किशनगंज: कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन है. इसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और दैनिक मजदूरों को हो रही है. वहीं असम के 17 मजदूर घर वापसी के लिए जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
किशनगंज जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण अभी तक ये मजदूर यहां फंसे हुए हैं. ये 17 मजदूर किशनगंज अनुमंडल कार्यालय में अपना गुजारा करने को विवश हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से चलाए जा रहे राहत कैम्प से इन्हें दो वक्त का खाना तो मिल जाता है. लेकिन ये मजदूर अपने घर जाने की राह देख रहे हैं.
3 महीने पहले आए थे
किशनगंज मजदूरों के ठेकेदार बलराम बकती ने बताया कि ये लोग 3 महीने पहले किशनगंज के किसी मार्केटिंग कंपनी में काम करने के लिए असम से आये थे. लेकिन लॉक डाउन के कारण कंपनी का काम रुक गया. कुछ दिन तक तो कंपनी वालों ने रहने-खाने का इंतजाम किया. लेकिन बाद में कंपनी ने घर जाने को बोल दिया. जिसके बाद लोग पैदल ही असम के लिये निकल पड़े.
चेकिंग के दौरान पुलिस ने भेजा वापस
बलराम बकती ने बताया कि किशनगंज चेक पोस्ट पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने सभी को वापस भेज दिया. जिसके बाद से ये लोग जिला प्रशासन के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. हालांकि इनका कहना है कि जिला प्रशासन ने मजदूरों की पूरी जानकारी मांगी है और कहा है कि अगर कुछ और मजदूर आएंगे तो सभी को एक साथ भेज दिया जाएगा.