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बिहार के इस अस्पताल में मुफ्त में होता है ऑपरेशन, रोजाना पहुंचते हैं करीब 4 हजार मरीज

किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मरीजों का मुफ्त में ऑपरेशन किया जा रहा है. जो मरीज पैसों के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे थे, अब वे सभी मरीज इस अस्पताल में इलाज कराने पहुंच रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Oct 11, 2021, 7:29 AM IST

Updated : Oct 11, 2021, 8:16 AM IST

किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले में स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM medical college) इन दिनों मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. जो मरीज पैसों के अभाव में ऑपरेशन नहीं करा पा रहे हैं. ऐसे मरीजों का यहां मुफ्त में इलाज (Free Treatment In MGM medical college) किया जा रहा है. बता दें कि पिछले महीने यानी कि सितंबर माह में चार मरीजों के घुटने और कूल्हे का मुफ्त में इलाज किया गया. जिनका ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा.

इसे भी पढ़ें: स्टाफ की कमी से जूझ रहा बिहार का इकलौता मानसिक अस्पताल, निदेशक के पद भी खाली

किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज इन दिनों मरीजों के लिए मसीहा बना हुआ है. कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में पिछले सितंबर माह में चार मरीजों का मुफ्त में ऑपरेशन किया गया. घुटना का प्रत्यारोपण और कंप्लीट कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया गया. ये मरीज सीमांचल और कोशी के अलग-अलग क्षेत्रों से अपना इलाज कराने आये हुए थे. इस ऑपरेशन के लिए मरीजो को दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद तक जाना पड़ता था और खर्च भी अधिक होते थे. लेकिन अब किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मुफ्त में इलाज किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

मधेपुरा से किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रहे मरीज जोगिंदर साहू ने बताया कि उनके घुटने में वर्षो से दर्द था. चलने-फिरने में काफी तकलीफ होती थी. पैसों के अभाव में अपने घुटने का इलाज नहीं करवा पा रहे थे. हालांकि वे अपने आंखों का इलाज कराने के लिए किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. जहां डॉक्टरों ने उन्हें चलने-फिरने में तकलीफ को देखते हुए घुटना प्रत्यारोपण करने की सलाह दी. जिसके बाद आज घुटने का सफल ऑपरेशन मुफ्त में किया गया.

कुछ ऐसी कहानी पूर्णिया जिले के अमौर निवासी मुहम्मद आलमगीर के साथ हुई. उनके कूल्हे के ऑपरेशन के लिए एक लाख रुपये निजी नर्सिंग होम में मांगे गए थे. लेकिन पैसे के अभाव में अपना ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे थे. लेकिन किशनगंज मेडिकल कॉलेज में सफल ऑपरेशन मुफ्त में किया गया है.

ये भी पढ़ें: जंगली मशरूम की सब्जी खाकर बीमार हुए एक ही परिवार के 9 लोग, अस्पताल में भर्ती

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के निर्देशक सह एमएलसी डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि प्रत्येक दिन चार हजार मरीजों का मुफ्त इलाज की सुविधा मेडिकल कॉलेज में दी जा रही है. कॉलेज के चिकित्सकों के माध्यम से घुटने का प्रत्यारोपण और कंप्लीट कूल्हे का प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन कर मेडिकल कॉलेज नया इतिहास रचा है. उन्होंने बिहार और बंगाल के लोगों से अपील कर कहा कि जो भी मरीज पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रहे हैं, वैसे लोगों के लिए मेडिकल कॉलेज का द्वार खुला हुआ है. यहां आकर अपने घुटने का इलाज मुफ्त में करा सकते हैं.

हमारी कोशिश है कि आने वाले दिनों में मेडिकल कॉलेज में ज्यादा से ज्यादा सुविधा प्रदान करें. इसी कड़ी में हड्डी रोग विभाग में न्यू ज्वाइंट रिप्लेसमेंट यानी कि घुटने का प्रत्यारोपण और कंप्लीट हिप रिप्लेसमेंट समेत कई ऑपरेशन की मुफ्त सुविधाएं दी जा रही हैं. अस्पताल में प्रत्येक दिन 4 हजार रोगी अलग-अलग जिलों से आते हैं. आने वाले समय में इसे और भी विस्तार किया जाएगा. जिससे गरीब मरीजों का आसानी से इलाज किया जा सके. -डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, निर्देशक, एमजीएम मेडिकल कॉलेज

बता दें कि अस्पताल को मंदिर और चिकित्सक को भगवान का रूप माना जाता है. जिसका जीत जागता उदाहरण किशनगंज का एमजीएम मेडीकल कॉलेज है. यदि ऐसा ही पहल देश के हर एक अस्पताल में किया जाए, तो शायद पैसे के अभाव में किसी भी गरीब मरीज की मौत नहीं होती.

किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले में स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM medical college) इन दिनों मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. जो मरीज पैसों के अभाव में ऑपरेशन नहीं करा पा रहे हैं. ऐसे मरीजों का यहां मुफ्त में इलाज (Free Treatment In MGM medical college) किया जा रहा है. बता दें कि पिछले महीने यानी कि सितंबर माह में चार मरीजों के घुटने और कूल्हे का मुफ्त में इलाज किया गया. जिनका ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा.

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किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज इन दिनों मरीजों के लिए मसीहा बना हुआ है. कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में पिछले सितंबर माह में चार मरीजों का मुफ्त में ऑपरेशन किया गया. घुटना का प्रत्यारोपण और कंप्लीट कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया गया. ये मरीज सीमांचल और कोशी के अलग-अलग क्षेत्रों से अपना इलाज कराने आये हुए थे. इस ऑपरेशन के लिए मरीजो को दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद तक जाना पड़ता था और खर्च भी अधिक होते थे. लेकिन अब किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मुफ्त में इलाज किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

मधेपुरा से किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रहे मरीज जोगिंदर साहू ने बताया कि उनके घुटने में वर्षो से दर्द था. चलने-फिरने में काफी तकलीफ होती थी. पैसों के अभाव में अपने घुटने का इलाज नहीं करवा पा रहे थे. हालांकि वे अपने आंखों का इलाज कराने के लिए किशनगंज एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. जहां डॉक्टरों ने उन्हें चलने-फिरने में तकलीफ को देखते हुए घुटना प्रत्यारोपण करने की सलाह दी. जिसके बाद आज घुटने का सफल ऑपरेशन मुफ्त में किया गया.

कुछ ऐसी कहानी पूर्णिया जिले के अमौर निवासी मुहम्मद आलमगीर के साथ हुई. उनके कूल्हे के ऑपरेशन के लिए एक लाख रुपये निजी नर्सिंग होम में मांगे गए थे. लेकिन पैसे के अभाव में अपना ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे थे. लेकिन किशनगंज मेडिकल कॉलेज में सफल ऑपरेशन मुफ्त में किया गया है.

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एमजीएम मेडिकल कॉलेज के निर्देशक सह एमएलसी डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि प्रत्येक दिन चार हजार मरीजों का मुफ्त इलाज की सुविधा मेडिकल कॉलेज में दी जा रही है. कॉलेज के चिकित्सकों के माध्यम से घुटने का प्रत्यारोपण और कंप्लीट कूल्हे का प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन कर मेडिकल कॉलेज नया इतिहास रचा है. उन्होंने बिहार और बंगाल के लोगों से अपील कर कहा कि जो भी मरीज पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पा रहे हैं, वैसे लोगों के लिए मेडिकल कॉलेज का द्वार खुला हुआ है. यहां आकर अपने घुटने का इलाज मुफ्त में करा सकते हैं.

हमारी कोशिश है कि आने वाले दिनों में मेडिकल कॉलेज में ज्यादा से ज्यादा सुविधा प्रदान करें. इसी कड़ी में हड्डी रोग विभाग में न्यू ज्वाइंट रिप्लेसमेंट यानी कि घुटने का प्रत्यारोपण और कंप्लीट हिप रिप्लेसमेंट समेत कई ऑपरेशन की मुफ्त सुविधाएं दी जा रही हैं. अस्पताल में प्रत्येक दिन 4 हजार रोगी अलग-अलग जिलों से आते हैं. आने वाले समय में इसे और भी विस्तार किया जाएगा. जिससे गरीब मरीजों का आसानी से इलाज किया जा सके. -डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, निर्देशक, एमजीएम मेडिकल कॉलेज

बता दें कि अस्पताल को मंदिर और चिकित्सक को भगवान का रूप माना जाता है. जिसका जीत जागता उदाहरण किशनगंज का एमजीएम मेडीकल कॉलेज है. यदि ऐसा ही पहल देश के हर एक अस्पताल में किया जाए, तो शायद पैसे के अभाव में किसी भी गरीब मरीज की मौत नहीं होती.

Last Updated : Oct 11, 2021, 8:16 AM IST
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