कटिहारः असम में एनआरसी लागू होने के बाद बीजेपी अन्य राज्यों में भी एनआरसी लागू करने की मांग कर रही है. बिहार बीजेपी के नेता लगातार एनआरसी लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनआरसी पर विरोध जताया है. मांझी का कहना है बीजेपी साजिश के तहत अल्पसंख्यक और आदिवासी को देश से बाहर निकालना चाहती है.
आजमनगर प्रखंड में महादलित सम्मेलन में भाग लेने आए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ईटीवी भारत से एनआरसी के मुद्दे पर खास बातचीत की. बीजेपी पर हमला बोलते हुए मांझी ने कहा कि बीजेपी का गरीब और अल्पसंख्यकों के लिए दूसरा नजरिया है. उन्होंने बताया कि 2007 में एक सर्वे से पता चला कि हिंदुस्तान में छह करोड़ बाहरी लोग हैं.
50 प्रतिश लोगों के पास घर नहीं- मांझी
पूर्व सीएम ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग बहुत गरीब होते हैं, उनके रहने का कोई ठिकाना नहीं है. उसी प्रकार दलित, महादलित आदिवासी, अति पिछड़े लोगों का भी वहीं हाल है. 50% से भी ज्यादा लोगों के पास अपना घर नहीं है. साथ ही उनके पास किसी तरह का कोई पहचान पत्र या रिकॉर्ड नहीं है. एक साजिश के तहत बीजेपी इन लोगों को देश से निकालने की फिराक में है. इसलिए बीजेपी के लोग एनआरसी की बात कर रहे हैं.
एनआससी का विरोध करेगी हम
हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि एनआरसी में नाम नहीं आना सरकार की विफलता है. पिछले 50-100 वर्षों से रहने वालों के पास उनका कोई पहचान पत्र और जमीन नहीं होना, सरकार की विफलता को दर्शाता है. इसे छुपाने के लिए एनआरसी का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसका हम पार्टी विरोध करेगी.
'प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही बीजेपी'
जीतन राम मांझी कहा कि सीमांचल में बांग्लादेश और अन्य जगहों के लोग आकर रह रहे हैं. एनआरसी की मांग पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसे लोगों को आतंकवादी और बाहरी कहा जा रहा है. वहीं, हर गरीब को आतंकवादी घोषित करने की साजिश है. यहां हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास चल रहा है. हिंदू धर्म, झूठा राष्ट्रवाद के नाम पर जनता को बरगला कर वोट लिया जाता है. जो झांसे में नहीं आ रहे उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की जा रही है.
सीमांचल में एनआरसी की मांग
गौरतलब है कि बिहार बीजेपी के मंत्री और विधायक सीमांचल के क्षेत्र में एनआरसी लागू करने के लिए आवाज लगातार उठा रहे हैं. बीजेपी नेताओं का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्र कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल जैसे जिलों में भारी मात्रा में घुसपैठिये रह रहे हैं. पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा मंत्री विनोद सिंह कह चुके हैं कि सीमांचल में करीब 30 से 40 लाख के बीच बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं. इसलिए उन्हें देश से निकाला जाए और बिहार में भी एनआरसी लागू की जाए.