कटिहार: विश्व में फैले कोरोना महामारी के संभावित खतरे को देखते हुए सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर मॉस्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. जिसके बाद देश में मास्क का डिमांड बढ़ गया है. मास्क की पूर्ति करने के लिए बिहार सरकार ने जीविका दीदियों को मास्क सिलाई का रोजगार दे दिया है. कोरोना काल में महिलाएं इस रोजगार से जुड़कर प्रतिदिन लाखों मास्क बना रही हैं.
कटिहार में भी जीविका संगठन द्वारा मास्क निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. हसनगंज प्रखंड में सैकड़ों महिलाएं जीविका से जुड़कर मास्क बना रही हैं. इस प्रखंड में करीब 30 हजार मास्क की डिमांड थी. जिसे पूरा करने में जीविका दीदी पिछले एक सप्ताह से लगी हुई हैं. वहीं, अब तक जिले के जीविका सेंटर से करीब 25 हजार मास्क सप्लाई किया जा चुका है.
प्रतिदिन हजारों मास्क का निर्माण
हसनगंज प्रखंड में मास्क के निर्माण कार्य में जुटी जीविका दीदी बताती हैं कि कोरोना काल में मास्क की डिमांड को देखते हुए सैकड़ों जीविका दीदी मास्क निर्माण में जुट गई हैं. प्रतिदिन हजारों मास्क का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए संस्था द्वारा एक मास्क पर करीब 9 रुपये दिए जाते हैं. कपड़ा काटने के लिए अलग चार्ज है. तो वहीं, सिलाई के लिए अलग राशि मिलती है.
सैनिटाइज करके लोगों तक पहुंचाया जाता है मास्क
हसनगंज प्रखंड के बीपीएम हिमांशु शेखर ने कहा कि प्रखंड में जीविका संगठन से करीब 100 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. इस समय सभी मास्क सिलाई कार्य में जुटी हुई हैं. इन जीविका दीदियों को मास्क सिलाई में अलग-अलग चार्ज किए जाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि मास्क सिलाई होने के बाद उसे सैनिटाइज करके लोगों तक पहुंचाया जाता है. प्रखंड में 30 हजार मास्क का डिमांड था. जिसे लगभग पूरा कर लिया गया है.
गौरतलब है कि राज्य के महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिहार सरकार ने 2007 में स्वयं सहायता समूह जीविका का गठन किया था. यह समूह के रूप में काम करती है और इनके सदस्यों को जीविका दीदी कहा जाता है. बिहार में यह संस्था तेजी से विस्तार पाता गया और आज लाखों महिलाएं इससे जुड़कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही है. साथ ही दूसरों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ट्रेनिंग भी देती हैं.