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खगड़िया: विभागीय लापरवाही से करोड़ों की लागत से निर्मित जल मीनार बना 'हाथी के दांत'

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Published : Sep 20, 2019, 5:09 PM IST

इन जल मीनारों का निर्माण सालों पहले लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर हुआ था. विभाग ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इन जल मीनारों में ट्रीटमेंट प्लांट भी लगवाया था. लेकिन विभाग की लापरवाही से सरकार के करोड़ों रुपये बर्बाद होने के साथ-साथ लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ हो रहा है.

खगड़िया में बंद है जल मीनार

खगड़िया: जिले के परबत्ता प्रखंड कार्यालय में जल मीनार सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. ये जल मीनार करोड़ों की लागत से बनाए गए थे. लेकिन सुचारू रूप से चालू नहीं है. जिस वजह से प्रखंड के निवासियों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

खराब हो रहा अत्याधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
बताया जाता है कि इन जल मीनारों का निर्माण मिनी जल आपूर्ति योजना के तहत लगभग 10 साल पहले करवाया गया था. लेकिन विभाग के उदासीनता के कारण इनके साथ-साथ इसमें लगे हुए अत्याधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी खराब हो रहे हैं. जिस वजह से जिले के लोगों को आज तक स्वच्छ पेयजल नसीब नहीं हो सका है.

बंद जल मीनार
बंद जल मीनार

'नहीं सुनता कोई सरकारी बाबू'
इस मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रखंड में इन जल मीनार का निर्माण सालों पहले लोगों की सुविधा और सेहत को ध्यान में रखते हुए करवाया गया था. इतने सालों में इस जल मीनार को 7-8 बार चालू किया गया होगा, फिर भी पाइप लिकेज के कारण इस मीनार से लोगों को एक बार भी पेयजल नसीब नहीं हुआ. लोगों का कहना है कि मामले पर कई बार अधिकारियों से गुहार लगाया गई, लेकिन किसी सरकारी बाबू ने इस मामले में पहल करने की जहमत नहीं उठाई.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

गुहार करने पर लोगों को मिलती है केस की धमकी- स्थानीय
वहीं, इन जल मीनार के बंद रहने पर स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रखंड कार्यालय में पेयजल की बात तो दूर है, शौचालयों में भी पानी नहीं हैं. कार्यालय आने पर पुरुष तो किसी प्रकार से दिन व्यतीत कर लेता है, लेकिन महिलाओं का जीना दुभर हो जाता है. स्थानीय लोगों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को उठाने पर सरकारी बाबू कार्यालय से यह कहकर दुत्कार कर भगा देते हैं कि किसी को परेशानी नहीं हो रही है सिवाय आपको, अपना काम करें नहीं तो किसी केस में फंसा देंगे.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

लोक स्वास्थ्य विभाग ने करवाया था निर्माण
बताया जाता है कि इन जल मीनारों का निर्माण सालों पहले लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर हुआ था. विभाग ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इन जल मीनारों में ट्रीटमेंट प्लांट भी लगवाया था. लेकिन विभाग की लापरवाही से सरकार के करोड़ों रुपये बर्बाद होने के साथ-साथ लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ हो रहा है.

खगड़िया में बंद है जल मीनार

जल्द होगा निदान- कार्यपालक अभियंता
इस बाबत जब ईटीवी भारत की टीम ने कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है, नए सिरे से ठीक कराकर इसके लिए कार्य किया जा रहा है. जल्द ही जल मीनार को चालू कर दिया जाएगा.

खगड़िया: जिले के परबत्ता प्रखंड कार्यालय में जल मीनार सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. ये जल मीनार करोड़ों की लागत से बनाए गए थे. लेकिन सुचारू रूप से चालू नहीं है. जिस वजह से प्रखंड के निवासियों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

खराब हो रहा अत्याधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
बताया जाता है कि इन जल मीनारों का निर्माण मिनी जल आपूर्ति योजना के तहत लगभग 10 साल पहले करवाया गया था. लेकिन विभाग के उदासीनता के कारण इनके साथ-साथ इसमें लगे हुए अत्याधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी खराब हो रहे हैं. जिस वजह से जिले के लोगों को आज तक स्वच्छ पेयजल नसीब नहीं हो सका है.

बंद जल मीनार
बंद जल मीनार

'नहीं सुनता कोई सरकारी बाबू'
इस मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रखंड में इन जल मीनार का निर्माण सालों पहले लोगों की सुविधा और सेहत को ध्यान में रखते हुए करवाया गया था. इतने सालों में इस जल मीनार को 7-8 बार चालू किया गया होगा, फिर भी पाइप लिकेज के कारण इस मीनार से लोगों को एक बार भी पेयजल नसीब नहीं हुआ. लोगों का कहना है कि मामले पर कई बार अधिकारियों से गुहार लगाया गई, लेकिन किसी सरकारी बाबू ने इस मामले में पहल करने की जहमत नहीं उठाई.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

गुहार करने पर लोगों को मिलती है केस की धमकी- स्थानीय
वहीं, इन जल मीनार के बंद रहने पर स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रखंड कार्यालय में पेयजल की बात तो दूर है, शौचालयों में भी पानी नहीं हैं. कार्यालय आने पर पुरुष तो किसी प्रकार से दिन व्यतीत कर लेता है, लेकिन महिलाओं का जीना दुभर हो जाता है. स्थानीय लोगों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले को उठाने पर सरकारी बाबू कार्यालय से यह कहकर दुत्कार कर भगा देते हैं कि किसी को परेशानी नहीं हो रही है सिवाय आपको, अपना काम करें नहीं तो किसी केस में फंसा देंगे.

स्थानीय लोग
स्थानीय लोग

लोक स्वास्थ्य विभाग ने करवाया था निर्माण
बताया जाता है कि इन जल मीनारों का निर्माण सालों पहले लोक स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर हुआ था. विभाग ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इन जल मीनारों में ट्रीटमेंट प्लांट भी लगवाया था. लेकिन विभाग की लापरवाही से सरकार के करोड़ों रुपये बर्बाद होने के साथ-साथ लोगों की सेहत से भी खिलवाड़ हो रहा है.

खगड़िया में बंद है जल मीनार

जल्द होगा निदान- कार्यपालक अभियंता
इस बाबत जब ईटीवी भारत की टीम ने कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है, नए सिरे से ठीक कराकर इसके लिए कार्य किया जा रहा है. जल्द ही जल मीनार को चालू कर दिया जाएगा.

Intro:


Body:सालो पहले बना पानी टंकी अभी भी नही देता पानी
सरकारी पानी टंकी बंद होने से पानी खरीद कर पीने को मजबूर गांव वासी।जिला प्रसाशन की लापरवाही के वजह से सालो से बंद पड़ी है टंकी। बता दे की खगड़िया के प्रबता प्रखंड कार्यालय में मिनी जल आपूर्ति योजना के तहत टंकी का निर्माण कराया गया था।अस्थानियो की माने तो टंकी का निर्माण करीब 10 साल पहले ही कराया गया था।लेकिन पिछले 10 से टंकी से पानी का सपलाई बंद पड़ा हुआ है। पहले एक तरफ सप्लाई बंद हुआ फिर दूसरे तरफ और अब प्रखंड कार्यालय के चारो तरफ बंद हो गया।जिसके वजह से अस्थानिये को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण कहते है कि जब तक टंकी से पानी का सपलाई आ रहा था हमारे लिए बहुत लाभदायक साबित हो रहा था लेकिन जब से बंद हुआ तब से हमलोग को एहसास हुआ कि पानी कितना मत्त्वपूर्ण चीज है अब हमलोग 20 से 25 रुपया लगा कर पानी खरीदते है तब पीते है।मिनी जल आपूर्ति का जो पानी आता था वो एकदम स्वक्छ पानी रहता था क्यों कि इसमें वाटर प्यूरीफायर भी लगा हुआ था।
जिला प्रसाशन के तरफ से कोई भी जानकारी तक नही लेता हम से की क्यों बंद पड़ी हुई है। ऑपरेटर की माने तो इस योजना का टेंडर निकलता है और कोई निजी कंपनी इसको 5 साल के ले कर चलती है। निजी कंपनी का जिम्मेदारी होता है कि टंकी की देख भाल करे और सुचारू रूप से चलाए लेकिन अभी जो मेमरेंन कंपनी है वो जब से इसको अपने कार्य क्षेत्र में ली है तब से ऐसा हाल खराब होते आया और अब बंद भी हो गई।वंही हमने जब एक्सक्यूटिव इंजीनियर राजीव कुमार से समस्या जानने की कोशिस तो उनका कहना था कि हमे जानकारी नही थी कि पानी सप्लाई बंद है अब हमारे संज्ञान में मामला आया है हम तुरन्त देख कर ठीक करवाते है।


Conclusion:
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