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छप्पर के घर में चल रहा है यह थाना, पुलिसकर्मियों को नसीब नहीं छत

खगड़िया: बिहार सरकार देश में नए भारत की बात करते हैं, बिहार में सभी जिलों में मॉडल थाने भी बन रहे हैं. लेकिन खगड़िया के मानसी थाना को बीते 23 साल में अपना एक भवन भी नसीब नहीं हुआ है.

मानसी थाना की जर्जर अवस्था
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Published : Feb 24, 2019, 7:38 PM IST

खगड़िया: बिहार सरकार देश में नए भारत की बात करते हैं, बिहार में सभी जिलों में मॉडल थाने भी बन रहे हैं. लेकिन खगड़िया के मानसी थाना को बीते 23 साल में अपना एक भवन भी नसीब नहीं हुआ है. जो सिपाही जिले को सुरक्षा देते हैं. उन्हें एक छत तक नसीब नहीं है. चैन से सोने के लिए.

मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था

जिले के मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था. यह थाना पहले मानसी बाजार में किराए के मकान में चल रहा था. लेकिन 1995 में थाना नेशनल हाइवे 31 के निर्माण के लिए बने माल गोदाम में संचालित होने लगा. जब नेशनल हाइवे बन गया तब इसमें मानसी थाना को संचालित किया जाने लगा तब से थाना इसी माल गोदाम में चल रहा है.

छत भी नसीब नहीं

इस थाने में सिपाहियों को थकान मिटाने के लिए छत भी नसीब नहीं है. जिस भवन में सिपाही रहते हैं और सोते हैं वह छपरे का बना हुआ एक छोटा सा घर है. उसमें बड़े-बड़े छेद बने हुए हैं जिससे बारिश के दिनों में पानी आते रहता है और कमरा पानी से भर जाता है. मानसी थाना के सिपाहियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जहरीले सांप, बिच्छू कमरे में घुस आते हैं. उन्हें हर समय डर सताते रहता है कि छप्पर का बना हुआ छत गिर न जाए.

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मानसी थाना की जर्जर अवस्था

थाना भवन की बदहाली

मानसी थाना के कर्मचारियों का कहना है कि थाना में न ही पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की. थाना भवन चारों तरफ से झाड़ और जंगल से घिरा हुआ है. मानसी थाना पर 7 पंचायतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इन पंचायतों में करीब 3 लाख की आबादी है. इतनी घनी आबादी की सुरक्षा के लिए थाने में सिर्फ 10 होमगार्ड 5 एसआई और 2 एएसआई की नियुक्ती है. थाने में विगत कई महीनों से मुंशी भी नहीं है और मुंशी का काम थाना के चौकीदार करते हैं. हालांकि इस मामले में अधिकारी कुछ भी बताने से बचते दिखे

खगड़िया: बिहार सरकार देश में नए भारत की बात करते हैं, बिहार में सभी जिलों में मॉडल थाने भी बन रहे हैं. लेकिन खगड़िया के मानसी थाना को बीते 23 साल में अपना एक भवन भी नसीब नहीं हुआ है. जो सिपाही जिले को सुरक्षा देते हैं. उन्हें एक छत तक नसीब नहीं है. चैन से सोने के लिए.

मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था

जिले के मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था. यह थाना पहले मानसी बाजार में किराए के मकान में चल रहा था. लेकिन 1995 में थाना नेशनल हाइवे 31 के निर्माण के लिए बने माल गोदाम में संचालित होने लगा. जब नेशनल हाइवे बन गया तब इसमें मानसी थाना को संचालित किया जाने लगा तब से थाना इसी माल गोदाम में चल रहा है.

छत भी नसीब नहीं

इस थाने में सिपाहियों को थकान मिटाने के लिए छत भी नसीब नहीं है. जिस भवन में सिपाही रहते हैं और सोते हैं वह छपरे का बना हुआ एक छोटा सा घर है. उसमें बड़े-बड़े छेद बने हुए हैं जिससे बारिश के दिनों में पानी आते रहता है और कमरा पानी से भर जाता है. मानसी थाना के सिपाहियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जहरीले सांप, बिच्छू कमरे में घुस आते हैं. उन्हें हर समय डर सताते रहता है कि छप्पर का बना हुआ छत गिर न जाए.

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मानसी थाना की जर्जर अवस्था

थाना भवन की बदहाली

मानसी थाना के कर्मचारियों का कहना है कि थाना में न ही पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की. थाना भवन चारों तरफ से झाड़ और जंगल से घिरा हुआ है. मानसी थाना पर 7 पंचायतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. इन पंचायतों में करीब 3 लाख की आबादी है. इतनी घनी आबादी की सुरक्षा के लिए थाने में सिर्फ 10 होमगार्ड 5 एसआई और 2 एएसआई की नियुक्ती है. थाने में विगत कई महीनों से मुंशी भी नहीं है और मुंशी का काम थाना के चौकीदार करते हैं. हालांकि इस मामले में अधिकारी कुछ भी बताने से बचते दिखे

Intro:भारत सरकार और बिहार सरकार देश में नए भारत की बात करते हैं, बिहार में सभी जिलों में मॉडल थाने बन रहे हैं, लेकिन खगड़िया के मानसी था को बीते 23 साल में आज तक अपना भवन भी नसीब नहीं हुआ है। जो सिपाही जिले को सुरक्षा देते हैं उन्हें एक छतरी नसीब नहीं है चैन से सोने के लिए


Body:भारत सरकार और बिहार सरकार देश में नए भारत की बात करते हैं, बिहार में सभी जिलों में मॉडल थाने बन रहे हैं, लेकिन खगड़िया के मानसी था को बीते 23 साल में आज तक अपना भवन भी नसीब नहीं हुआ है। जो सिपाही जिले को सुरक्षा देते हैं उन्हें एक छत भी नसीब नहीं है चैन से सोने के लिए। जिला के मानसी थाना 1995 में स्थापित हुआ था यह थाना पहले मानसी बाजार में किराए मकान में चल रहा था लेकिन 1995 ईसवी में थाना नेशनल हाइवे 31 के निर्माण के लिए बने माल गोदाम में संचालित होने लगा।यह माल गोदाम हाइवे के निर्माण में प्रयोग हो रहे मेटीरियल के लिए बना था।जब नेशनल हाईवे बन गया तब इसमें मनशी थाना को संचालित किया जाने लगा तब से थाना इसी माल गोदाम में चल रहा है। थाने में सिपाहियों को थकान मिटाने के लिए छत भी नसीब नहीं है। जिस भवन में सिपाही रहते हैं और सोते हैं वह छपरे का बना हुआ घर है ।उसमें बड़े-बड़े छेद बने हुए हैं जिससे बारिश के दिनों में पानी आते रहता है और कमरा पानी से भर जाता है मानसी थाना के सिपाहियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में जहरीले सांप बिछू कमरे में घुस आते हैं और हर समय डर सताते रहता है कि छप्पर का बना हुआ छत गिर न जाए। मनशी थाना के कर्मचारियों का कहना है कि थाना में नहीं पीने की पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की अच्छी व्यवस्था हैं ।थाना भवन चारों तरफ से झाड़ और जंगल से घिरा हुआ है जिसके वजह से जीव जंतु थाना परिसर में खुलेआम घूमते रहते हैं। मानसी थाना 7 पंचायतों की सुरक्षा की जिम्मेदारी को रखता है इन पंचायतों में करीब 3 लाख की आबादी बस्ती है इतनी घनी आबादी की सुरक्षा के लिए थाने में सिर्फ 10 होमगार्ड 5 एसआई और दो एएसआई की नियुक्त है। क्षेत्र भ्रमण करने के लिए थाने को दो गाड़ियों एवं दो ड्राइवर मिले हैं ,लेकिन थाने में विगत कई महीनों मुंशी नहीं है और मुंशी का काम थाना के चौकीदार करते है,हालांकि इस मामले में इस से जुड़े अधिकारी बचते दिखे और जिले की पुलिस अधीक्षक मीनू कुमारी फोन नही रिसीव की।
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