु कल्याण में अनेक योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था. गौरी मौलेखी सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों की तरफ से आयोजित जानवरों के कल्याण के सम्बंध में गठित कई समितियों का हिस्सा रही हैं. वो गदीमाई पशु मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता थी. जहां मवेशियों की तस्करी को रोकने के लिए न्यायालय ने निर्देश दिये थे. इसके साथ ही वह भारत में कई प्रमुख पशु कल्याण संगठनों का हिस्सा हैं.