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कटिहार: बिना नजराना नसीब नहीं मुआवजा, बाढ़ प्रभावित लोगों में आक्रोश

'जो दिया वह पाया और जो नहीं दिया तो वह नहीं पाया' वाला हाल है. रिलिफ लिस्ट में नाम उसी का चढ़ता है, जो नजराना देता है.

ग्रामीण
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Published : Aug 25, 2019, 10:40 AM IST

कटिहार: कटिहार जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर सहजा पंचायत के हावर गांव में लोग मुआवजे की राशि नहीं मिलने से परेशान हैं. बताया जाता है कि जिन लोगों ने नजराना दिया सिर्फ उन्हें हीं मुआवजे की राशि भुगतान की गई है. ऐसे में जिन लोगों के घरों में अभी भी बाढ़ का पानी लगा है, उन्हें अभी तक राशि नहीं मिली है. वहीं, जिन लोगों के घरों में पानी घुसा भी नहीं था, उन्हें मुआवजे की राशि मिल चुकी है.

कटिहार
मुआवजा नहीं मिलने पर परेशान लोग

जलप्रलय से तबाही
बीते दिनों नेपाल से आये 'जलप्रलय' ने इलाके में काफी तबाही मचायी थी. खेत-खलिहान समेत आशियाने तक में बाढ़ के पानी ने क्षति पहुंचायी थी. थोड़े दिन बाद गाँव से धीरे-धीरे पानी तो सड़क गया, लेकिन अब भी निचले इलाके में जलजमाव हैं. इससे तत्काल खेती प्रभावित बना हुआ है. बावजूद इसके बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं मिलने की वजह से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.

पेश है रिपोर्ट

सिर्फ नजराना देने वाले को मुआवजा
स्थानीय ग्रामीण बाबर बताते हैं कि जो भी लोग बाढ़ सहायता की 6 हजार रुपये की राशि से 1 हजार रुपये देने की बात करता है उसे मुआवजा नसीब हो पा रहा है. वहीं जिसने मुखिया समिति सदस्य को नजराना देने से इंकार कर दिया उसे मुआवजा से वंचित कर दिया गया.

कटिहार
आक्रोशित ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीण अबुल कलाम आजाद बताते हैं कि बाढ़ मुआवजे में काफी धाँधली हो रही है. 'जो दिया वह पाया और जो नहीं दिया तो वह नहीं पाया' वाला हाल है. रिलिफ लिस्ट में नाम उसी का चढ़ता है, जो नजराना देता है.

कटिहार
जिला पदाधिकारी पूनम

क्या कहती हैं जिला पदाधिकारी?
इस मामले पर जिला पदाधिकारी पूनम बताती हैं कि पूरी लिस्ट तैयार है और सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है. पीड़ितों के खातों में सीधे पैसा जा रहा है. इसके बाद फिर भी कोई फ्लड रिलिफ के नाम पर नजराना की बात करता है, तो इसकी सुचना जिला प्रशासन को दें.

कटिहार: कटिहार जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर सहजा पंचायत के हावर गांव में लोग मुआवजे की राशि नहीं मिलने से परेशान हैं. बताया जाता है कि जिन लोगों ने नजराना दिया सिर्फ उन्हें हीं मुआवजे की राशि भुगतान की गई है. ऐसे में जिन लोगों के घरों में अभी भी बाढ़ का पानी लगा है, उन्हें अभी तक राशि नहीं मिली है. वहीं, जिन लोगों के घरों में पानी घुसा भी नहीं था, उन्हें मुआवजे की राशि मिल चुकी है.

कटिहार
मुआवजा नहीं मिलने पर परेशान लोग

जलप्रलय से तबाही
बीते दिनों नेपाल से आये 'जलप्रलय' ने इलाके में काफी तबाही मचायी थी. खेत-खलिहान समेत आशियाने तक में बाढ़ के पानी ने क्षति पहुंचायी थी. थोड़े दिन बाद गाँव से धीरे-धीरे पानी तो सड़क गया, लेकिन अब भी निचले इलाके में जलजमाव हैं. इससे तत्काल खेती प्रभावित बना हुआ है. बावजूद इसके बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं मिलने की वजह से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.

पेश है रिपोर्ट

सिर्फ नजराना देने वाले को मुआवजा
स्थानीय ग्रामीण बाबर बताते हैं कि जो भी लोग बाढ़ सहायता की 6 हजार रुपये की राशि से 1 हजार रुपये देने की बात करता है उसे मुआवजा नसीब हो पा रहा है. वहीं जिसने मुखिया समिति सदस्य को नजराना देने से इंकार कर दिया उसे मुआवजा से वंचित कर दिया गया.

कटिहार
आक्रोशित ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीण अबुल कलाम आजाद बताते हैं कि बाढ़ मुआवजे में काफी धाँधली हो रही है. 'जो दिया वह पाया और जो नहीं दिया तो वह नहीं पाया' वाला हाल है. रिलिफ लिस्ट में नाम उसी का चढ़ता है, जो नजराना देता है.

कटिहार
जिला पदाधिकारी पूनम

क्या कहती हैं जिला पदाधिकारी?
इस मामले पर जिला पदाधिकारी पूनम बताती हैं कि पूरी लिस्ट तैयार है और सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है. पीड़ितों के खातों में सीधे पैसा जा रहा है. इसके बाद फिर भी कोई फ्लड रिलिफ के नाम पर नजराना की बात करता है, तो इसकी सुचना जिला प्रशासन को दें.

Intro:......सैलाबजदा इलाकों का हाल - बिना नजराना नसीब नहीं हैं मुआवजा , परेशान हैं ग्रामीण जबकि मजे की बात यह हैं कि जिला प्रशासन पीड़ितों की हर मुमकिन मदद के साथ किसी को भी मदद के नाम पर नजराना नहीं देने की अपील कर रहा हैं ......।


Body:यह दृश्य कटिहार जिला मुख्यालय से पन्द्रह किलोमीटर दूर सहजा पंचायत के हावर गांव का हैं जहाँ लोग मुआवजे की राशि नहीं मिलने से परिधान हैं ......। बताया जाता हैं कि बीते दिनों नेपाल से आये ' जलप्रलय ' ने इलाके में काफी तबाही मचायी थी और खेत - खलिहान समेत आशियाने तक मे बाढ़ के पानी ने क्षति पहुंचायी थी ....। थोड़े दिन बाद गाँव से धीरे - धीरे पानी तो सड़क गया लेकिन अब भी निचले इलाके में जलजमाव हैं जिससे तत्काल खेती प्रभावित बना हुआ हैं .....। इधर , मुआवजे को लेकर ग्रामीणों की परेशानी काफी बनी हुई हैं ....। स्थानीय ग्रामीण बाबर बताते हैं कि जो भी लोग बाढ़ सहायता की छह हजार रुपये की राशि से एक हजार रुपये देने की बात करता हैं , उसे मुआवजा नसीब हो पा रहा हैं और जिसने मुखिया - समिति सदस्य को नजराना देने से इंकार कर दिया तो उसे मुआवजा से वंचित कर दिया गया .....। स्थानीय ग्रामीण अबुल कलाम आजाद बताते हैं कि बाढ़ मुआवजे में काफी धाँधली हैं .....। जो दिया , वह पाया और जो नहीं दिया तो वह नहीं पाया .....वाला हाल हैं .....। रिलिफ लिस्ट में नाम उसी का चढ़ता हैं जो नजराना देता हैं कटिहार की जिला पदाधिकारी पूनम बताती हैं कि पूरी लिस्ट तैयार हैं और सब कुछ ऑनलाइन हैं ....। पीड़ितों के खातों में सीधे पैसा जा रहा हैं और इसके बाद फिर भी कोई फ्लड रिलिफ के नाम पर नजराना की बात करता हैं तो इसकी सुचना जिला प्रशासन को दें ......।


Conclusion:ग्रामीण परेशान हैं । नजराने के बिना मुआवजा नहों ... । प्रशासन गाल बजाने में जुटा हैं और पीड़ित अपना दुखड़ा किससे सुनाये , समझ मे नहीं आता , करे तो क्या करें .....। लिस्टेड वही लोग हो पा रहें है जो नजराने के रकम चुकता किये हों ....। ऐसे में पीड़ितों का गुस्सा जिला प्रशासन के खिलाफ ना फुट पड़े और जन आंदोलन नहीं खड़ा हो जाये तो कोई आश्चर्य नहीं ......।

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