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खगड़िया: एक साल से बंद पड़ा है आंगनवाड़ी केंद्र , महिलाओं और बच्चों में मायूसी

खर्राधार गांव में बीते एक साल से आंगनवाड़ी केंद्र बंद पड़ा है. एसडीपीओं ने केंद्र को जल्द शुरू करने की बात कही है. वहीं, इस आंगनवाड़ी केंद्र के बंद होने के कारण बच्चे, गर्भवती को पोषाहार नहीं मिल पा रहा है.

Khagaria
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Published : Feb 8, 2020, 9:28 AM IST

खगड़िया: जिले के खर्राधार गांव में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 332 बीते एक साल से बंद पड़ा है. इस कारण लाभुकों को पोषाहार नहीं मिल रहा है. पोषाहार नहीं मिलने से गरीब टोले के बच्चों का केंद्रों के प्रति मोह भंग होने लगा है.

कुपोषण के खिलाफ सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लाभ गरीब टोले यक पहुंचाने की दिशा में विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है. पोषाहार का लाभ नहीं मिलने से बच्चे, गर्भवती मायूस है.

बच्चे, गर्भवती मायूस
बच्चे, गर्भवती मायूस

1 साल बंद पड़ा है आंगनवाड़ी केंद्र
बताया जाता है कि आंगनबाड़ी सहायिका कहीं चली गई है, लेकिन इसमें दुर्भाग्य की बात यह है कि इसकी जानकारी विभाग को कई महीनों से है. इसके बाद भी केंद्र पर अब तक सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.

महादलितों समाज को अनदेखा करने का आरोप
बता दें कि खर्राधार महादलितों का गांव है जंहा पर शिक्षा अभी भी कोशो दूर है. ग्रामीण ने बताया कि एक साल से यंहा का आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और इसकी सूचना सबंधित विभाग को कई महीने पहले ही दे दी गई थी. ग्रामीणों ने जिला प्रसाशन पर आरोप है लगाते हुए कहा कि यंहा के महादलितों समाज को लोगों को जान बूझ कर अनदेखा किया जाता है. ताकि हमारे समाज के बच्चे विकसित नहीं हो.

बंद पड़ा है आंगनवाड़ी केंद्र

जल्द होगी बहाली की प्रक्रिया शुरू
वहीं, सीडीपीओ नीना सिंह मामले को लेकर कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना करती हैं. उनका कहना है कि इसकी सूचना हमे कुछ दिनों पहले मिली है. उन्होंने कहा कि बहाली की प्रक्रिया शुरु की जा रही है. बहुत जल्द वंहा का आंगनबाड़ी केंद्र शुरु हो जाएगा.

खगड़िया: जिले के खर्राधार गांव में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 332 बीते एक साल से बंद पड़ा है. इस कारण लाभुकों को पोषाहार नहीं मिल रहा है. पोषाहार नहीं मिलने से गरीब टोले के बच्चों का केंद्रों के प्रति मोह भंग होने लगा है.

कुपोषण के खिलाफ सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लाभ गरीब टोले यक पहुंचाने की दिशा में विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है. पोषाहार का लाभ नहीं मिलने से बच्चे, गर्भवती मायूस है.

बच्चे, गर्भवती मायूस
बच्चे, गर्भवती मायूस

1 साल बंद पड़ा है आंगनवाड़ी केंद्र
बताया जाता है कि आंगनबाड़ी सहायिका कहीं चली गई है, लेकिन इसमें दुर्भाग्य की बात यह है कि इसकी जानकारी विभाग को कई महीनों से है. इसके बाद भी केंद्र पर अब तक सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.

महादलितों समाज को अनदेखा करने का आरोप
बता दें कि खर्राधार महादलितों का गांव है जंहा पर शिक्षा अभी भी कोशो दूर है. ग्रामीण ने बताया कि एक साल से यंहा का आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और इसकी सूचना सबंधित विभाग को कई महीने पहले ही दे दी गई थी. ग्रामीणों ने जिला प्रसाशन पर आरोप है लगाते हुए कहा कि यंहा के महादलितों समाज को लोगों को जान बूझ कर अनदेखा किया जाता है. ताकि हमारे समाज के बच्चे विकसित नहीं हो.

बंद पड़ा है आंगनवाड़ी केंद्र

जल्द होगी बहाली की प्रक्रिया शुरू
वहीं, सीडीपीओ नीना सिंह मामले को लेकर कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना करती हैं. उनका कहना है कि इसकी सूचना हमे कुछ दिनों पहले मिली है. उन्होंने कहा कि बहाली की प्रक्रिया शुरु की जा रही है. बहुत जल्द वंहा का आंगनबाड़ी केंद्र शुरु हो जाएगा.

Intro:बीते एक साल से खगड़िया का एक अनंगबाड़ी केंद्र है बंद
सहायिका के नही होने के वजह से बंद पड़ा है आनंगनबाड़ी केंद्र।
खगड़िया के खर्राधार गांव के केन्द्रसंख्या 332 बीते एक साल से इसलिये बंद पड़ा है क्यों कि वंहा की सहायिका दूसरी शादी कर के कहीं और चली गई है


Body:बीते एक साल से खगड़िया का एक अनंगबाड़ी केंद्र है बंद
सहायिका के नही होने के वजह से बंद पड़ा है आनंगनबाड़ी केंद्र।
खगड़िया के खर्राधार गांव के केन्द्रसंख्या 332 बीते एक साल से इसलिये बंद पड़ा है।
क्यों कि वंहा की सहायिका दूसरी शादी कर के कहीं और चली गई है। लेकिन इसमें दुर्भाग्य की बात ये है कि इसकी जानकारी विभाग को कई महीनों से है ।फिर भी केंद्र पर अब तक सहायिका की नियुक्ति नही की गई है।
खर्राधार गांव महादलितों का गांव है जंहा पर शिक्षा अभी भी कोशो दूर है और सरकार की जो कोशिस है हर वर्ग को शिक्षित करना और विकशित करना इसको अस्थानिये जिला प्रसाशन के अधिकारियों के वजह से सिर्फ कागज पर ही विकशित और शिक्षित किया जा रहा है।
खर्राधार के महादलित ग्रामीण कहते है कि बीते एक साल से यंहा का आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और इसकी सूचना सम्बंधित वीभग को कई महीने पहले ही दे दी गई है फिर भी अब तक कोई पहल नही किया गया ।ग्रामीणों का जिला प्रसाशन पर आरोप है कि यंहा के महादलितों को जान बूझ कर अनदेखा किया जाता है ताकि हमारे समाज के बच्चे विकशित नही हो।अस्थानिये महिलाओं ने बताया कि जब आंगनबाड़ी संचालित होता था तब बच्चे नियमित रूप से जा कर आंगनबाड़ी में बैठते थे और कुछ ना कुछ सीखते थे लेकिन पहले यंहा की सहायिका ने लापरवाही की और बच्चो के बारे में बिना सोचे ही दूसरी शादी कर के यंहा से चली गई उसके बाद सम्बंधित विभाग की लापरवाही अभी भी जारी है वंही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मीना सिंह ने कैमरे पर कुछ बताने से इंकार कर दी और ऑफ कैमरा उनका कहना था कि इस बारे में अब्बी कुछ दिन पहले ही हमे जानकारी मिली है कि वंहा सहायिका नही है। नय बहाली की प्रक्रिया की जा रही है बहुत जल्द वंहा सहायिका की बहाली कर अनागनबाड़ी को खोला जायगा।
सम्बंधित विभाग के अधिकारी सीडीपीओ नीना सिंह कैमरे पर कुछ बोलने से मना करती है और हवाला देती है कि जिला अधिकारी ही सिर्फ मीडिया को बाइट दे सकते है,लेकिन मौखिक रूप से बताती है कि इसकी सूचना हमे कुछ दिनों पहले मिली है। नइ बहाली की प्रक्रिया की जा रही है।बहुत जल्द वंहा का आंगनबाड़ी केंद्र खुलेगा।
अस्थानिये पुरुष की बाइट-राम प्रसाद
आंगनबाड़ी सेविका की बाईट -सरस्वती देवी


Conclusion:
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