किशनगंज : बिहार में पहली बार ओवैसी की पार्टी की एंट्री हुई है. एआईएमआईएम ने इस सीट से कमरुल होदा को बतौर प्रत्याशी उतारा था. उन्होंने इस सीट बाजी मारी है. कांटे की टक्कर में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी स्वीटी सिंह को मात दी. बता दें कि कमरुल होदा ने यहां 13 हजार वोटों से जीत दर्ज की.
नहीं चला कांग्रेस और एनडीए का जादू
बता दें कि किशनगंज से सांसद चुने गए डॉ. जावेद ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने डॉ. जावेद की मां सईदा बानो को उम्मीदवार बनाया था. जबकि एनडीए की ओर से बीजेपी ने स्वीटी सिंह पर तीसरी बार भरोसा जताया था.
बता दें कि एआईएमआईएम के कमरुल होदा पहली बार 2001 मे टेउसा पंचायत से मुखिया बने थे. जिसके बाद लगातार राजनीति में सक्रिय रहें. बहरहाल, जिस प्रकार से एआईएमआईएम के कमरुल होदा ने चुनावी दंगल में बाजी मारी है. उससे तो साफ जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में उफान मचना तय है.