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अब तक फूस की झोपड़ी में ही चल रहा है 105 साल पुराना स्कूल

स्कूल का अपना भवन नहीं है. जिसमें सभी बच्चे पढ़ाई कर सकें. एक तरफ बकरियां चर रही हैं. दूसरी तरफ बच्चे पढ़ रहे हैं.

फूस की छत के नीचे पढ़ते बच्चे
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Published : Mar 8, 2019, 11:55 PM IST

खगड़िया:1914 में बना खगड़िया के फतेहपुर का मध्यविद्यालय जहां आज भी एक फूस की छत के नीचे क्लास लगती है. इस विद्यालय का भवन केवल 4 कमरों का था जिसमें अभी तक शौचालय भी नहीं बना. नतीजतन ये स्कूल झोपड़ी में ही चल रहा है.

school
चार कमरों का बना स्कूल का भवन

1 से आठवीं तक की क्लास के बच्चे जो एक घास की छत के नीचे पढ़ाई करते हैं. स्कूल का अपना भवन नहीं है. जिसमें सभी बच्चे पढ़ाई कर सकें. एक तरफ बकरियां चर रही हैं. दूसरी तरफ बच्चे पढ़ रहे हैं. इस दौरान बारिश होने लगती है तो स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है.

झोपड़ी में चल रहा स्कूल

अधिकारियों को कई बार दी गई जानकारी
फतेहपुर मध्यविद्यालय के हेडमास्टर अजय कुमार का कहना है कि ऐसे में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आला अधिकारियों को कई बार स्कूल के भवन और शौचालय की जानकारी दी जा चुकी है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.

खगड़िया:1914 में बना खगड़िया के फतेहपुर का मध्यविद्यालय जहां आज भी एक फूस की छत के नीचे क्लास लगती है. इस विद्यालय का भवन केवल 4 कमरों का था जिसमें अभी तक शौचालय भी नहीं बना. नतीजतन ये स्कूल झोपड़ी में ही चल रहा है.

school
चार कमरों का बना स्कूल का भवन

1 से आठवीं तक की क्लास के बच्चे जो एक घास की छत के नीचे पढ़ाई करते हैं. स्कूल का अपना भवन नहीं है. जिसमें सभी बच्चे पढ़ाई कर सकें. एक तरफ बकरियां चर रही हैं. दूसरी तरफ बच्चे पढ़ रहे हैं. इस दौरान बारिश होने लगती है तो स्कूल की छुट्टी कर दी जाती है.

झोपड़ी में चल रहा स्कूल

अधिकारियों को कई बार दी गई जानकारी
फतेहपुर मध्यविद्यालय के हेडमास्टर अजय कुमार का कहना है कि ऐसे में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आला अधिकारियों को कई बार स्कूल के भवन और शौचालय की जानकारी दी जा चुकी है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.

Intro:सरकार लाख विकाश के दावे कर ले परन्तु जमीन पर हकीकत कुछ और ही है ।जहाँ मूलभूत सुविधाओं मेंएक शिक्षा है जिसका हाल आप देख सकते है खगड़िया जिले फतेहपुर मध्यविद्यालय में जो विद्यालय की स्थापना 1914ई0में अंग्रेज के जमाने मे ही हुआ था ।परंतु आज तक वह विद्यालय को एक छत का भवन तक नसीब हो पाया है।


Body:खगड़िया जिले के मध्यविद्यालय फतेहपुर जिसका स्थापना आजादी के पूर्व 1914 ई0 में हुआ था ।स्थापना के बाद से ही स्कूल अपना भवन के लिये तरस गया है ।स्कूल को भवन मिला भी तो 4 रूम का स्कूल जिसमे क्लास वर्ग1 से वर्ग 8 तक के बच्चे नही पढ़ पाएंगे और उसमें अभी तक सोचालय तक नही बना है ।जिसके कारण स्कूल अभी भी झोपड़ी में चल रहा है बर्षा होते ही बच्चे को छुट्टी दे दिया जाता है ।आप विजुअल में आप साफ देख सकते है कि बच्चे किस तरह पढ़ाई कर रहे ।एक तरफ बच्चे पढ़ रहे है तो दूसरी ओर कुछ बकरी चर रही है और बेठी है।यदि स्कूल के कुछ वर्ग को यदि सड़क के उस पार बने पक्के के मकान में सिप्ट किया जाता है तो बच्चे सोचालय जाने और MDM खाने के लिये उस पार से इस पार आना होगा जिससे किसी प्रकार की अनहोनी हो सकती है जिसकी सूचना स्कूल के हेडमास्टर अजय कुमार के द्वरा अपने वरिये पदाधिकारी को दे दिया गया है ।यही कारण है कि स्कूल अभी तक झोपड़ी और खपड़े की मकान में चल रही है।
बाइट अजय कुमार (हेडमास्टर मध्यविद्यालय फतेहपुर)


Conclusion:
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