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खगड़िया: घाटों पर जमा कीचड़ से छठ व्रतियां हैं चिंतित- कैसे देंगी भगवान भास्कर को अर्घ्य

शहर के सीढ़ी घाट हो या अड्डा घाट, सारे घाटों की हालत खराब है. ऐसे में लोग नगर परिषद के साथ-साथ प्रशासन पर भी आरोप लगा रहे हैं कि कोई भी उनकी नहीं सुन रहा है.

घाटों की हालत खराब
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Published : Oct 31, 2019, 12:09 PM IST

खगड़िया: गुरुवार से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. ऐसे में पर्व को लेकर घाटों को तैयार किया जा रहा है. शहर में कुल मिलाकर 7 घाट हैं. जिसकी साफ-सफाई का जिम्मा नगर परिषद के ऊपर है. लेकिन अभी तक घाटों को पर्व के अतिरिक्त तैयार नहीं किया जा सका है. घाटों पर चारो तरफ दलदल और कचरे का अंबार लगा हुआ है. जिसको लेकर श्रद्धालु परेशान हैं.

दलदल के कारण हो सकती है दुर्घटना
नगर परिषद के ऊपर घाटों की साफ-सफाई के अलावा घाटों पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा है. जिसमें वह विफल साबित हो रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि घाट पर साफ-सफाई नदारद है. ऐसे में वे लोग खुद ही मिलकर घाट की साफ-सफाई कर रहे हैं. उनका कहना है कि दलदल के कारण घाट पर गड्ढे बने हुए हैं. जिससे किसी के भी दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा है.

छठ को लेकर घाटों की हालत है खराब

घाटों पर जमा हुआ है कीचड़
बूढ़ी गंडक नदी में बारिश के कारण बढ़े जलस्तर से घाट पर कीचड़ जमा है. जिसका सूखना सम्भव नहीं है. ऐसे में छठ व्रतियां चिंतित हैं कि दलदल के बीच भगवान भास्कर को अर्घ्य कैसे देंगे. इसपर नगर सभापति सीता कुमारी ने कहा कि घाटों पर साफ-सफाई का काम किया जा रहा है. साथ ही छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान भी रखा जा रहा है.

'प्रशासन तो सो रहा है'
शहर के सीढ़ी घाट हो या अड्डा घाट, सारे घाटों की हालत खराब है. ऐसे में लोग नगर परिषद के साथ-साथ प्रशासन पर भी आरोप लगा रहे हैं कि कोई भी उनकी नहीं सुन रहा है. वहीं, जन अधिकार पार्टी के नेता मनोहर यादव ने भी जिला प्रसाशन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रसाशन तो सो रहा है. घाटों की तैयारी नहीं कर पाने पर वह बेवजह धारा 144 लगा रहा है. ताकि अगर घाटों पर किसी भी तरह की अनोहोनी होती है तो वह परिवारों को मुआवजा देने से बच जाएगा.

खगड़िया: गुरुवार से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है. ऐसे में पर्व को लेकर घाटों को तैयार किया जा रहा है. शहर में कुल मिलाकर 7 घाट हैं. जिसकी साफ-सफाई का जिम्मा नगर परिषद के ऊपर है. लेकिन अभी तक घाटों को पर्व के अतिरिक्त तैयार नहीं किया जा सका है. घाटों पर चारो तरफ दलदल और कचरे का अंबार लगा हुआ है. जिसको लेकर श्रद्धालु परेशान हैं.

दलदल के कारण हो सकती है दुर्घटना
नगर परिषद के ऊपर घाटों की साफ-सफाई के अलावा घाटों पर हर तरह की सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा है. जिसमें वह विफल साबित हो रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि घाट पर साफ-सफाई नदारद है. ऐसे में वे लोग खुद ही मिलकर घाट की साफ-सफाई कर रहे हैं. उनका कहना है कि दलदल के कारण घाट पर गड्ढे बने हुए हैं. जिससे किसी के भी दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा है.

छठ को लेकर घाटों की हालत है खराब

घाटों पर जमा हुआ है कीचड़
बूढ़ी गंडक नदी में बारिश के कारण बढ़े जलस्तर से घाट पर कीचड़ जमा है. जिसका सूखना सम्भव नहीं है. ऐसे में छठ व्रतियां चिंतित हैं कि दलदल के बीच भगवान भास्कर को अर्घ्य कैसे देंगे. इसपर नगर सभापति सीता कुमारी ने कहा कि घाटों पर साफ-सफाई का काम किया जा रहा है. साथ ही छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो, इसका ध्यान भी रखा जा रहा है.

'प्रशासन तो सो रहा है'
शहर के सीढ़ी घाट हो या अड्डा घाट, सारे घाटों की हालत खराब है. ऐसे में लोग नगर परिषद के साथ-साथ प्रशासन पर भी आरोप लगा रहे हैं कि कोई भी उनकी नहीं सुन रहा है. वहीं, जन अधिकार पार्टी के नेता मनोहर यादव ने भी जिला प्रसाशन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रसाशन तो सो रहा है. घाटों की तैयारी नहीं कर पाने पर वह बेवजह धारा 144 लगा रहा है. ताकि अगर घाटों पर किसी भी तरह की अनोहोनी होती है तो वह परिवारों को मुआवजा देने से बच जाएगा.

Intro:छठ महापर्व को सिर्फ 4 दिन बच्चे है।छठव्रती अपनी तैयारी को पूरा करने में जोर शोर से लगे हुए है लेकिन छठव्रती को आने वाले समय मे जो चीज परेशान करने वाली है वो है घाटों पर दलदल और हर तरफ फैला हुआ कचरा


Body:छठ महापर्व को सिर्फ 4 दिन बच्चे है।छठव्रती अपनी तैयारी को पूरा करने में जोर शोर से लगे हुए है लेकिन छठव्रती को आने वाले समय मे जो चीज परेशान करने वाली है वो है घाटों पर दलदल और हर तरफ फैला हुआ कचरा।
अगर बात करे पूरे जिला में छठ घाट की तो ये जिला प्रसाशन के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती बन कर सामने आई है वंही शहर क्षेत्र में जो घाट है वो कुल मिला कर 7 है इसकी चुनौती नगर परिषद को है। इन घाटों पर साफ सफाई और हर तरह की सुविधा मुहैया कराने का काम नगर परिषद का है।
शहर के सीढ़ीघाट हो या अड्डा घाट हो हर तरह एक ही स्थिति बनी हुई है सभी जगहों पर दलदल होने के कारण श्रदालुओं की परेशानी बढ़ने वाली है।इस बार बूढ़ी गंडक नदी में देर से हुई जलस्तर वृद्धि व उसके बाद पानी घटने में हुई देरी के कारणों घाट पर कीचड़ अभी भी जमा हुआ है।इसका छठ तक सुखना सम्भव नही है। यानी लोगो को दलदल के बीच ही भगवान भास्कर को अर्ध्य देने की मजबूरी हो सकती है।वंही दूसरी ओर साफ सफाई का काम शुरू लर दिया गया है।घाटो पर मूर्ति विसर्जन करने से सवार्धिक कचरा जमा हुआ है यंहा के कचरा को फेकने का काम किया जा रहा है साथ ही रास्ते की सफाई का काम भी शुरू हो चुका है क्यों कि इन रास्तों से छठव्रती व अन्य श्रद्धलु भी जाते है।इसके अलावा दंड देने वाले भी श्रद्धालु का आना जाना होता है।

घाटों को लोग कर रहे है चिन्हित
छठ घाटों पर श्रद्धालुओं ने अपना अपना जगह चिन्हित करना शुरू कर दिया है। शहर के सीढ़ी घाट पर लगभग दर्जन भर लोगों ने निशाना लगया है। हालांकि ऐसे लोगो का नगर परिषद और जिला प्रसाशन पर सीधा आरोप है कि कोई भी हमारी मदद नही कर रहा है सिर्फ घाट पर आ रहा है और फोटो खिंचवा कर जा रहा है।हमलोगों को आने वाले समय मे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वंही नगर सभापति और उप नगर सभापति का कहना है की शहर के घाटों पर साफ सफाई करवाया जा रहा है दलदल के लिए मिट्टी भी गिराया जयगा और आने वाले दिनों में सभी तरह की तैयारी पूरी कर के व्रतियों को दी जायेगी।
इन सब बातों पर जन अधिकार पार्टी के नेता मनोहर यादव ने जिला प्रसाशन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिला प्रसाशन तो अभी भी सोर रही है और जिन घाटों पर वो तैयारी नही कर पाती है वंहा झूठ का धारा 144 लगा देती है ताकि अनोहोनी होने वाले परिवार को मुवावजा नही दी जा सके।

पहला बाइट-सीता कुमारी(नगर सभापति)
दूसरा बाइट-सुनील पटेल(उप नगर सभापति)
तीसरा बाइट-मनोहर यादव(जाप नेता)


Conclusion:
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