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4 विधानसभा और 8 पंचायतों के लिए नाव ही एक मात्र सहारा, 'सुशासन बाबू' से पुल की मांग

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Published : Jan 15, 2020, 11:15 AM IST

परीक्षा देने जा रही पूजा कुमारी कहती है कि पुल न होने की वजह से खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. पेपर चल रहे हैं, ऐसे में दिन में दो बार आना-जाना होता है.

खगड़िया से गौरव की रिपोर्ट
खगड़िया से गौरव की रिपोर्ट

खगड़िया: जिले की 8 पंचायतों की तकरीबन 50 हजार से ऊपर की आबादी बूढ़ी गंडक की नदी को पार कर अपनी जिंदगी गुजार रही है. एक छोटी नदी के सहारे लोग यहां नदी पार करते हैं. इस बाबत लोगों ने पोस्टर चस्पा कर सीएम नीतीश कुमार से पुल की मांग की है.

लोगों ने पोस्टर लगाते हुए लिखा है, 'सुशासन बाबू नीतीश कुमार, कर दें कृपा एक बार. खगड़िया-बेगूसराय की जनता को है आप से आस, जलकौड़ा-तिरासी पुल का निर्माण कर, कर दें क्षेत्र का विकास.'

खगड़िया से गौरव की रिपोर्ट

बड़ी समस्या का सामना कर रहे लोग
बिहार के खगड़िया मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बूढ़ी गंडक नदी के दायरे में 8 पंचायतें आती हैं. इनमें खगड़िया और अलौली प्रखंड शामिल हैं. लोग अपनी समस्या बताते हुए सरकार से पुल की मांग कर रहे हैं.

4 विधानसभा क्षेत्र होते हैं प्रभावित
बूढ़ी गंडक पर पुल नहीं होने की वजह से 4 विधानसभा के लोग परेशान हैं. खगड़िया, अलौली, साहेबपुर कमाल और बखरी ये चारों विधानसभाओं का बार्डर नदी का तट है.

ऐसे कर रहे आवागमन
ऐसे कर रहे आवागमन

क्या कहते हैं लोग
चद्रशेखर तांती खड़गी तिरासी गांव के रहने वाले हैं. उनका कहना है कि पुल नहीं होने की वजह से सारे काम तो प्रभावित होते हैं. सब से ज्यादा शिक्षा और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. बच्चे उच्च शिक्षा लेने नहीं जा पाते हैं. जब किसी की तबियत खराब हो जाती है, तो अस्पताल ले जाने के क्रम में ही मरीज दम तोड़ देता है.

परीक्षा देने जा रही पूजा कुमारी कहती है कि पुल न होने की वजह से खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. पेपर चल रहे हैं, ऐसे में दिन में दो बार आना जाना होता है. जान का खतरा भी है. ऐसे ही गांव की अन्य महिलाओं ने 4बताया कि गर्भवती महिलाओं का कई बार नाव में ही प्रसव कराया गया है.

एक नाव बनी सहारा
एक नाव बनी सहारा

जल्द बनेगा पुल- डीएम
पुल की मांग पर जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने भी माना कि यहां पुल की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं खुद मुख्यमंत्री पुल बनाने को लेकर मांग करूंगा. डीएम ने बताया कि 2016 मे पुल के लिए 56 करोड़ रुपया पास हुआ था लेकिन पैसा नहीं होने के वजह से रह गया. अब अगर पुल पास होता है, तो 56 की जगह कम से कम 75 करोड़ रुपया लगेगा.

खगड़िया: जिले की 8 पंचायतों की तकरीबन 50 हजार से ऊपर की आबादी बूढ़ी गंडक की नदी को पार कर अपनी जिंदगी गुजार रही है. एक छोटी नदी के सहारे लोग यहां नदी पार करते हैं. इस बाबत लोगों ने पोस्टर चस्पा कर सीएम नीतीश कुमार से पुल की मांग की है.

लोगों ने पोस्टर लगाते हुए लिखा है, 'सुशासन बाबू नीतीश कुमार, कर दें कृपा एक बार. खगड़िया-बेगूसराय की जनता को है आप से आस, जलकौड़ा-तिरासी पुल का निर्माण कर, कर दें क्षेत्र का विकास.'

खगड़िया से गौरव की रिपोर्ट

बड़ी समस्या का सामना कर रहे लोग
बिहार के खगड़िया मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बूढ़ी गंडक नदी के दायरे में 8 पंचायतें आती हैं. इनमें खगड़िया और अलौली प्रखंड शामिल हैं. लोग अपनी समस्या बताते हुए सरकार से पुल की मांग कर रहे हैं.

4 विधानसभा क्षेत्र होते हैं प्रभावित
बूढ़ी गंडक पर पुल नहीं होने की वजह से 4 विधानसभा के लोग परेशान हैं. खगड़िया, अलौली, साहेबपुर कमाल और बखरी ये चारों विधानसभाओं का बार्डर नदी का तट है.

ऐसे कर रहे आवागमन
ऐसे कर रहे आवागमन

क्या कहते हैं लोग
चद्रशेखर तांती खड़गी तिरासी गांव के रहने वाले हैं. उनका कहना है कि पुल नहीं होने की वजह से सारे काम तो प्रभावित होते हैं. सब से ज्यादा शिक्षा और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. बच्चे उच्च शिक्षा लेने नहीं जा पाते हैं. जब किसी की तबियत खराब हो जाती है, तो अस्पताल ले जाने के क्रम में ही मरीज दम तोड़ देता है.

परीक्षा देने जा रही पूजा कुमारी कहती है कि पुल न होने की वजह से खासा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. पेपर चल रहे हैं, ऐसे में दिन में दो बार आना जाना होता है. जान का खतरा भी है. ऐसे ही गांव की अन्य महिलाओं ने 4बताया कि गर्भवती महिलाओं का कई बार नाव में ही प्रसव कराया गया है.

एक नाव बनी सहारा
एक नाव बनी सहारा

जल्द बनेगा पुल- डीएम
पुल की मांग पर जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने भी माना कि यहां पुल की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं खुद मुख्यमंत्री पुल बनाने को लेकर मांग करूंगा. डीएम ने बताया कि 2016 मे पुल के लिए 56 करोड़ रुपया पास हुआ था लेकिन पैसा नहीं होने के वजह से रह गया. अब अगर पुल पास होता है, तो 56 की जगह कम से कम 75 करोड़ रुपया लगेगा.

Intro:खगड़िया में 8 पंचायत ऐसे है, जिनको आज तक एक पूल और सडक नसीब नहीं हुई है।बूढ़ी गंडक नदी के उस पार पंचायत की 50 हजार की आबादी एक छोटी सी नाव पर पूरी तरह से निर्भर है।


Body:खगड़िया में 8 पंचायत ऐसे है, जिनको आज तक एक पूल और सडक नसीब नहीं हुई है।बूढ़ी गंडक नदी के उस पार पंचायत की 50 हजार की आबादी एक छोटी सी नाव पर पूरी तरह से निर्भर है।

जहां एक तरफ पूरे देश के नागरिक मेट्रो में सवार होकर के बुलेट ट्रेन पर बैठने का सपना देख रहे हो। वही खगड़िया में सुशासन बाबू की विकास के हर एक दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
नितीश सरकार के जो दावे है उसको खोखला हम नहीं उनकी जनता कह रही है। बिहार के खगड़िया मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बूढ़ी गंडक नदी है और उसके पाए में खगड़िया के 8 पंचायत है जो खगडिया और अलौली प्रखंड में पड़ता है।

लेकिन इन 8 पंचायत के लोगो के नसीब में विकाश नही है ना इनके बच्चे के भविष्य में अच्छी शिक्षा है। क्यों कि बूढ़ी गंडक नदी के उस पार से इस पार आने जाने के लिए कोई पूल या कोई सड़क नही है। एक छोटी सी नाव है जिस पर इस 8 पंचायत की 50 हजार की आबादी प्रभवित है।

नाव भी ऐसी है कि इस पर कोई नाविक नही होता है। जिस ग्रामीण को इस पार से उस पार करना होता है।महिला हो या पुरुष उनको खुद नाव चला कर लाना ले जाना होता है। ऐसे में कई बार दुर्घटना भी हो चुकी है ग्रामीणों के साथ। फिर भी बेचारी सरकार इन ग्रामीणों के लिए कुछ नही कर सकती।

4 विधानसभा को प्रभावित करती है नदी।
बूढ़ी गंडक पर पूल नही होने के वजह से 4 विधानसभा के लोगो को फर्क पड़ता है,खगड़िया, अलौली,साहेबपुर कमाल और बखरी ये चारों विधानसभा का ये घाट बॉर्डर है।

क्या कहते है लोग
विओ 1
चद्रशेखर तांती नदी के उस पार के है इनका किराने का दुकान है खड़गी तिरासी गांव में और दुकान के काम से लगभग हर दिन खगड़िया मुख्यालय आना होता है ऐसे में दिन में कम से कम 2 बार सायकिल को नाव पर ले कर आतें जाते है। और चन्द्रशेखर तांती कहते है कि पूल नही होने के वजह से हर काम तो प्रभावित होती ही है सब से ज्यादा शिक्षा और स्वास्थ्य पर असर पड़ती है। बच्चे उच्च शिक्षा नही ले पाते महिला या बुजुर्ग का तबियत खराब हो जाता है तो अस्पताल ले जाने में ही दम तोड़ देते है।

विओ 2
पूजा कुमारी अपने मायके से सुसराल परीक्षा देने जा रही है क्यों कि यंहा तो कोई विद्यालय या कॉलेज है नही इसलिए ससुराल में ही नामांकन कराई है।

विओ 3
सोभा देवी कहती है कि अब तो आखरी ख्वाइस है कि सरकार पूल देती तो देख लेते एक बार,सोभा देवी कहती है कि विकाश के नाम से तो हमलोग आज तक अंजान है जब एक पूल नही हमे दिया जा सका आज तक तो और क्या उम्मीद करेंगे।

विओ 3
दीपक एक छात्र है 9वी में पड़ता है लेकिन हर दिन कम से कम 3 या 4 बार इस नदी को नाव के सहारे पर करता है,क्यों कि दीपक के हिसाब से इनका विद्यालय भी उस पार में है और कोचिंग भी। दीपक खुद इस नाव से दुर्घटना में 2 बार नदी में गिर चुके है और मरते-मरते बचे है। दीपक खुद नाव को खींच कर उस पार जाते और आते है।

अधिकारी की बात
जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार कहते है कि वंहा पूल बनना बहुत महत्वपूर्ण है,हम खुद मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे पूल बनने के लिए। जिला अधिकारी ने बताया कि एक बार 2016 मे पूल के लिए 56 करोड़ रुपया पास हुआ था लेकिन पैसा नही होने के वजह से रह गया।अब अगर पूल पास होता है तो 56 की जगह कम से कम 75 करोड़ रुपया लगेगा।


चन्द्रशेखर तांती
पूजा कुमारी
सोभा देवी
दीपक कुमार


Conclusion:जिला प्रसाशन और यंहा के जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि जल्द से जल्द कोशिस कर के खड़गी तिरसी पर पूल बनवाये ताकि वंहा के बच्चे भी शिक्षित हो सके।
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