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किशनगंज: धूमधाम से मना 30वां जिला स्थापना दिवस, विभागों की लगी प्रदर्शनी

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Published : Jan 15, 2020, 8:59 AM IST

Updated : Jan 15, 2020, 10:15 AM IST

14 जनवरी 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने किशनगंज को जिले का दर्जा दिया. हालांकि इसके लिए तमाम लोगों को काफी लंबा संघर्ष करना पड़ा था.

किशनगंज का 30वां स्थापना दिवस
किशनगंज का 30वां स्थापना दिवस

किशनगंजः मंगलवार को जिले का 30वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. शहीद अशफाक उल्ला खां स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आजाद और विधान पार्षद डॉ. दिलीप जायसवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया.

विभागों ने लगाई प्रदर्शनी
स्टेडियम परिसर में दर्जनों विभाग और अन्य संस्थानों ने स्टॉल्स लगाकर जिलें मे हो रहे विकास कार्यों की झलकियां दिखाई. जिसमें कृषि विभाग, अल्पसंख्यक विभाग और स्वास्थ्य विभाग शामिल रहे. वहीं, जिलाधिकारी, एसपी, सांसद, एमएलसी सहित अन्य अधिकारियों ने स्टॉल्स का जायजा लिया. बता दें कि स्थापना दिवस के मौके पर सभी ने रंग बिरंगे गुब्बारे आसमान में उड़ाकर अमन, चैन, भाईचारा और शांति का संदेश दिया.

30th foundation day of kishanganj
दीप प्रज्वलित करते सांसद और विधान पार्षद

'जिले में हो रहा विकास'
कार्यक्रम के दौरान सांसद डॉ. जावेद आजाद ने अपने संबोधन में जिला वासियों को बधाई देते हुए कहा कि जिले में लगातार विकास हो रहा है. लेकिन कुछ कार्यालयों का अब भी खुलना बाकी है. उन्होंने कहा कि वे आशा करते हैं कि जिले के 31वें स्थापना दिवस पर बचे हुए कार्यालय खुल जाएंगे. वहीं, एमएलसी डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि जिला शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी आगे बढ़ रहा है. यहां उच्च शिक्षा के कई संस्थान खुल चुके हैं. ऐसे में जिला शिक्षा के मामले में अब कई जिलों से आगे है.

धूमधाम से मनाया गया किशनगंज का 30वां स्थापना दिवस

14 जनवरी 1990 को मिला जिले का दर्जा
बता दें कि किशनगंज को जिले का दर्जा दिलाने के लिए समाजसेवी, व्यापारी और आम लोगों को दो दशकों तक लंबा संघर्ष करना पड़ा था. जिसमें 70 और 80 के दशक में सड़क जाम, ट्रेनों को रोकना, धरना और प्रदर्शन आम चीजें थी. इसके कारण कई लोग जेल भी गए थे. तब जाकर 14 जनवरी 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की ओर से किशनगंज को जिला घोषित किया गया.

किशनगंजः मंगलवार को जिले का 30वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. शहीद अशफाक उल्ला खां स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आजाद और विधान पार्षद डॉ. दिलीप जायसवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया.

विभागों ने लगाई प्रदर्शनी
स्टेडियम परिसर में दर्जनों विभाग और अन्य संस्थानों ने स्टॉल्स लगाकर जिलें मे हो रहे विकास कार्यों की झलकियां दिखाई. जिसमें कृषि विभाग, अल्पसंख्यक विभाग और स्वास्थ्य विभाग शामिल रहे. वहीं, जिलाधिकारी, एसपी, सांसद, एमएलसी सहित अन्य अधिकारियों ने स्टॉल्स का जायजा लिया. बता दें कि स्थापना दिवस के मौके पर सभी ने रंग बिरंगे गुब्बारे आसमान में उड़ाकर अमन, चैन, भाईचारा और शांति का संदेश दिया.

30th foundation day of kishanganj
दीप प्रज्वलित करते सांसद और विधान पार्षद

'जिले में हो रहा विकास'
कार्यक्रम के दौरान सांसद डॉ. जावेद आजाद ने अपने संबोधन में जिला वासियों को बधाई देते हुए कहा कि जिले में लगातार विकास हो रहा है. लेकिन कुछ कार्यालयों का अब भी खुलना बाकी है. उन्होंने कहा कि वे आशा करते हैं कि जिले के 31वें स्थापना दिवस पर बचे हुए कार्यालय खुल जाएंगे. वहीं, एमएलसी डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि जिला शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी आगे बढ़ रहा है. यहां उच्च शिक्षा के कई संस्थान खुल चुके हैं. ऐसे में जिला शिक्षा के मामले में अब कई जिलों से आगे है.

धूमधाम से मनाया गया किशनगंज का 30वां स्थापना दिवस

14 जनवरी 1990 को मिला जिले का दर्जा
बता दें कि किशनगंज को जिले का दर्जा दिलाने के लिए समाजसेवी, व्यापारी और आम लोगों को दो दशकों तक लंबा संघर्ष करना पड़ा था. जिसमें 70 और 80 के दशक में सड़क जाम, ट्रेनों को रोकना, धरना और प्रदर्शन आम चीजें थी. इसके कारण कई लोग जेल भी गए थे. तब जाकर 14 जनवरी 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की ओर से किशनगंज को जिला घोषित किया गया.

Intro:किशनगंजः आज किशनगंज जिला का 30 वाँ जिला स्थापना दिवस बड़े धुमधाम से जिला मुख्यालय स्थित शहीद अशफाक उल्ला खाँ स्टेडियम में मनाया गया।जिसके उद्घाटन स्थानीय सांसद डा मोहम्मद जावेद आजाद व एम एल सी डा दिलीप जयसवाल ने द्वीप प्रज्वलित कर किया।इस दौरान स्टेडियम परिसर में दर्जनों विभाग व अन्य संस्थानों के स्टोल्स लगाकर प्रदर्शन किया गया।जिसमें कृषि विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, स्वास्थ्य विभाग,व अन्य संस्थानों ने कांउटर लगाकर जिलें मे हो रहे विकास कार्यो का झलकियां देखाई।जिसका जायेजा प्रभारी जिला पदाधिकारी, एसपी, सांसद, एम एल सी, सहित अन्य अधिकारियों ने लिया। स्थापना दिवस के मौके पर रंग बिरंगे गुब्बारा आसमान में उड़ाकर अमन,चैन,भाईचारा व शांति का मैसेज दिया।वहीं इस कार्यक्रम मे जिले के चारों विधायक व एक नगर परिषद के चैयरमैन व दो नगर पंचायत के चैयरमैन नदारद रहे।जबकि स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के आपदा प्रबंधक मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के द्वारा होना था लेकिन प्रभारी मंत्री किशनगंज नही आने के कारन स्थानीय सांसद व विधान पार्षद ने किया।बतादें कार्यक्रम का समय सुबह 10:30 बजे का था लेकिन मुख्यमंत्री का वीडियो कांफ्रेंस बैठक होने के कारण कार्यक्रम दोपहर 3 बजे प्रारंभ हुआ।

बाइटः डा जावेद आजाद, सांसद, किशनगंज
बाइटःडा दिलीप जयसवाल, एम एल सी



Body:सांसद डा जावेद आजाद ने अपने संबोधन में जिला वासियों को बधाई देते हुये कहा की जिला का 30 वा स्थापना दिवस मना रहे हैं।जिले में लगातार विकास हो रहा है।लेकिन कुछ कार्यालय अब भी खुलना बाकी है आशा करता हु 31 वा स्थापना दिवस मे जिले मे बचे कार्यालय खुल जायेंगे।वहीं विधान पार्षद ने डा दिलीप जयसवाल ने कहा किशनगंज जिला शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी आगे बड़ रहा है।कभी अंतिम पावदानी पर रहता था लेकिन अब कई जिलों से आगे है।उच्च शिक्षा के कई संस्थान किशनगंज मे खुल चूका है।14 जनवरी1990 को किशनगंज को जिला का दर्जा मिला था।किशनगंज जिला आज 30 वाँ स्थापना दिवस मना रहे हैं।किशनगंज को जिला बनाने को लेकर दो दशकों तक लंबा संघर्ष स्थानीय समाजसेवी,व्यापारी व आम लोगों को करना पड़ा था।जिला की मांग को लेकर 70 व 80 के दशक में सड़क जाम से लेकर रेल रोको व धरना प्रदर्शन का एक लंबा सिलसिला चला था उस समय जिला की मांग के कारन कई लोगों को जेल यात्रा भी करना पड़ा था।और जिसका नतीजा था 14 जनवरी 1990 को तत्तकालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने किशनगंज को जिला घोषित कर दिया था।



Conclusion:किशनगंज अनुमंण्डल के 145 वर्षों के लंबे अनुमंण्डलीय जीवन व्यतीत करने के बाद 14 जनवरी1990 को जिला का दर्जा दिया गया।मुगलकाल के समय इस क्षेत्र में एक सन्यासी आये थे किंतु जगह का नाम आलमगंज और बीचोंबीच बहने वाली नदी का नाम रमजान व शासक का नाम फकरुद्दीन देख सन्यासी जब सीमा से ही बैरंग लोटने लगे तो खगड़ा नवाब फकीरूद्दीन को पता लगते ही नवाब ने उसी वक्त सन्यासी को प्रसन्न करने के लिए निमित आलमगंज के एक भाग का नामकरण कृष्णाकुंज कर दिया इसी कृष्णाकुंज का तदभव शव्द रूप आज किशनगंज है।ब्रिटिश हुक्मरानों की हुकुमत कायम होने पर किशनगंज को सन् 1845 मे ही अनुमंडल का दर्ज मिल चूका था।यही नहीं किशनगंज नगर पालिका का गठन सन् 1868 मे ही कर दिया गया था।किंतु 1887 मे इसकी अधिसूचना जारी हुई थी।किशनगंज वर्ष 1956 मे पश्चिम बंगाल के सोनापुर से लेकर करनदिघी तक विस्तारित था।राज्य पुर्णगठन आयोग की अनुशंसा पर सन् 1956 मे किशनगंज का 750 वर्गमील काटकर पश्चिम बंगाल को दे दिया गया।फलतः 13 प्रखंड वाला किशनगंज का 6 प्रखंड पश्चिम बंगाल के हिस्से में चला गया।वरना आज किशनगंज एक बहुत बड़ी व्यपारिक मंडी होता ।
किशनगंज, बाहादुरगंज, ठाकुरगंज, पोठिया, टेढ़ागाछ, कोचाधामन व दिघलबैंक नामक 7 प्रखंड वाले इस किशनगंज अनुमंडल के 145 वर्षों के लंबे अनुमंडलीय जीबन व्यतीत करने के बाद 14 जनवरी 1990 को जिला का दर्जा हासिल किया।
पूर्वत्तर के प्रवेश द्वार होने के कारन किशनगंज को चिकेन नेक के नाम से भी जाना जाता हैं।किशनगंज जिला संयुक्त राज्य अमेरिका में माउ के बराबर 1884 वर्ग किलोमीटर (727 वर्ग मीली) क्षेत्र के बराबर है।किशनगंज जिले के पश्चिम में अररिया जिला, दक्षिण व पश्चिम में पूर्णिया जिला, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला व उत्तर में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला व नेपाल से घिरा हुआ है।पश्चिम बंगाल की एक संकीर्ण पट्टी लगभग 20 कीमी चौड़ी बांग्लादेश से अलग करती हैं।
Last Updated : Jan 15, 2020, 10:15 AM IST
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