खगड़िया: जिले के खर्राधार गांव में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 332 बीते एक साल से बंद पड़ा है. इस कारण लाभुकों को पोषाहार नहीं मिल रहा है. पोषाहार नहीं मिलने से गरीब टोले के बच्चों का केंद्रों के प्रति मोह भंग होने लगा है.
कुपोषण के खिलाफ सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लाभ गरीब टोले यक पहुंचाने की दिशा में विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है. पोषाहार का लाभ नहीं मिलने से बच्चे, गर्भवती मायूस है.
1 साल बंद पड़ा है आंगनवाड़ी केंद्र
बताया जाता है कि आंगनबाड़ी सहायिका कहीं चली गई है, लेकिन इसमें दुर्भाग्य की बात यह है कि इसकी जानकारी विभाग को कई महीनों से है. इसके बाद भी केंद्र पर अब तक सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.
महादलितों समाज को अनदेखा करने का आरोप
बता दें कि खर्राधार महादलितों का गांव है जंहा पर शिक्षा अभी भी कोशो दूर है. ग्रामीण ने बताया कि एक साल से यंहा का आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और इसकी सूचना सबंधित विभाग को कई महीने पहले ही दे दी गई थी. ग्रामीणों ने जिला प्रसाशन पर आरोप है लगाते हुए कहा कि यंहा के महादलितों समाज को लोगों को जान बूझ कर अनदेखा किया जाता है. ताकि हमारे समाज के बच्चे विकसित नहीं हो.
जल्द होगी बहाली की प्रक्रिया शुरू
वहीं, सीडीपीओ नीना सिंह मामले को लेकर कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना करती हैं. उनका कहना है कि इसकी सूचना हमे कुछ दिनों पहले मिली है. उन्होंने कहा कि बहाली की प्रक्रिया शुरु की जा रही है. बहुत जल्द वंहा का आंगनबाड़ी केंद्र शुरु हो जाएगा.