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फर्जी सर्टिफिकेट वाले 14 शिक्षकों पर FIR, दो ने तो 9 साल पहले ही छोड़ दी थी नौकरी - FIR ON TEACHERS IN MOTIHARI

मोतिहारी में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल 14 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर की गई है. इनमें दो शिक्षक 7 साल पहले नौकरी छोड़ चुके हैं.

FIR On Teachers In Motihari
मोतिहारी में 14 शिक्षकों पर एफआईआर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 7, 2025, 1:20 PM IST

मोतिहारी: बिहार में फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों पर एक्शन जारी है. इसी क्रम में निगरानी जांच ब्यूरो के डीएसपी ने पूर्वी चंपारण जिले में फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल हुए 14 शिक्षकों पर विभिन्न सात थानों प्राथमिकी दर्ज कराई है. दो दिन पहले दर्ज एफआईआर में ऐसे शिक्षकों के भी नाम हैं, जिन्होंने नियोजन होने के बावजूद नौ वर्ष पूर्व ही नौकरी छोड़ दी थी.

9 साल पहले ही छोड़ी नौकरी: 14 शिक्षकों में प्रभु प्रसाद और शीला कुमारी के भी नाम है. प्रभु प्रसाद ने एक माह का भी वेतन नहीं लिया है, जबकि शीला कुमारी ने कुछ माह का वेतन लिया था. दोनों शिक्षक जिले के चिरैया प्रखंड के दो विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित हैं. इन पर आरोप है कि इन दोनों शिक्षकों ने फर्जी बीटेट के अंकपत्र पर वर्ष 2015 में शिक्षक की नौकरी ली थी.

FIR On Teachers In Motihari
फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल 14 शिक्षकों के नाम (ETV Bharat)

कभी नहीं उठाई सैलेरी: दर्ज प्राथमिकी के अनुसार चिरैया प्रखंड के मीरपुर के रहने वाले शिक्षक प्रभु प्रसाद का नियोजन नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मदिलवा में नौ वर्ष पूर्व रामपुर दक्षिणी पंचायत की नियोजन इकाई द्वारा किया था. नियोजन के कुछ माह बाद तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने प्रभु प्रसाद से आवश्यक अभिलेखों की मांग की लेकिन प्रभु प्रसाद द्वारा आवश्यक अभिलेख नहीं दिए जाने के कारण चिरैया बीआरसी से उनका मास्टर डाटा जिला में नहीं भेजा जा सका. उसके बाद शिक्षक प्रभु प्रसाद ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक और नियोजन इकाई को बिना सूचना अथवा त्यागपत्र के स्कूल आना छोड़ दिया. जिस कारण उन्हें एक माह का वेतन भी भुगतान नहीं किया गया.

एक महीने ही लिया वेतन: वहीं चकिया प्रखंड के सागर पंचायत स्थित बाकरपुर गांव की रहने वाली शीला कुमारी का वर्ष 2015 में माधोपुर नियोजन इकाई द्वारा चिरैया प्रखंड स्थित नवसृजित विद्यालय माधोपुर में नियोजन किया गया था. शीला कुमारी ने जून 2015 में विद्यालय में योगदान दिया. लगभग एक वर्ष नौकरी करने के बाद शिक्षिका शीला कुमारी ने वर्ष 2016 में नौकरी छोड़ दी. शीला ने कुछ माह का वेतन प्राप्त किया था.

क्या बोले बीईओ?: इस संबंध में चिरैया के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सरोज कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है. उन्होंने बताया कि आरोपी दोनों शिक्षक बिना किसी सूचना के नौ साल पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं. इन दोनों शिक्षकों पर भी निगरानी विभाग ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

"जिन 14 शिक्षकों के खिलाफ निगरानी के डीएसपी राजेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें प्रभु प्रसाद और शीला कुमारी 9 वर्ष पूर्व ही नौकरी छोड़ चुके हैं. हालांकि ये मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है."- सरोज कुमार सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चिरैया के प्रखंड

क्या है मामला?: बता दें कि निगरानी के डीएसपी राजेश कुमार ने जिला में फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल हुए 14 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए विभिन्न थानों में आवेदन दिया है. फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल चार शिक्षिका और दस शिक्षकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. सबसे ज्यादा संग्रामपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के पांच शिक्षक के अलावा डुमरियाघाट, चिरैया और हरसिद्धि थाना क्षेत्र के दो-दो शिक्षक और गोविंदगंज, चकिया और सुगौली थाना क्षेत्र के एक-एक शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं. अब तक कुल 38 शिक्षकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है.

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9 साल पहले ही छोड़ी नौकरी: 14 शिक्षकों में प्रभु प्रसाद और शीला कुमारी के भी नाम है. प्रभु प्रसाद ने एक माह का भी वेतन नहीं लिया है, जबकि शीला कुमारी ने कुछ माह का वेतन लिया था. दोनों शिक्षक जिले के चिरैया प्रखंड के दो विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित हैं. इन पर आरोप है कि इन दोनों शिक्षकों ने फर्जी बीटेट के अंकपत्र पर वर्ष 2015 में शिक्षक की नौकरी ली थी.

FIR On Teachers In Motihari
फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल 14 शिक्षकों के नाम (ETV Bharat)

कभी नहीं उठाई सैलेरी: दर्ज प्राथमिकी के अनुसार चिरैया प्रखंड के मीरपुर के रहने वाले शिक्षक प्रभु प्रसाद का नियोजन नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मदिलवा में नौ वर्ष पूर्व रामपुर दक्षिणी पंचायत की नियोजन इकाई द्वारा किया था. नियोजन के कुछ माह बाद तत्कालीन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने प्रभु प्रसाद से आवश्यक अभिलेखों की मांग की लेकिन प्रभु प्रसाद द्वारा आवश्यक अभिलेख नहीं दिए जाने के कारण चिरैया बीआरसी से उनका मास्टर डाटा जिला में नहीं भेजा जा सका. उसके बाद शिक्षक प्रभु प्रसाद ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक और नियोजन इकाई को बिना सूचना अथवा त्यागपत्र के स्कूल आना छोड़ दिया. जिस कारण उन्हें एक माह का वेतन भी भुगतान नहीं किया गया.

एक महीने ही लिया वेतन: वहीं चकिया प्रखंड के सागर पंचायत स्थित बाकरपुर गांव की रहने वाली शीला कुमारी का वर्ष 2015 में माधोपुर नियोजन इकाई द्वारा चिरैया प्रखंड स्थित नवसृजित विद्यालय माधोपुर में नियोजन किया गया था. शीला कुमारी ने जून 2015 में विद्यालय में योगदान दिया. लगभग एक वर्ष नौकरी करने के बाद शिक्षिका शीला कुमारी ने वर्ष 2016 में नौकरी छोड़ दी. शीला ने कुछ माह का वेतन प्राप्त किया था.

क्या बोले बीईओ?: इस संबंध में चिरैया के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सरोज कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है. उन्होंने बताया कि आरोपी दोनों शिक्षक बिना किसी सूचना के नौ साल पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं. इन दोनों शिक्षकों पर भी निगरानी विभाग ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

"जिन 14 शिक्षकों के खिलाफ निगरानी के डीएसपी राजेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें प्रभु प्रसाद और शीला कुमारी 9 वर्ष पूर्व ही नौकरी छोड़ चुके हैं. हालांकि ये मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है."- सरोज कुमार सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, चिरैया के प्रखंड

क्या है मामला?: बता दें कि निगरानी के डीएसपी राजेश कुमार ने जिला में फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल हुए 14 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए विभिन्न थानों में आवेदन दिया है. फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल चार शिक्षिका और दस शिक्षकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. सबसे ज्यादा संग्रामपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के पांच शिक्षक के अलावा डुमरियाघाट, चिरैया और हरसिद्धि थाना क्षेत्र के दो-दो शिक्षक और गोविंदगंज, चकिया और सुगौली थाना क्षेत्र के एक-एक शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं. अब तक कुल 38 शिक्षकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है.

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