कटिहार: पोस्ट ऑफिस का नाम सुनकर दिमाग में डाकिया यानि पोस्टमैन, लेटर बॉक्स, चिट्ठियां, स्टैम्प पेपर आदि का ख्याल आता है. लेकिन समय के बदलते दौर में अब पोस्ट ऑफिस की सूरत और जिम्मेदारी में बड़े बदलाव आए हैं. देशभर में कोरोना वायरस से बचाव और संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन में लोगों के बीच बैंकों की जगह पोस्ट ऑफिस की साख काफी बढ़ी है. जिले में लॉकडाउन के दौरान पोस्ट ऑफिस में करीब सवा दो लाख नए खाते खुले हैं जो कि एक रिकॉर्ड है.
दुर्गम इलाकों में सेवाएं दे रहा पोस्ट ऑफिस
जिले में लॉकडाउन में प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में नए खाते खोले जा रहे हैं. नए एकाउंट खुलवाने में महिलायें भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. कटिहार प्रधान डाकघर के सहायक डाक अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि कोरोना काल मे पोस्ट ऑफिस की जिम्मेदारियां काफी बढ़ी हैं. पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लागू हैं. आवाजाही पर पाबंदियां हैं. ऐसे समय में पोस्ट ऑफिस अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हुए डोर टू डोर लोगों को सेवाएं दे रहा है. यहां तक कि रेड ज़ोन और कंटेंनमेंट ज़ोन में रहने वाले पेंशनभोगियों और कमजोर तबके के लोगों के लिए डाक विभाग जीवन रक्षक के तौर पर सामने आया है और पैसे पहुंचाने का काम किया है.
कोरोना काल में खोले गए सवा दो लाख नए खाते
सहायक डाक अधीक्षक ने बताया कि पोस्टल कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा की वजह से लोगों के बीच डाकघरों की साख काफी बढ़ी है. कोरोना संकट काल में अब तक जिले में रिकॉर्ड सवा दो लाख से अधिक नए सेविंग एकाउंट खोले गए हैं. साथ ही सभी एकाउंट जीरो बैलेंस पर खोले गए हैं. उन्होंने बताया कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि देश मे पोस्टऑफिस का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क तैयार होने का रास्ता साफ हो गया है. इंडिया पोस्ट ने देशभर के सभी 1.55 लाख डाकघर को आईपीपीबी से जोड़ने की योजना बनायी गयी है.
पोस्ट ऑफिस में कोर बैंकिंग सुविधा शुरू
उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट कोर बैंकिंग सुविधा शुरू कर चुका हैं. लेकिन इस समय यह सुविधा सिर्फ डाकघर के खाताधारकों के बीच ही सीमित है. उन्होंने बताया कि पोस्टऑफिस में बचत खाता रखने वाले लोग दूसरे बैंकों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर सकेगें. इस कोरोना संकट और लॉकडाउन में डाकघर ग्रामीण और दुर्गम इलाके में रहने वाले लोगों के लिए काफी मददगार बनकर उभरा है.