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लोगों के समाजिक और आर्थिक विकास के लिए देश में जातीय जनगणना जरूरी : AIMIM

एआईएमआईएम के बिहार अध्यक्ष अखतरुल ईमान ने रविवार को किशनगंज में प्रेस वार्ता कर देश में जातीय जनगणना को जरूरी बताया. साथ उन्होंने राज्य में 4 महीने पंचायत चुनाव कराये जाने के बिहार सरकार फैसले को गलत बताया है.

विधायक अख्तरूल ईमान
विधायक अख्तरूल ईमान
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Published : Aug 29, 2021, 4:46 PM IST

किशनगंज: बीते 23 अगस्त को जातीय जनगणना (Caste Cenus) पर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर वापस किशनगंज लौटे विधायक सह एआईएमआईएम (AIMIM) प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान (Akhtarul Iman) ने रविवार को प्रेस वार्ता कर अपनी बातों को मीडिया के सामने रखा. उन्होंने ने कहा कि भारत देश में जाति आधारित व्यवस्था मौजूद हैं. देश के विकास के लिए जातीय आधारित जनगणना बेहद जरूरी है.

ये भी पढ़ें : सर्दी... खांसी... बुखार... दमा... सबसे पीड़ित है नीतीश सरकार, कभी भी गिर जाएगी: AIMIM

एआईएमआईएम विधायक अखतरूल ईमान ने कहा कि देश में कोई भी काम हो उसमें जाति की जरूरत होती है. चुनाव में टिकट जाति पर, स्कूल में बच्चों का नामंकन जाति पर और नौकरी भी जाति पर ही मिलती है. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री से बिहार के सभी पार्टियों का एक प्रतिनिधमंडल जातीय आधारित जनगणना पर मिला था. उसमें हमने पीएम से कहा कि आप सबका साथ सबका विकास बोलते हैं. जब तक सबका सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं होगा, यह सपना साकार नहीं होगा. इसलिए देश में जातीय आधारित जनगणना जरूरी है.

देखें वीडियो

विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में जातीय आधारित जनगणना हुई थी उसके बाद नहीं हुई. वहीं उन्होंने बिहार में होने वाले पंचायत चुनावों पर कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर बिहार सरकार का फैसला गलत है. एक तरफ सरकार गुड गवर्नेंस की बात करते हैं. वहीं दूसरी तरफ 38 जिलो में चार महीनों में चुनाव करा रहे हैं. इस दौरान विकास के काम प्रभावित हो जाएगा. 4 महीने में जनता का सारा काम बंद हो जाएगा.

'पंचायत चुनाव अगर एक जिला में एक दिन में दो दो प्रखंड का चुनाव कराते तो 20 दिन में सब समाप्त हो जाता. लेकिन बिहार में पंचायत चुनाव संसदीय चुनाव से बड़ा चुनाव हो गया. बिहार के विकास को इससे काफी नुकसान होगा और इससे चुनाव का खर्च बढ़ेगा. साथ ही उम्मीदवारों और जनता की भी परेशानी बढ़ जाएगी.' :- अखतरूल ईमान, एआईएमआईएम विधायक

इसे भी पढ़ें : उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान- राज्य नहीं केंद्र सरकार कराए जातीय जनगणना

किशनगंज: बीते 23 अगस्त को जातीय जनगणना (Caste Cenus) पर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर वापस किशनगंज लौटे विधायक सह एआईएमआईएम (AIMIM) प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान (Akhtarul Iman) ने रविवार को प्रेस वार्ता कर अपनी बातों को मीडिया के सामने रखा. उन्होंने ने कहा कि भारत देश में जाति आधारित व्यवस्था मौजूद हैं. देश के विकास के लिए जातीय आधारित जनगणना बेहद जरूरी है.

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एआईएमआईएम विधायक अखतरूल ईमान ने कहा कि देश में कोई भी काम हो उसमें जाति की जरूरत होती है. चुनाव में टिकट जाति पर, स्कूल में बच्चों का नामंकन जाति पर और नौकरी भी जाति पर ही मिलती है. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री से बिहार के सभी पार्टियों का एक प्रतिनिधमंडल जातीय आधारित जनगणना पर मिला था. उसमें हमने पीएम से कहा कि आप सबका साथ सबका विकास बोलते हैं. जब तक सबका सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं होगा, यह सपना साकार नहीं होगा. इसलिए देश में जातीय आधारित जनगणना जरूरी है.

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विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में जातीय आधारित जनगणना हुई थी उसके बाद नहीं हुई. वहीं उन्होंने बिहार में होने वाले पंचायत चुनावों पर कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर बिहार सरकार का फैसला गलत है. एक तरफ सरकार गुड गवर्नेंस की बात करते हैं. वहीं दूसरी तरफ 38 जिलो में चार महीनों में चुनाव करा रहे हैं. इस दौरान विकास के काम प्रभावित हो जाएगा. 4 महीने में जनता का सारा काम बंद हो जाएगा.

'पंचायत चुनाव अगर एक जिला में एक दिन में दो दो प्रखंड का चुनाव कराते तो 20 दिन में सब समाप्त हो जाता. लेकिन बिहार में पंचायत चुनाव संसदीय चुनाव से बड़ा चुनाव हो गया. बिहार के विकास को इससे काफी नुकसान होगा और इससे चुनाव का खर्च बढ़ेगा. साथ ही उम्मीदवारों और जनता की भी परेशानी बढ़ जाएगी.' :- अखतरूल ईमान, एआईएमआईएम विधायक

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