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खगड़िया: सदर अस्पताल खुद ही बीमार, भला यहां कैसे होगा मरीजों का इलाज?

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Published : Nov 21, 2019, 12:53 PM IST

मरीजों का कहना है कि यहां शौचालय तो है. लेकिन गंदगी के वजह से कोई नहीं जाता. गंदगी की वजह से बहुत बदबू आती है. यहां पूरे परिसर में जलजमाव है.

खगड़िया

खगड़िया: सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े- बड़े दावे तो करती है. लेकिन प्रदेश की कई अस्पताल खुद बीमार हालात में है. खगड़िया सदर अस्पताल में कई समस्याएं से जूझ रहा है. अस्पताल में सफाई से लेकर जलजमाव की समस्या से मरीज काफी परेशान हैं.

खगड़िया सदर अस्पताल में गंदगी का काफी अंबार है. इसके परिसर के हर तरफ जलजमाव लगा हुआ है. पानी के सड़ने से मरीज काफी परेशान हैं. अस्पताल में शौचालय से लेकर परिसर तक गंदगी फैला हुआ है. मरीजों के लिए यहां साफ पानी की भी व्यवस्था नहीं हैं. सबसे ज्यादा यहां पानी की निकासी की समस्या है. अस्पताल की डंपिंग यार्ड पूरी तरह से फेल है.

मरीज और अस्पताल प्रबंधक का बयान

मरीज हैं काफी परेशान
मरीजों का कहना है कि यहां शौचालय तो है. लेकिन गंदगी के वजह से कोई नहीं जाता. गंदगी के वजह से बहुत बदबू करता है. यहां पूरे परिसर में जलजमाव लगा हुआ है. इससे कई तरह की बीमारियां होने की खतरा रहता है. मच्छरों से डेंगू का भी खतरा बना रहता है. अस्पताल का कचरा का भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है.

ये भी पढ़ें: नवादा: 'राष्ट्रीय वयोश्री योजना' के तहत बुजुर्गों को दिए जाएंगे कृत्रिम यंत्र, इन जगहों पर लगेगा शिविर

'जल्द होगा ठीक'
वहीं, अस्पताल प्रबंधक शशि कांत का कहना है कि पानी नहीं निकलने कई समस्याएं हैं. यहां कोई ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं है. पानी निकलने से जलजमाव की समस्या है. पानी की निकासी के लिए नगर निगम की मदद ली जाती है. इन सभी समस्याओं को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है. जल्द इसका समाधान हो जाएगा.

खगड़िया: सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े- बड़े दावे तो करती है. लेकिन प्रदेश की कई अस्पताल खुद बीमार हालात में है. खगड़िया सदर अस्पताल में कई समस्याएं से जूझ रहा है. अस्पताल में सफाई से लेकर जलजमाव की समस्या से मरीज काफी परेशान हैं.

खगड़िया सदर अस्पताल में गंदगी का काफी अंबार है. इसके परिसर के हर तरफ जलजमाव लगा हुआ है. पानी के सड़ने से मरीज काफी परेशान हैं. अस्पताल में शौचालय से लेकर परिसर तक गंदगी फैला हुआ है. मरीजों के लिए यहां साफ पानी की भी व्यवस्था नहीं हैं. सबसे ज्यादा यहां पानी की निकासी की समस्या है. अस्पताल की डंपिंग यार्ड पूरी तरह से फेल है.

मरीज और अस्पताल प्रबंधक का बयान

मरीज हैं काफी परेशान
मरीजों का कहना है कि यहां शौचालय तो है. लेकिन गंदगी के वजह से कोई नहीं जाता. गंदगी के वजह से बहुत बदबू करता है. यहां पूरे परिसर में जलजमाव लगा हुआ है. इससे कई तरह की बीमारियां होने की खतरा रहता है. मच्छरों से डेंगू का भी खतरा बना रहता है. अस्पताल का कचरा का भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है.

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'जल्द होगा ठीक'
वहीं, अस्पताल प्रबंधक शशि कांत का कहना है कि पानी नहीं निकलने कई समस्याएं हैं. यहां कोई ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं है. पानी निकलने से जलजमाव की समस्या है. पानी की निकासी के लिए नगर निगम की मदद ली जाती है. इन सभी समस्याओं को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है. जल्द इसका समाधान हो जाएगा.

Intro:यूं तो आमजन अपनी स्वास्थ्य समस्या को ठीक कराने अस्पताल पहुंचते है लेकिन खगडिया का जो सदर अस्पताल है उसकी विधि व्यवस्था ऐसी है मानो लोगो के स्वास्थ्य को खराब करने के लिये बनाया गया हो।




Body:यूं तो आमजन अपनी स्वास्थ्य समस्या को ठीक कराने अस्पताल पहुंचते है लेकिन खगडिया का जो सदर अस्पताल है उसकी विधि व्यवस्था ऐसी है मानो लोगो के स्वास्थ्य को खराब करने के लिये बनाया गया हो।
खगड़िया सदर अस्पताल में स्थिति ऐसी बनी हुई है मानिए खगडिया का डंपिंग यार्ड के लिए नगर परिषद अस्पताल को ही इस्तेमाल करता हो लेकिन आप को बता दे कि नगर परिषद तो इसको डंपिंग यार्ड के लिए इस्तेमाल नही करती है बल्कि खगड़िया सदर अस्पताल ही इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।
चारो ओर जिस तरफ नजर घुमाइये हर तरफ या तो कचड़ा देखने को मिलेगा या जमा हुआ नाले का पानी देखने को मिलेगा।जमे हुए नाले का हाल कुछ ऐसा है जैसे कोई भी इंसान बिना नाक ढके उसको पार नही कर सकता। अस्पताल से जितने कचड़े निकलते है वो अस्पताल परिसर में ही फेका जाता है चाहे वो डिस्पोजल इंजेक्शन हो इस्तेमल किया हुआ पट्टी हो या किसी भी तरह का सामान हो सारा कचड़ा अस्पताल के एक हिस्से में फेंका जाता है।
अब जरा जमा हुआ पानी का भी स्थिति जान लीजये
अस्पताल में प्रयोग होने वाला सारा पानी अस्पताल के चारो ओर फैला है जितने शौचालय है उसका पानी निकल कर अस्पताल परिसर में ही फैला रहता है।अस्पताल में चारो तरफ हैंडपंप लगे हुए है उसका पानी वंही गिरता है और रुक जाता है क्यों कि पानी निकाशी का कोई रास्ता ही नही है।
एक नजर अस्पताल में बने हुए शौचालय और पीने के पानी पर नजर घुमाइये
हर तले पर महिला और पुरुष शौचालय बनाया गया है लेकिन पुरुष शौचालय की बात करे तो बिना साफ सफाई का शौचालय पड़ा हुआ है जैसे कि सरकारी जगहों पर शौचालय होते है ना कोई साफ सफाई ना ही कोई देख रेख वंही पीने के जगह पर नजर दौड़ाया जाय तो पता चलता है कि शौचालय ही इस से साफ था।काई और थूक से पीने का जगह दिखता ही नही है और उसके ऊपर में लिखा है शुद्ध पीने का पानी
इस मामले को ले कर अस्पताल प्रबंधक शशि कांत का कहना है की पानी नही निकलने का वजह है ड्रेनेज सिस्टम अस्पताल जब बनाया गया तब इस बात का ध्यान ही नही रखा गया था कि पानी की निकाशी होगी कंहा इसलिए पानी जमा रहता है लेकिन भवन निर्माण वीभग को लिख कर हमने इसकी व्यवस्था ठीक करने की मांग किये है और शौचालय के साफ सफाई के बारे में अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि आउटसोर्सिंग वाले ठीक से काम महि करते थे अपना जिस वजह से आज ये हाल हुआ है।पहले वाले आउटसोर्सिंग वाले को हटा दिया गया है अब नया टेंडर होगा तो सब ठीक कर दिया जायगा।
बाइट1-पूजा कुमारी
बाइट2-अनुपम देवी
बाइट3-बिमला देवी
बाइट4-अस्पताल प्रबंधक -शशी कांत



Conclusion:
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