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किशनगंज का बदहाल स्कूल, यहां बच्चों के भविष्य से होता है खिलवाड़

अगर हाल-ए-स्कूल बयां करें तो शायद सिस्टम को भी शर्म आ जाए. टीचरों के मुताबिक इस स्कूल में 228 विद्यार्थी नामांकित हैं. यहां एक ही कमरे में दो कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

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किशनगंज का बदहाल स्कूल
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Published : Dec 7, 2019, 1:04 PM IST

किशनगंज: जिले के मैदा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां एक ही कमरे में दो कक्षाओं के बच्चों को बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है.

इस कारण बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग की कुम्भकर्णी नींद है कि टूटने का नाम नहीं ले रही है.

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जानकारी देते प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी

स्कूल में सुविधाओं का घोर आभाव
मैदा पंचायत के मैदा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. अगर हाल-ए-स्कूल बयां करें तो शायद सिस्टम को भी शर्म आ जाए. टीचरों के मुताबिक इस स्कूल में 228 विद्यार्थी नामांकित हैं. यहां एक ही कमरे में दो कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. वहीं, यहां के टीचर भी मन मुताबिक काम कर रहे हैं. स्कूल में 228 बच्चों पर पांच शिक्षको की तैनाती की गई है. जिसमें एक शिक्षक अक्सर स्कूल से बाहर ही रहते हैं.

पेश है रिपोर्ट

जमीन पर शिक्षा
इस स्कूल में बच्चों को जमीन पर बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है. स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. मुजम्मिल हक भी इस बात को स्वीकार करते हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों को आज ही जमीन पर बैठाया है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी है और कक्षाएं ज्यादा हैं. इस वजह से 1 कमरे में 2 कक्षाओं को मिलाकर पढ़ाया जाता है. जिसकी वजह से कुछ बच्चो को जमीन पर बैठाना पड़ता है.

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जानकारी देते प्रभारी प्रधानाध्यापक

जांच के बाद होगी कार्रवाई
इस मामले को लेकर प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी शिव शंकर मिस्त्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. जल्द ही विद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चों को जमीन पर बैठाने के मामले में जांचकर उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों को ये आदेश दिया जाएगा कि बच्चों को जमीन पर नहीं बैठाया जाए.

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एक तरफ सीट पर तो दूसरी तरफ जमीन पर पढ़ते बच्चे

किशनगंज: जिले के मैदा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां एक ही कमरे में दो कक्षाओं के बच्चों को बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है.

इस कारण बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद शिक्षा विभाग की कुम्भकर्णी नींद है कि टूटने का नाम नहीं ले रही है.

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जानकारी देते प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी

स्कूल में सुविधाओं का घोर आभाव
मैदा पंचायत के मैदा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. अगर हाल-ए-स्कूल बयां करें तो शायद सिस्टम को भी शर्म आ जाए. टीचरों के मुताबिक इस स्कूल में 228 विद्यार्थी नामांकित हैं. यहां एक ही कमरे में दो कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. वहीं, यहां के टीचर भी मन मुताबिक काम कर रहे हैं. स्कूल में 228 बच्चों पर पांच शिक्षको की तैनाती की गई है. जिसमें एक शिक्षक अक्सर स्कूल से बाहर ही रहते हैं.

पेश है रिपोर्ट

जमीन पर शिक्षा
इस स्कूल में बच्चों को जमीन पर बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है. स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. मुजम्मिल हक भी इस बात को स्वीकार करते हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों को आज ही जमीन पर बैठाया है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी है और कक्षाएं ज्यादा हैं. इस वजह से 1 कमरे में 2 कक्षाओं को मिलाकर पढ़ाया जाता है. जिसकी वजह से कुछ बच्चो को जमीन पर बैठाना पड़ता है.

kishanganj
जानकारी देते प्रभारी प्रधानाध्यापक

जांच के बाद होगी कार्रवाई
इस मामले को लेकर प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी शिव शंकर मिस्त्री से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है. जल्द ही विद्यालयों में शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बच्चों को जमीन पर बैठाने के मामले में जांचकर उचित कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों को ये आदेश दिया जाएगा कि बच्चों को जमीन पर नहीं बैठाया जाए.

kishanganj
एक तरफ सीट पर तो दूसरी तरफ जमीन पर पढ़ते बच्चे
Intro:किशनगंज:-बिन शिक्षक कैसे दी जाएगी शिक्षा,शिक्षक के कमी के कारण नही आते है विद्यार्थी, एक ही कमरे में दो-दो कक्षाओं के बच्चो को बैठा एक गुरुजी देते है शिक्षा।इस विद्यालय में बच्चो को ठंड में ज़मीन पर बैठा कर दिया जाता है शिक्षा।


Body:किशनगंज:-बिन शिक्षक कैसे दी जाएगी शिक्षा,शिक्षक के कमी के कारण नही आते है विद्यार्थी, एक ही कमरे में दो-दो कक्षाओं के बच्चो को बैठा एक गुरुजी देते है शिक्षा।इस विद्यालय में बच्चो को ठंड में ज़मीन पर बैठा कर दिया जाता है शिक्षा।
सरकार सूबे में शिक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी वादे तो करती है पर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बया करती है।
मामला किशनगंज जिले के मैदा पंचायत के मैदा गाँव का हैं, मैदा गाँव स्थित मध्य विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक कि पढ़ाई होती है,इस विद्यालय में कुल 2 सौ 28 विद्यार्थी है,जिन्हें पढ़ाने के लिए मात्र पांच शिक्षक है मौजूद,पांच में से एक शिक्षक हमेसा किसी न किसी कार्य से विद्यालय से बाहर ही रहते है,स्कूल में आने वाले ज्यादा तर बच्चो को ज़मीन पर बैठाकर पढ़ाया जाता है, जबकि विद्यालय में ज़रूरत से ज्यादा कमरे मौजूद हैं और उन कमरों में बैठने के लिए बेंच भी मौजूद हैं फिर भी प्रधानाध्यापक बच्चो को नीचे ज़मीन पर बैठा कर ही पढ़ा रहे है।

इस बात को प्रधानाध्यापक से पूछने पर बताया कि आज ही बच्चो को ज़मीन पर बैठाया है,चुकी विद्यालय में शिक्षकों की कमी है और कक्षा ज्यादा है इस वजह से 1 कमरे में 2 कक्षाओं को मिलाकर पढ़ाया जाता है, जिसके वजह से कुछ बच्चो को ज़मीन पर बैठना पड़ता है।


Conclusion:शिक्षकों की कमी और क्लास में बच्चो को ज़मीन पर बैठ कर पढाने के मामले में जब हमने प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी शिव शंकर मिस्त्री से पूछा तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों की।नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है जल्द ही विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी।और मैदा मध्य विद्यालय में बच्चो को ज़मीन पर बैठाने के मामले की जांच होगी,और इसमें उचित कार्यवाई की जाएगी।आगे से ध्यान रखा जाएगा और सभी विद्यालय में ये आदेश दिया जाएगा कि कोई बजी विद्यालय अपने विद्यार्थियों को नीचे ज़मीन पर बैठा के नही पढ़ाएंगे।

बाईट-शिव शंकर मिस्त्री (प्रभारी ज़िला शिक्षा पदाधिकारी)

बाईट-मो.मुजम्मिल हक़ (प्रधानाध्यापक,मध्य विद्यालय,मैदा गांव)
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