कटिहार: जिले के वन विभाग में लाखों रुपए की लागत से बना ग्रीन हाउस बजट के अभाव में सालों से बंद हैं. इस वर्ष सरकार ने ग्रीन बजट तो दी. लेकिन लॉकडाउन के कारण यह चालू नहीं हो सका. इस ग्रीन हाउस में निश्चित तापमान पर पौधे उपजाने का काम किया जाता है. वहीं, अधिकारियों ने इसे जल्द चालू करने की बात कही है.
वन विभाग में स्थित पौधा उपजाने वाला ग्रीनहाउस अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. जब से इस ग्रीनहाउस का निर्माण हुआ है. तब से इसमें ताला लटका हुआ है. यहां तक कि इसके अंदर रखे गए सीड जर्मिनेशन बॉक्स समेत तमाम मशीन भी खराब पड़ गए हैं. ऐसे में जब सीड जर्मिनेशन ग्रीन हाउस खराब पड़े हैं. तो लोगों को बेहतर पौधे कैसे नसीब होंगे.
ग्रीन हाउस की खासियत
वन विभाग में बने सीड जर्मिनेशन ग्रीन हाउस को बनाने का उद्देश्य यह था कि एक निश्चित तापमान पर पौधे को उपजाना और बेहतर संरचनाएं के साथ किसानों को पौधे उपलब्ध कराना. ग्रीन हाउस बहुत अधिक गर्मी या सर्दी से फसलों की रक्षा करता है. धूल और बर्फ के तूफानों से पौधों की ढाल बनता है. साथ ही कीटों को बाहर रखने में मदद करता है.
बजट के अभाव में बंद है ग्रीन हाउस
वन विभाग के रेंजर बीएल मंडल ने बताया कि जब से इस ग्रीन हाउस का निर्माण हुआ है. तब से बजट के अभाव में बंद था. लेकिन इस साल इस ग्रीनहाउस खोलने के लिए बजट आया है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण बंद है. अब लॉकडाउन खुलने के बाद ग्रीन हाउस में पौधा उपजाने का काम किया जाएगा.
एक तरफ सरकार किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार पौधारोपण पर भी जोर दे रही है और इसके लिए किसानों को वन विभाग से फ्री में पौधे भी दे रही हैं. लेकिन कटिहार सरकार की ओर से 2020 में ग्रीन देने के बाद भी ग्रीन हाउस बंद पड़ा है.