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किशनगंज: पशु कल्याण कानून पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन, कई अधिकारी रहे मौजूद - animal welfare law in kishanganj

गौरी मौलेखी पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ हैं और इस विषय पर कई पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षक है. पशु कल्याण में अनेक योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था.

अधिकारियों को कानून की जानकारी देती गौरी मौलेखा
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Published : Sep 15, 2019, 1:57 PM IST

किशनगंज: जिले में स्थित रचना भवन में रविवार को पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ गौरी मौलेखी ने किशनगंज के सभी पुलिस अधिकारियों के साथ एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें जानवरों पर हो रहे क्रूरता और तस्करी को कैसे रोका जा सकता है, इसको लेकर प्रशिक्षण दिया गया.

animal welfare workshop in kishangan
कार्यशाला में मौजूद अधिकारी

नए कानून की दी गई जानकारी
गौरी मौलेखी ने बताया कि आज की कार्यशाला का उद्देश्य है कि कैसे पशु तस्करी को रोका जाए. इसके साथ ही जो पशु क्रूरता के खिलाफ नया कानून बना है, उसके प्रति पुलिस और अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जा सके और उन प्रावधानों को सही तरीके से लागू किया जा सके. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन करने के लिए बिहार सरकार ने आदेश दिया था. ताकि सभी सीमावर्ती जिले में अधिकारियों को इस नए कानून की जानकारी दी जा सके. इस कार्यशाला में किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा, पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष, एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट कुमार सुंदरम समेत जिले के सभी थाना प्रभारी उपस्थित रहे.

gauri maulekhi
गौरी मौलेखी, पशु कल्याण विशेषज्ञ

कई अधिकारी रहे मौजूद
यह कार्यशाला ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया और पीपल फॉर एनिमल और बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के साथ मिलकर आयोजित की गई. इन कार्यशालाओं को नेपाल में गदीमाई के लिए जानवरों को अवैध रूप से ले जाने के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से बिहार के सात जिलों में आयोजित किया जा रहा है. इसमें उप निरीक्षक, स्टेशन हाउस अधिकारी, एसपीसीए अधिकारी और जिला के पशुपालन अधिकारी शामिल थे.

किशनगंज में पशु कल्याण कानून पर कार्यशाला का किया गया आयोजन

राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से किया है सम्मानित
बता दें कि गौरी मौलेखी पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ हैं और इस विषय पर कई पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षक है. पशु कल्याण में अनेक योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था. गौरी मौलेखी सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों की तरफ से आयोजित जानवरों के कल्याण के सम्बंध में गठित कई समितियों का हिस्सा रही हैं. वो गदीमाई पशु मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता थी. जहां मवेशियों की तस्करी को रोकने के लिए न्यायालय ने निर्देश दिये थे. इसके साथ ही वह भारत में कई प्रमुख पशु कल्याण संगठनों का हिस्सा हैं.

किशनगंज: जिले में स्थित रचना भवन में रविवार को पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ गौरी मौलेखी ने किशनगंज के सभी पुलिस अधिकारियों के साथ एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें जानवरों पर हो रहे क्रूरता और तस्करी को कैसे रोका जा सकता है, इसको लेकर प्रशिक्षण दिया गया.

animal welfare workshop in kishangan
कार्यशाला में मौजूद अधिकारी

नए कानून की दी गई जानकारी
गौरी मौलेखी ने बताया कि आज की कार्यशाला का उद्देश्य है कि कैसे पशु तस्करी को रोका जाए. इसके साथ ही जो पशु क्रूरता के खिलाफ नया कानून बना है, उसके प्रति पुलिस और अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जा सके और उन प्रावधानों को सही तरीके से लागू किया जा सके. उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन करने के लिए बिहार सरकार ने आदेश दिया था. ताकि सभी सीमावर्ती जिले में अधिकारियों को इस नए कानून की जानकारी दी जा सके. इस कार्यशाला में किशनगंज जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा, पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष, एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट कुमार सुंदरम समेत जिले के सभी थाना प्रभारी उपस्थित रहे.

gauri maulekhi
गौरी मौलेखी, पशु कल्याण विशेषज्ञ

कई अधिकारी रहे मौजूद
यह कार्यशाला ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया और पीपल फॉर एनिमल और बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के साथ मिलकर आयोजित की गई. इन कार्यशालाओं को नेपाल में गदीमाई के लिए जानवरों को अवैध रूप से ले जाने के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से बिहार के सात जिलों में आयोजित किया जा रहा है. इसमें उप निरीक्षक, स्टेशन हाउस अधिकारी, एसपीसीए अधिकारी और जिला के पशुपालन अधिकारी शामिल थे.

किशनगंज में पशु कल्याण कानून पर कार्यशाला का किया गया आयोजन

राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से किया है सम्मानित
बता दें कि गौरी मौलेखी पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ हैं और इस विषय पर कई पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षक है. पशु कल्याण में अनेक योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति ने 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था. गौरी मौलेखी सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों की तरफ से आयोजित जानवरों के कल्याण के सम्बंध में गठित कई समितियों का हिस्सा रही हैं. वो गदीमाई पशु मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता थी. जहां मवेशियों की तस्करी को रोकने के लिए न्यायालय ने निर्देश दिये थे. इसके साथ ही वह भारत में कई प्रमुख पशु कल्याण संगठनों का हिस्सा हैं.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज स्थित रचना भवन में आज श्रीमती गौरी मौलेखी ने किशनगंज के सभी अधिकारियों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया,इस कार्यशाला में जानवरों पर हो रहे क्रूरता को कैसे रोका जा सकता है ,और तश्करी को कैसे खत्म किया जा सकता है इसको लेकर गौरी मौलेखी ने सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।


Body:किशनगंज:-किशनगंज स्थित रचना भवन में आज श्रीमती गौरी मौलेखी ने किशनगंज के सभी अधिकारियों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया,इस कार्यशाला में जानवरों पर हो रहे क्रूरता को कैसे रोका जा सकता है ,और तश्करी को कैसे खत्म किया जा सकता है इसको लेकर गौरी मौलेखी ने सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।
आपको बता दें कि गौरी मौलेखी पशु कल्याण कानूनों की विशेषज्ञ है और इस विषय पर कई पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षक है।पशु कल्याण में अनेक योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।गौरी मौलेखी, माननीय सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा जानवरो के कल्याण के सम्बंध में गठित कई समितियों का हिस्सा रही है।वह गदीमाई पशु मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता थी,जहाँ मवेशियो की तश्करी को रोकने के लिए न्यायलय द्वारा निर्देश दिए गए हैं।वह भारत मे कई प्रमुख पशु कल्याण संगठनों का हिस्सा है।
आज की कार्यशाला ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया और पीपल फ़ॉर एनिमल,बिहार सरकार के पशुपालन विभाग के साथ मिलकर पुलिस और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के लिए पशु कानून पर संवेदीकरण कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है।इन कार्यशालाओं को नेपाल में गदीमाई के लिए जानवरों को अवैध रूप से ले जाने के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियो को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से बिहार के सात जिलो में आयोजित किया जा रहा है।और ये आज किशनगंज में आयोजित की गई जिसमे उप निरीक्षक,स्टेशन हाउस अधिकारी,एसपीसीए अधिकारी और जिला के पशुपालन अधिकारी शामिल थे।


Conclusion:गौरी मौलेखा ने बताया कि आज की कार्यशाला का उद्देश्य था कि कैसे पशु तश्करी को रोका जाए,और जो पशु क्रूरता के खिलाफ में नया कानून बना है उसके प्रति पुलिस और अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जा सके,और उन प्रावधानों को सही से लागू हो सकें।उन्होंने बताया की इस कार्यशाला का आयोजन करने के लिए बिहार सरकार ने आदेश दिया था की जितने भी सीमावर्ती जीले है उन जिलो में कार्यशाला आयोजित कर अधिकारियों को इस नए कानून की जानकारी दी जाए ताकि पशु क्रूरता और तश्करी को खत्म कर दिया जाए।आज के कार्यशाला में किशनगंज पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष, जिलापदधिकारी हिमांशु शर्मा,एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट कुमार सुंदरम समेत जिले के सभी थाना प्रभारी उपस्थित थे।
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