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Kodha gang: इस गांव में कई राज्यों की पुलिस कर चुकी है ऑपरेशन, अब नकेल कसने के लिए एक्शन में SP

आमतौर पर सूबा बिहार में कहीं भी लूट या छिनतई की बड़ी वारदात होती है तो उसमें 'कोढ़ा गैंग' की चर्चाएं खूब होती हैं. यह 'कोढ़ा गैंग' है क्या और वह कौन सा इलाका है, जहां के लोग पैदा होते ही अपराध का ककहरा सीखते हैं. जी हां, कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र का 'जूराबगंज' अपराध की दुनिया में बिहार सहित अन्य राज्यों में बदनाम है. कोढ़ा गैंग का आतंक देश के तकरीबन हर राज्यों में है.

कटिहार का कोढ़ा गैंग
कटिहार का कोढ़ा गैंग
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Published : Jun 2, 2023, 2:19 PM IST

कटिहार पुलिस तैयार कर रही कोढ़ा गैंग की कुंडली

कटिहारः बिहाह के कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र में एक इलाका है जूराबगंज. जहां नेशनल हाइवे-31 से सटे करीब एक किलोमीटर के इस इलाके में अधिकांश बंजारा समुदाय के लोग रहते हैं. जिन्हें कोढ़ा गैंग के नाम से जाना जाता है. लूट और छिनतई की वारदात को अंजाम देना कोढ़ा गैंग का मुख्य धंधा है. तेज गति से बाइक चलाने और बिना हथियार के ही लूट और छिनतई की घटना को अंजाम देने में 'कोढ़ा गैंग' को महारत हासिल हैं.

ये भी पढ़ेंः कोढ़ा गैंग पर नकेल कसने के लिए एक्शन में पुलिस: एसएसपी

1973 में राजस्थान से आया था बंजारा समुदायः सन 1973 की बात है, जब जिले के कलेक्टर आरसी जैन हुआ करते थे, तो उस समय कलेक्टर आरसी जैन के मौखिक आदेश पर राजस्थान से आया यह बंजारा समुदाय के लोग यहां बसाये गए थे. ताकि किसी तरह रोजी रोटी कमा कर यह समुदाय पेट की भूख मिटा सकें, लेकिन समय के बढ़ते कारवां के साथ यहां के लोगों ने लूट और छिनतई की अपराध को अपना पेशा बना लिया. तीन हजार के करीब लोगों की यह बस्ती क्राइम की फैक्ट्री बन चुकी है. कहा जाता है कि यहां पैदा होते ही नौनिहाल अपराध के तरह तरह के गुर सीखते हैं.

अपराध के लिए जाना जाता है कोढ़ा गैंगः कोढ़ा गैंग के लोग वारदात को अंजाम देने के पूर्व जगह की रेकी करते हैं और फिर वारदात को अंजाम देने में लग जाते हैं. स्थानीय ग्रामीण भोला चौरसिया बताते हैं कि चोरियां, लूट और छिनतई तो कई अन्य जगहों पर होती रहती है, लेकिन वह उतना बदनाम नहीं होता लेकिन जूराबगंज के लोगों का एकमात्र पेशा लूट, छिनतई जैसे अपराध है. जिस कारण यह इलाका बदनाम हो चुका है. भोला चौरसिया कहते हैं कि अब दूसरे काम में भी ये लोग जा रहे हैं. पहले जैसी स्थिति नहीं है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण नूर बताते हैं कि यहां के लोग कुछ अन्य काम नहीं करते इसलिये वारदात को अंजाम देना इनका पेशा बन चुका है.

"जूराबगंज के लोगों का एकमात्र पेशा लूट, छिनतई जैसे अपराध है. जिस कारण यह इलाका बदनाम हो चुका है. अब दूसरे काम में भी ये लोग जा रहे हैं. पहले जैसी स्थिति नहीं है"- भोला चौरसिया, स्थानीय

चलाया जा रहा विशेष अभियानः वहीं, कटिहार पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार बताते हैं कि बिहार पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अब यहां कई काम किये जा रहे हैं, जिसमें कोढ़ा थाना क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें उस इलाके में जितने भी अपराधी हैं, उसकी एक विशेष एलबम बनायी गयी है. वहां पर टेक्निकल सर्विलांस किया जा रहा है. आठ से दस जगहों पर निगहबानी के लिये सीसीटीवी कैमरा लगाए जा रहे हैं, पूरा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है.

"बाहर की जो भी टीमें यहां आती है. उसके डेडिकेटेड सेल हैं और इसमें एसटीएफ को भी लगाया गया है. जिस बाबत अगर कोई बाहर की टीमें यहां पहुंचती हैं तो कटिहार पुलिस उसकी मदद में जुट जाती है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर मॉनिटरिंग की जा रही है. कोढ़ा गैंग के अपराधियों का पूरा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है"- जितेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक

कटिहार पुलिस तैयार कर रही कोढ़ा गैंग की कुंडली

कटिहारः बिहाह के कटिहार के कोढ़ा थाना क्षेत्र में एक इलाका है जूराबगंज. जहां नेशनल हाइवे-31 से सटे करीब एक किलोमीटर के इस इलाके में अधिकांश बंजारा समुदाय के लोग रहते हैं. जिन्हें कोढ़ा गैंग के नाम से जाना जाता है. लूट और छिनतई की वारदात को अंजाम देना कोढ़ा गैंग का मुख्य धंधा है. तेज गति से बाइक चलाने और बिना हथियार के ही लूट और छिनतई की घटना को अंजाम देने में 'कोढ़ा गैंग' को महारत हासिल हैं.

ये भी पढ़ेंः कोढ़ा गैंग पर नकेल कसने के लिए एक्शन में पुलिस: एसएसपी

1973 में राजस्थान से आया था बंजारा समुदायः सन 1973 की बात है, जब जिले के कलेक्टर आरसी जैन हुआ करते थे, तो उस समय कलेक्टर आरसी जैन के मौखिक आदेश पर राजस्थान से आया यह बंजारा समुदाय के लोग यहां बसाये गए थे. ताकि किसी तरह रोजी रोटी कमा कर यह समुदाय पेट की भूख मिटा सकें, लेकिन समय के बढ़ते कारवां के साथ यहां के लोगों ने लूट और छिनतई की अपराध को अपना पेशा बना लिया. तीन हजार के करीब लोगों की यह बस्ती क्राइम की फैक्ट्री बन चुकी है. कहा जाता है कि यहां पैदा होते ही नौनिहाल अपराध के तरह तरह के गुर सीखते हैं.

अपराध के लिए जाना जाता है कोढ़ा गैंगः कोढ़ा गैंग के लोग वारदात को अंजाम देने के पूर्व जगह की रेकी करते हैं और फिर वारदात को अंजाम देने में लग जाते हैं. स्थानीय ग्रामीण भोला चौरसिया बताते हैं कि चोरियां, लूट और छिनतई तो कई अन्य जगहों पर होती रहती है, लेकिन वह उतना बदनाम नहीं होता लेकिन जूराबगंज के लोगों का एकमात्र पेशा लूट, छिनतई जैसे अपराध है. जिस कारण यह इलाका बदनाम हो चुका है. भोला चौरसिया कहते हैं कि अब दूसरे काम में भी ये लोग जा रहे हैं. पहले जैसी स्थिति नहीं है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण नूर बताते हैं कि यहां के लोग कुछ अन्य काम नहीं करते इसलिये वारदात को अंजाम देना इनका पेशा बन चुका है.

"जूराबगंज के लोगों का एकमात्र पेशा लूट, छिनतई जैसे अपराध है. जिस कारण यह इलाका बदनाम हो चुका है. अब दूसरे काम में भी ये लोग जा रहे हैं. पहले जैसी स्थिति नहीं है"- भोला चौरसिया, स्थानीय

चलाया जा रहा विशेष अभियानः वहीं, कटिहार पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार बताते हैं कि बिहार पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अब यहां कई काम किये जा रहे हैं, जिसमें कोढ़ा थाना क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें उस इलाके में जितने भी अपराधी हैं, उसकी एक विशेष एलबम बनायी गयी है. वहां पर टेक्निकल सर्विलांस किया जा रहा है. आठ से दस जगहों पर निगहबानी के लिये सीसीटीवी कैमरा लगाए जा रहे हैं, पूरा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है.

"बाहर की जो भी टीमें यहां आती है. उसके डेडिकेटेड सेल हैं और इसमें एसटीएफ को भी लगाया गया है. जिस बाबत अगर कोई बाहर की टीमें यहां पहुंचती हैं तो कटिहार पुलिस उसकी मदद में जुट जाती है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर मॉनिटरिंग की जा रही है. कोढ़ा गैंग के अपराधियों का पूरा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है"- जितेंद्र कुमार, पुलिस अधीक्षक

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