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कटिहार: जिले में स्वच्छताग्राहियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ फूंका आंदोलन का बिगुल

बिहार को 2 अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया जाना है. शौचालय निर्माण करने वाले और शौचालय विहीन परिवारों को स्वच्छता विभाग की ओर से 31 अगस्त तक का समय दिया गया है.

स्वच्छताग्राहीयों का विरोध-प्रदर्शन
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Published : Aug 27, 2019, 11:56 PM IST

कटिहार: देशभर में बहाल स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छताग्राहियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. सरकार ने अपनी घोषणा के तहत पंचायत स्तर पर बहाल स्वच्छताग्राहियों को ना तो मानदेय दे रही है और ना ही उनके लिए कोई मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं.

कटिहार में स्वच्छताग्राहियों का विरोध-प्रदर्शन

2 अक्टूबर को किया जाना है ओडीएफ घोषित
बिहार को 2 अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया जाना है. शौचालय निर्माण करने वाले व शौचालय विहीन परिवारों को स्वच्छता विभाग की ओर से 31 अगस्त तक का समय दिया गया है. लेकिन सूबे में यह योजना अघर में लटक सकती है. इसको लेकर जिले के स्वच्छताग्राही ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया है.

विरोध कर रहे  स्वच्छताग्राही
विरोध कर रहे स्वच्छताग्राही

सरकारी लापरवाही से परेशान हैं स्वच्छताग्राही
दरअसल, जिले के स्वच्छताग्राहीयों का कहना है कि हमलोग गांव-कस्बे घुमकर लोगों में खुले में शौच की आदत हटा शौचालय जाने की अपील करते हैं. जिस घर में शौचालय नहीं है, उसका रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों को देते है. लेकिन इतना करने के बाबजुद सरकारी लापरवाही के कारण हमें दो सालों से मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से हमलोगों के सामने भुखमरी की सम्स्या उत्पन्न हो गई है.

बीडीओ साहब चल रहे हैं नाराज- स्वच्छताग्राही
इस मामले पर स्वच्छताग्राही प्रीतम कुमार सिंह का कहना है कि हमने बीडीओ से मानदेय जारी करने और इसे बढ़ाने का आग्रह किया. जिस वजह से बीडीओ नाराज हो गए हैं. बिहार राज्य और जिला प्रशासन के मनमानी रवैये के कारण बिहार में नियमित भुगतान नहीं की जा रही है इतना ही नहीं उनसे 18 घंटे काम लेने के बावजूद कोई भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही. सुबह 4 बजे से लेकर शाम के 9 बजे तक काम लिया जाता है ,जबकि उन का निर्धारित मानदेय ₹200 भी नहीं दिया जा रहा है.

ग्रामीण विकास मंत्री, श्रवण कुमार
ग्रामीण विकास मंत्री, श्रवण कुमार

कम मानदेय पर काम करना मुश्किल
स्वच्छताग्राहीयों का कहना है कि अनाज के महंगे हो गये हैं. कम मानदेय पर काम करना मुश्किल हो रहा है और उसपर भी सालों से मानदेय का नहीं मिलना किसी को तिल-तिल कर जिन्दा मारने की तरह है. इसलिए सरकार जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का निपटारा करे.

कटिहार: देशभर में बहाल स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छताग्राहियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. सरकार ने अपनी घोषणा के तहत पंचायत स्तर पर बहाल स्वच्छताग्राहियों को ना तो मानदेय दे रही है और ना ही उनके लिए कोई मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं.

कटिहार में स्वच्छताग्राहियों का विरोध-प्रदर्शन

2 अक्टूबर को किया जाना है ओडीएफ घोषित
बिहार को 2 अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया जाना है. शौचालय निर्माण करने वाले व शौचालय विहीन परिवारों को स्वच्छता विभाग की ओर से 31 अगस्त तक का समय दिया गया है. लेकिन सूबे में यह योजना अघर में लटक सकती है. इसको लेकर जिले के स्वच्छताग्राही ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया है.

विरोध कर रहे  स्वच्छताग्राही
विरोध कर रहे स्वच्छताग्राही

सरकारी लापरवाही से परेशान हैं स्वच्छताग्राही
दरअसल, जिले के स्वच्छताग्राहीयों का कहना है कि हमलोग गांव-कस्बे घुमकर लोगों में खुले में शौच की आदत हटा शौचालय जाने की अपील करते हैं. जिस घर में शौचालय नहीं है, उसका रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों को देते है. लेकिन इतना करने के बाबजुद सरकारी लापरवाही के कारण हमें दो सालों से मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से हमलोगों के सामने भुखमरी की सम्स्या उत्पन्न हो गई है.

बीडीओ साहब चल रहे हैं नाराज- स्वच्छताग्राही
इस मामले पर स्वच्छताग्राही प्रीतम कुमार सिंह का कहना है कि हमने बीडीओ से मानदेय जारी करने और इसे बढ़ाने का आग्रह किया. जिस वजह से बीडीओ नाराज हो गए हैं. बिहार राज्य और जिला प्रशासन के मनमानी रवैये के कारण बिहार में नियमित भुगतान नहीं की जा रही है इतना ही नहीं उनसे 18 घंटे काम लेने के बावजूद कोई भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही. सुबह 4 बजे से लेकर शाम के 9 बजे तक काम लिया जाता है ,जबकि उन का निर्धारित मानदेय ₹200 भी नहीं दिया जा रहा है.

ग्रामीण विकास मंत्री, श्रवण कुमार
ग्रामीण विकास मंत्री, श्रवण कुमार

कम मानदेय पर काम करना मुश्किल
स्वच्छताग्राहीयों का कहना है कि अनाज के महंगे हो गये हैं. कम मानदेय पर काम करना मुश्किल हो रहा है और उसपर भी सालों से मानदेय का नहीं मिलना किसी को तिल-तिल कर जिन्दा मारने की तरह है. इसलिए सरकार जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का निपटारा करे.

Intro:......बिहार सरकार एक ओर सूबे को आगामी दो अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ करने की घोषणा की हैं लेकिन गाँव - गाँव , घर - घर इस मुहिम में जागरूकता फैलाने वाले स्वच्छताग्राही सरकारी लापरवाही की वजह से परेशान हैं और कटिहार जिले के करीब बारह सौ स्वच्छताग्राही की जिन्दगी अधर में अटकी हैं...। यह स्वच्छताग्राही ना तो सरकारी नौकरी का लाभ पा रहे हैं और ना ही बेरोजगार ही कहला पा रहे हैं.....। अब सभी स्वच्छताग्राही अपनी माँगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आर - पार की लड़ाई के मूड में हैं और इस बाबत कटिहार में बैठक का आयोजन कर वार - ए - जंग का ऐलान कर दिया हैं .....।


Body:अपनी आवाजों को नारेबाजी के जरिये बुलन्द करते यह दृश्य कटिहार का हैं जहाँ स्वच्छताग्राही सरकार के खिलाफ जंग - ए - ऐलान के लिये एकजुट हुए हैं ......। दरअसल , राज्य सरकार पंचायतों को ओडीएफ मदद करने के लिये प्रत्येक पंचायतों में दो लोगों को स्वच्छताग्राही के रूप में नियुक्त किया था । यह स्वच्छताग्राही गाँव मे डोर टू डोर घूमकर लोगों में खुले में शौच की आदत हटा शौचालय जाने की अपील करते हैं और जिस घरों में पक्का शौचालय नहीं हैं , उक्त घरों में शौचालय निर्माण करने के लिये स्थानीय अधिकारियों को रिपोर्ट करते हैं जिसके बाद उक्त परिवार को अनुदानित शौचालय का निर्माण कर खुले में शौच से मुक्ति पातें हैं .....। इतना करने के बाद बीते दो वर्षों से इनके हाथ खाली हैं । स्वच्छता का जो मानदेय मिलता था , वह भी बीते दो वर्षों से इन्हें नहीं मिला है और ऊपर से प्रखंड के बीडीओ साहब का तुर्रा अलग .....। जरा सी बात बढ़ी कि बीडीओ साहब नाराज .....। स्वच्छताग्राही प्रीतम कुमार सिंह बताते हैं कि अनाज के दाने महँगे हो गये हैं और कम मानदेय पर काम करना यूँ ही मुश्किल हो रहा हैं और ऊपर से सालों से वह भी मानदेय का नहीं मिलना ....किसी को तिल - तिल कर जिन्दा मारने की तरह हैं ....। स्वच्छताग्राही की माँग हैं कि सरकार जल्द से जल्द उनकी समस्याओं पर ध्यान दें .....। दो दिन पहले कटिहार के दौरे पर आये सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि सरकार आगामी गाँधी जयंती यानि दो अक्टुबर 2019 को राज्य को ओडीएफ करने की घोषणा करेगी .......।


Conclusion:बिहार सरकार के ग्रामीण विकास अभिकरण के अन्तर्गत मनरेगा , प्रधानमंत्री आवास योजना , लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान , शौचालय निर्माण और इसके क्रियान्वयन में इस स्वच्छताग्राही की अहम भूमिका होती हैं लेकिन यह सभी वेतन और मानदेय की समस्या से जूझे तो सरकार की सूबे को ओडीएफ करने की घोषणा अधर में भी लटक सकती हैं ......।
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