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किशनगंज उपचुनाव: राजनीति के मैदान में उतरा इंजीनियरिंग का छात्र, निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान हेशाम नाजिर ने बताया कि उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ सरकारी तंत्र को मजबूत बनाना है.

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Published : Sep 25, 2019, 10:36 PM IST

हेशाम नाजिर

किशनगंज: बिहार में अगले महीने उपचुनाव होने है. इसमें किशनगंज सीट से एक युवा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हेशाम नाजिर नामक शख्स ने किशनगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दायर किया है. उन्होंने एनआर कटवा कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

नए उम्मीदवार के चुनावी रण में उतरने से लोग अचंभित हैं. निर्दलीय युवा उम्मीदवार के राजनीति में आने से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. स्थानीय लोग नाजिर के बारे में जानने को इच्छुक हैं. नाजिर कहते हैं कि वह बचपन से राजनीति और लोगों के सुख-दुख के बहुत करीब रहे हैं.

ईटीवी भारत से बोले हेशाम नाजिर

कौन है हेशाम नाजिर?
बता दें कि हेशाम नाजिर के पिता जाने माने राजनेता रह चुके हैं. जानकारी के मुताबिक उनके माता-पिता दोनों ही लोकप्रिय मुखिया रहे हैं. उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मां अभी भी लोगों की सेवा में लगी हुई हैं. नाजिर फिलहाल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बोले नाजिर
ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान हेशाम नाजिर ने बताया कि भविष्य में उनका इंजीनियर या सरकारी नौकरी करने का कोई इरादा नहीं है. वह अपने माता-पिता की राहों पर चलकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं. इसलिए इस बार वह उपचुनाव में उतरे हैं. नाजिर ने बताया उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ सरकारी तंत्र को मजबूत बनाना है.

किशनगंज: बिहार में अगले महीने उपचुनाव होने है. इसमें किशनगंज सीट से एक युवा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. हेशाम नाजिर नामक शख्स ने किशनगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दायर किया है. उन्होंने एनआर कटवा कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

नए उम्मीदवार के चुनावी रण में उतरने से लोग अचंभित हैं. निर्दलीय युवा उम्मीदवार के राजनीति में आने से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. स्थानीय लोग नाजिर के बारे में जानने को इच्छुक हैं. नाजिर कहते हैं कि वह बचपन से राजनीति और लोगों के सुख-दुख के बहुत करीब रहे हैं.

ईटीवी भारत से बोले हेशाम नाजिर

कौन है हेशाम नाजिर?
बता दें कि हेशाम नाजिर के पिता जाने माने राजनेता रह चुके हैं. जानकारी के मुताबिक उनके माता-पिता दोनों ही लोकप्रिय मुखिया रहे हैं. उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मां अभी भी लोगों की सेवा में लगी हुई हैं. नाजिर फिलहाल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बोले नाजिर
ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान हेशाम नाजिर ने बताया कि भविष्य में उनका इंजीनियर या सरकारी नौकरी करने का कोई इरादा नहीं है. वह अपने माता-पिता की राहों पर चलकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं. इसलिए इस बार वह उपचुनाव में उतरे हैं. नाजिर ने बताया उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ सरकारी तंत्र को मजबूत बनाना है.

Intro:किशनगंज: भारतीय राजनीति में पुरानी भ्रांति थी की राजनीति में जितनी ज्यादा उम्र उतनी ज्यादा राजनेता बनने की उपलब्धि। इस देश में युवाओं को हमेशा वोट बैंक के नजर से देखा गया। लेकिन अब युवा इस भ्रांति को तोड़ने में आमादा है। वह ना सिर्फ खुद का विकास चाहता है बल्कि अपने क्षेत्र का भी विकास खुद के हाथों से करना चाहता है। जिसका एक उदाहरण किशनगंज विधानसभा उपचुनाव के नामांकन प्रक्रिया में देखने को मिला।

बाइटः हेशाम नाजिर, युवा निर्दलीय प्रत्याशी,विधानसभा उपचुनाव


Body:किशनगंज के एक युवा हेशाम नाजिर ने किशनगंज विधानसभा उपचुनाव मे नांमाकन के लिए एनआर कटवा कर चुनाव लड़ने का घोषणा कर लोगों को अचंभित कर दिया है।इस युवा के राजनीति में आने की खबर ने किशनगंज उपचुनाव की राजनीति माहौल को और गर्म कर दिया है।नाजिर बचपन से राजनीति एवं लोगों के सुख-दुख के बहुत करीब रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने बताया उनके माता-पिता दोनों ही लोकप्रिय मुखिया रह चुके हैं। उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन उनके मां अभी भी लोगों के सेवा में हमेशा आगे रहती है और नाजिर को भी कम उम्र से ही लोगों का प्यार मिलने लगा। नजीर वैसे तो अभी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।


Conclusion:किंतु भविष्य में उनका इंजीनियर या सरकारी नौकरी करने का कोई इरादा नहीं है। वह अपने माता-पिता की राहों पर चलकर लोगों का सेवा करने चाहते हैं। और कम उम्र में ही क्षेत्र में युवा समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान बना लिया है।वहीं इस बार किशनगंज विधानसभा उपचुनाव लड़ने का घोषणा कर लोगों को अचंभित कर दिया है। आज युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक युवाओं के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं। नाजिम ने बताया उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ सरकारी तंत्र को मजबूत बनाना। वहीं लोकतंत्र के महापर्वो मे युवाओं को मजबूत लोकतंत्र बनाने के लिए युवाओं की भुमिका तो अहम होती हैं।लेकिन राजनीति में युवाओं का भागीदारी बहुत कम होती हैं।ऐसे मे हमारा देश युवाओं का देश है भारत की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है एक और देश युवा हो रहा है तो वहीं देश के प्रतिनिधित्व अब बुर्जुगों के बजाए युवा पीढ़ी आगे आ रहे है।
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