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खगड़ियाः पानी टंकी से निकलता है गंदा पानी, पीने के अलावा दूसरे कामों में होता है उपयोग - apl

2 साल पहले खगड़िया आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने हाथों से जिस जल मीनार का उद्घाटन किया था, आज उसका पानी पीने लायक नहीं रह गया है.

खगड़िया
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Published : Jul 28, 2019, 3:55 PM IST

खगड़ियाः जिले के चौथम प्रखंड के वॉर्ड नम्बर 12 में सात निश्चय योजना के तहत बने पानी टंकी की स्थिति बद से बदतर है. इसमें सब से बड़ी बात यह है कि सात निश्चय योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री द्वारा खुद पूरे खगड़िया में की गई थी. इसके तहत बने इस 2 हजार की पानी टंकी से करीब 150 घर पानी जाता है. जिसमें ज्यादातर परिवार बीपीएल वाले हैं. नल से निकलने वाला पानी बहुत ही गंदा है. जो किसी भी सूरत में पीने लायक नहीं है.

वार्ड नम्बर 12 में स्थित पानी टंकी

क्यों है ऐसा हाल?
पानी टंकी जब से बना है तब से इसकी सफाई सिर्फ एक बार हुई है. पंचायत प्रमुख कहते हैं कि 16 लाख रुपए की लागत से बनी पानी टंकी के लिए एक ऑपरेटर को रखवाया गया था जो टंकी के लिए समय से मोटर चलाता. इसकी देखभाल के लिए उसकी आमदनी के लिए सरकार ने तय किया था कि बीपीएल परिवार वाले उसे 30 रुपया और एपीएल परिवार वाले 60 रुपया प्रति महीना देंगे. ऐसे में टंकी की देख रेख जरूर होती. लेकिन, किसी भी परिवार ने आज तक एक रुपया नहीं दिया. जिस वजह से इसकी यह दशा है.

पीने के अलावा दूसरे कामों में होता है इस्तेमाल
ग्रामीण कहते हैं कि पानी का पीने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. बाकी सभी कामों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कि जानवर धोना, कपड़े धोना, बर्तन धोना, बाथरूम साफ करना आदि. गौरतलब है कि इन सभी कामों में सात निश्चय योजना के तहत बने टंकी का इस्तेमाल होता है बस पीने के लिए नहीं होता है, जो यह इस योजना पर सवाल खड़े करता है.

खगड़ियाः जिले के चौथम प्रखंड के वॉर्ड नम्बर 12 में सात निश्चय योजना के तहत बने पानी टंकी की स्थिति बद से बदतर है. इसमें सब से बड़ी बात यह है कि सात निश्चय योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री द्वारा खुद पूरे खगड़िया में की गई थी. इसके तहत बने इस 2 हजार की पानी टंकी से करीब 150 घर पानी जाता है. जिसमें ज्यादातर परिवार बीपीएल वाले हैं. नल से निकलने वाला पानी बहुत ही गंदा है. जो किसी भी सूरत में पीने लायक नहीं है.

वार्ड नम्बर 12 में स्थित पानी टंकी

क्यों है ऐसा हाल?
पानी टंकी जब से बना है तब से इसकी सफाई सिर्फ एक बार हुई है. पंचायत प्रमुख कहते हैं कि 16 लाख रुपए की लागत से बनी पानी टंकी के लिए एक ऑपरेटर को रखवाया गया था जो टंकी के लिए समय से मोटर चलाता. इसकी देखभाल के लिए उसकी आमदनी के लिए सरकार ने तय किया था कि बीपीएल परिवार वाले उसे 30 रुपया और एपीएल परिवार वाले 60 रुपया प्रति महीना देंगे. ऐसे में टंकी की देख रेख जरूर होती. लेकिन, किसी भी परिवार ने आज तक एक रुपया नहीं दिया. जिस वजह से इसकी यह दशा है.

पीने के अलावा दूसरे कामों में होता है इस्तेमाल
ग्रामीण कहते हैं कि पानी का पीने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. बाकी सभी कामों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कि जानवर धोना, कपड़े धोना, बर्तन धोना, बाथरूम साफ करना आदि. गौरतलब है कि इन सभी कामों में सात निश्चय योजना के तहत बने टंकी का इस्तेमाल होता है बस पीने के लिए नहीं होता है, जो यह इस योजना पर सवाल खड़े करता है.

Intro:2 साल पहले खगड़िया आय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने हाथों से जिस जल मीनार का उद्घाटन किया था आज उसका पानी पीने लायक नही राह गया है।खगड़िया के चौथम प्रखंड के वार्ड नम्बर 12 में सात निश्चय योजना के तहत बने पानी टंकी का स्थिति बात से बतदतर है और सब से बड़ी इसमें बात ये है कि सात निश्चय योजना का शुरआत पूरे खगड़िया में यही से हुआ था और खुद मुख्यमंत्री के द्वारा शुरआत किया गया था।


Body:2 साल पहले खगड़िया आय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने हाथों से जिस जल मीनार का उद्घाटन किया था आज उसका पानी पीने लायक नही रह गया है। खगड़िया के चौथम प्रखंड के वार्ड नम्बर 12 में सात निश्चय योजना के तहत बने पानी टंकी का स्थिति बत से बतदतर है और सब से बड़ी इसमें बात ये है कि सात निश्चय योजना का शुरआत पूरे खगड़िया में यही से हुआ था और खुद मुख्यमंत्री के द्वारा शुरआत किया गया था।

इस 2 हजार की पानी टंकी से करीब 150 घर को पानी मिलता है ।जिसमे ज्यादातर परिवार बिपल वाले है।पानी के शुद्धता को मापने की भी जरूरत नही है ।नल से निकलते हुए पानी को देखते ही कोई बच्चा भी समझ जायगा की पानी गंदा है और पीने लायक नही है।

क्यों है ऐसा हाल
पानी टंकी जब से बना है तब से सिर्फ एक बार आज तक साफ हुआ है । गंदा पानी आने की वजह यही है पंचायत के प्रमुख कहते है कि 16 लाख रुपया की लागत से पानी टंकी बनवाया गया था और एक ऑपरेटर रखा गया था जो टंकी के लिए समय से मोटर चलयगा। उसकी आमदनी और टंकी के देखभाल के लिए सरकार ने तय किया था कि बीपीएल परिवार वाले प्रति महीना 30 रुपया देंगे और एपीएल परिवार वाले प्रति महीना 60 रुपया देंगे। इन्ही पैसों से ऑपरेटर को भी उसका मेहनताना मिला जयगा और टंकी भी देख रेख की जायेगी लेकिन आज तक कोई भी परिवार एक रुपया नही दिया है जिस से ये दुर्दशा बनी हुई है।

ग्रामीण कहते है कि पानी को अगर पीने में इस्तेमाल नही किया जाय तो बाकी सभी कामों में आता है जैसे को जनावर धोना, कपड़े धोने,बर्तन धोना,बाथरूम साफ करना ये सभी कामो में सात निश्चय योजना के तहत बने टंकी का इस्तेमाल होता है सीर्फ पीने को छोड़ कर।

(नोट-पिले कुर्ते में प्रमुख की बाइट है)



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