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मांझी का आरोप- NRC के नाम पर अल्पसंख्यक और आदिवासियों को देश से निकालना चाहती है BJP

एनआरसी की मांग पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बीजेपी का खुलकर विरोध किया. मांझी का कहना है कि अल्पसंख्यक दलित, महादलित, आदिवासियों और अतिपिछड़ों का कहीं ठिकाना नहीं है, इन लोगों के पास घर तक नहीं है. ऐसे में बीजेपी साजिश कर इन्हें देश से निकालने की फिराक में है.

पूर्व सीएम जातन राम मांझी
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Published : Sep 26, 2019, 6:28 PM IST

कटिहारः असम में एनआरसी लागू होने के बाद बीजेपी अन्य राज्यों में भी एनआरसी लागू करने की मांग कर रही है. बिहार बीजेपी के नेता लगातार एनआरसी लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनआरसी पर विरोध जताया है. मांझी का कहना है बीजेपी साजिश के तहत अल्पसंख्यक और आदिवासी को देश से बाहर निकालना चाहती है.

आजमनगर प्रखंड में महादलित सम्मेलन में भाग लेने आए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ईटीवी भारत से एनआरसी के मुद्दे पर खास बातचीत की. बीजेपी पर हमला बोलते हुए मांझी ने कहा कि बीजेपी का गरीब और अल्पसंख्यकों के लिए दूसरा नजरिया है. उन्होंने बताया कि 2007 में एक सर्वे से पता चला कि हिंदुस्तान में छह करोड़ बाहरी लोग हैं.

jeetan ram manjhi
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

50 प्रतिश लोगों के पास घर नहीं- मांझी
पूर्व सीएम ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग बहुत गरीब होते हैं, उनके रहने का कोई ठिकाना नहीं है. उसी प्रकार दलित, महादलित आदिवासी, अति पिछड़े लोगों का भी वहीं हाल है. 50% से भी ज्यादा लोगों के पास अपना घर नहीं है. साथ ही उनके पास किसी तरह का कोई पहचान पत्र या रिकॉर्ड नहीं है. एक साजिश के तहत बीजेपी इन लोगों को देश से निकालने की फिराक में है. इसलिए बीजेपी के लोग एनआरसी की बात कर रहे हैं.

एनआससी का विरोध करेगी हम
हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि एनआरसी में नाम नहीं आना सरकार की विफलता है. पिछले 50-100 वर्षों से रहने वालों के पास उनका कोई पहचान पत्र और जमीन नहीं होना, सरकार की विफलता को दर्शाता है. इसे छुपाने के लिए एनआरसी का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसका हम पार्टी विरोध करेगी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

'प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही बीजेपी'
जीतन राम मांझी कहा कि सीमांचल में बांग्लादेश और अन्य जगहों के लोग आकर रह रहे हैं. एनआरसी की मांग पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसे लोगों को आतंकवादी और बाहरी कहा जा रहा है. वहीं, हर गरीब को आतंकवादी घोषित करने की साजिश है. यहां हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास चल रहा है. हिंदू धर्म, झूठा राष्ट्रवाद के नाम पर जनता को बरगला कर वोट लिया जाता है. जो झांसे में नहीं आ रहे उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की जा रही है.

VINOD SINGH
पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा मंत्री विनोद सिंह

सीमांचल में एनआरसी की मांग
गौरतलब है कि बिहार बीजेपी के मंत्री और विधायक सीमांचल के क्षेत्र में एनआरसी लागू करने के लिए आवाज लगातार उठा रहे हैं. बीजेपी नेताओं का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्र कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल जैसे जिलों में भारी मात्रा में घुसपैठिये रह रहे हैं. पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा मंत्री विनोद सिंह कह चुके हैं कि सीमांचल में करीब 30 से 40 लाख के बीच बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं. इसलिए उन्हें देश से निकाला जाए और बिहार में भी एनआरसी लागू की जाए.

कटिहारः असम में एनआरसी लागू होने के बाद बीजेपी अन्य राज्यों में भी एनआरसी लागू करने की मांग कर रही है. बिहार बीजेपी के नेता लगातार एनआरसी लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनआरसी पर विरोध जताया है. मांझी का कहना है बीजेपी साजिश के तहत अल्पसंख्यक और आदिवासी को देश से बाहर निकालना चाहती है.

आजमनगर प्रखंड में महादलित सम्मेलन में भाग लेने आए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ईटीवी भारत से एनआरसी के मुद्दे पर खास बातचीत की. बीजेपी पर हमला बोलते हुए मांझी ने कहा कि बीजेपी का गरीब और अल्पसंख्यकों के लिए दूसरा नजरिया है. उन्होंने बताया कि 2007 में एक सर्वे से पता चला कि हिंदुस्तान में छह करोड़ बाहरी लोग हैं.

jeetan ram manjhi
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

50 प्रतिश लोगों के पास घर नहीं- मांझी
पूर्व सीएम ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोग बहुत गरीब होते हैं, उनके रहने का कोई ठिकाना नहीं है. उसी प्रकार दलित, महादलित आदिवासी, अति पिछड़े लोगों का भी वहीं हाल है. 50% से भी ज्यादा लोगों के पास अपना घर नहीं है. साथ ही उनके पास किसी तरह का कोई पहचान पत्र या रिकॉर्ड नहीं है. एक साजिश के तहत बीजेपी इन लोगों को देश से निकालने की फिराक में है. इसलिए बीजेपी के लोग एनआरसी की बात कर रहे हैं.

एनआससी का विरोध करेगी हम
हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि एनआरसी में नाम नहीं आना सरकार की विफलता है. पिछले 50-100 वर्षों से रहने वालों के पास उनका कोई पहचान पत्र और जमीन नहीं होना, सरकार की विफलता को दर्शाता है. इसे छुपाने के लिए एनआरसी का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसका हम पार्टी विरोध करेगी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते पूर्व सीएम जीतन राम मांझी

'प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही बीजेपी'
जीतन राम मांझी कहा कि सीमांचल में बांग्लादेश और अन्य जगहों के लोग आकर रह रहे हैं. एनआरसी की मांग पर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसे लोगों को आतंकवादी और बाहरी कहा जा रहा है. वहीं, हर गरीब को आतंकवादी घोषित करने की साजिश है. यहां हिंदू राष्ट्र बनाने का प्रयास चल रहा है. हिंदू धर्म, झूठा राष्ट्रवाद के नाम पर जनता को बरगला कर वोट लिया जाता है. जो झांसे में नहीं आ रहे उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की जा रही है.

VINOD SINGH
पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा मंत्री विनोद सिंह

सीमांचल में एनआरसी की मांग
गौरतलब है कि बिहार बीजेपी के मंत्री और विधायक सीमांचल के क्षेत्र में एनआरसी लागू करने के लिए आवाज लगातार उठा रहे हैं. बीजेपी नेताओं का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्र कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल जैसे जिलों में भारी मात्रा में घुसपैठिये रह रहे हैं. पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा मंत्री विनोद सिंह कह चुके हैं कि सीमांचल में करीब 30 से 40 लाख के बीच बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं. इसलिए उन्हें देश से निकाला जाए और बिहार में भी एनआरसी लागू की जाए.

Intro:कटिहार

असम में एनआरसी लागू होने के बाद बीजेपी अब सभी राज्यों में एनआरसी लागू करने के लिए कवायद तेज कर दी है। बिहार में भी बीजेपी के नेता लगातार एनआरसी लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनआरसी का विरोध किया है।Body:कटिहार के आजमनगर प्रखंड में महादलित सम्मेलन में भाग लेने आए सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सह हम प्रमुख जीतन राम मांझी जिला अतिथि गृह में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बीजेपी के द्वारा लागू किए गए एनआरसी पर हमला बोला। मांझी ने एनआरसी का विरोध किया है। इन्होंने बताया बीजेपी का गरीबों और अल्पसंख्यक लोगों के लिए दूसरा नजरिया है। उन्होंने बताया 2007 में एक सर्वे से पता चला कि हिंदुस्तान में छह करोड़ बाहरी आदमी बस रहे हैं।

श्री मांझी ने बताया मुसलमान समुदाय के लोग बहुत गरीब होते हैं उनके रहने का खाने-पीने का कोई ठिकाना नहीं है। उसी प्रकार दलित, महादलितस आदिवासी, अति पिछड़ा लोग का कहीं ठिकाना नहीं है। 50% से भी ज्यादा लोगों के पास अपना घर नहीं है और ना ही उनके पास किसी तरह का कोई पहचान पत्र या रिकॉर्ड नहीं है। एक साजिश की तरह बीजेपी अल्पसंख्यक को दलित को आदिवासी को देश से निकालने की फिराक में हैं। इसलिए बीजेपी के लोग एनआरसी की बात कर रहे हैं।

उन्होंने बताया एनआरसी में नाम नहीं आना यह सरकार की विफलता है। कोई 50-100 वर्षों से रह रहा है और उनका कोई पहचान पत्र नहीं है जमीन नहीं है तो यह सरकार की विफलता है। सरकार की विफलताओं के चलते एनआरसी के बहाने मुस्लिम परिवार, आदिवासी परिवार, दलित परिवार को सरकार जो षड्यंत्र रच रही है उसका हम पार्टी विरोध करती है।Conclusion:सीमावर्ती जिलों में बीजेपी के नेताओं के द्वारा एनआरसी लागू करने की मांग कर रहे हैं इस पर मांझी ने बताया सीमांचल में बांग्लादेश और इधर उधर से लोग आकर रह रहे हैं। इनको बीजेपी आतंकवादी और बाहरी कह रहे हैं। हर गरीब को इन लोग आतंकवादी घोषित करने के चक्कर में है। और यहां पर हिंदू राज बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हिंदू धर्म के नाम पर झूठी राष्ट्रीयता के नाम पर जनता को बरगला कर वोट लेते रहे हैं। वही प्रक्रिया में आज गरीब और मुसलमान उनके पक्ष में नहीं है। इन दोनों के प्रति प्रतिशोधात्मक भावना से इन लोगों को एनआरसी के नाम पर बाहर करना चाह रहे हैं।

इससे पहले बिहार बीजेपी के मंत्री और विधायक सीमांचल के क्षेत्र में एनआरसी लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं। बीजेपी नेताओं का मानना है सीमावर्ती क्षेत्र कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल जैसे जिलों में करीब 20 लोग से भी ज्यादा घुसपैठ ही रहते हैं। इसलिए उन्हें देश से निकाला जाए और बिहार में भी एनआरसी लागू किया जाए।
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