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कटिहार: रामनवमी में देखने को मिलता है संप्रदायिक सद्भाव की मिसाल

बड़ी बाजार का इलाका यूं तो खाद्य सामग्री के लिए मशहुर है. लेकिन इसी बाजारों के बीच एक गली में कपड़े की कई दुकानें भी हैं. त्योहारों के मौसम में यहां झंडे और रंग-बिरंगे पताका बिकते है.

झंडा बनाते मो. शब्बीर
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Published : Apr 12, 2019, 2:26 AM IST

कटिहार: जिले में 50 सालों से मोहम्मद शब्बीर और मोहम्मद अख्तर के द्वारा बनाए गए झंडे से लोग रामनवमी का त्यौहार मनाते हैं. कटिहार के बड़ी बाजार के दर्जनों दुकानदार संप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है. सिर्फ इतना ही नहीं बड़ी बाजार में आधे दर्जन से भी अधिक लोग शब्बीर को देखकर झंडा बनाने का काम कर रहे हैं.

जानकारी देते झंडा व्यवसायी

मशहूर है यहां का बाजार

बड़ी बाजार का इलाका यूं तो खाद्य सामग्री के लिए मशहूर है. लेकिन इसी बाजारों के बीच एक गली में कपड़े की कई दुकानें भी हैं. त्योहारों के मौसम में यहां झंडे और रंग-बिरंगे पताके बिकते है. गौरतलब है कि रामनवमी का झंडा बनाने वाले लोग दूसरे समुदाय के हैं. रामनवमी हो या मुहर्रम सभी त्योहारों का झंडा इन्हीं दुकानदारों के द्वारा बनाया जाता है. साथ ही तैयार झंडा पूरे कटिहार शहर में बेची जाती है.

भाईचारे के साथ रहते हैं लोग

मोहम्मद शब्बीर बताते हैं कभी किसी ग्राहक ने उनकी जमात नहीं पूछी. सभी धर्मों के लोग यहां मिलजुल कर भाईचारे के साथ रह रहे है. इस बार चुनाव होने के कारण भी आस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. लोग झंडे और पताके खरीदने के लिए यहां आते रहते है.

कटिहार: जिले में 50 सालों से मोहम्मद शब्बीर और मोहम्मद अख्तर के द्वारा बनाए गए झंडे से लोग रामनवमी का त्यौहार मनाते हैं. कटिहार के बड़ी बाजार के दर्जनों दुकानदार संप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है. सिर्फ इतना ही नहीं बड़ी बाजार में आधे दर्जन से भी अधिक लोग शब्बीर को देखकर झंडा बनाने का काम कर रहे हैं.

जानकारी देते झंडा व्यवसायी

मशहूर है यहां का बाजार

बड़ी बाजार का इलाका यूं तो खाद्य सामग्री के लिए मशहूर है. लेकिन इसी बाजारों के बीच एक गली में कपड़े की कई दुकानें भी हैं. त्योहारों के मौसम में यहां झंडे और रंग-बिरंगे पताके बिकते है. गौरतलब है कि रामनवमी का झंडा बनाने वाले लोग दूसरे समुदाय के हैं. रामनवमी हो या मुहर्रम सभी त्योहारों का झंडा इन्हीं दुकानदारों के द्वारा बनाया जाता है. साथ ही तैयार झंडा पूरे कटिहार शहर में बेची जाती है.

भाईचारे के साथ रहते हैं लोग

मोहम्मद शब्बीर बताते हैं कभी किसी ग्राहक ने उनकी जमात नहीं पूछी. सभी धर्मों के लोग यहां मिलजुल कर भाईचारे के साथ रह रहे है. इस बार चुनाव होने के कारण भी आस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. लोग झंडे और पताके खरीदने के लिए यहां आते रहते है.

Intro:कटिहार

50 सालों से कटिहार में मोहम्मद शब्बीर और मोहम्मद अख्तर के द्वारा बनाए गए झंडे से लोग मनाते हैं रामनवमी का त्यौहार। संप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है कटिहार के बड़ा बाजार के दर्जनों दुकानदार। सिर्फ इतना ही नहीं बड़ा बाजार में आधे दर्जन से भी अधिक लोग नौशाद और शब्बीर को देखकर ही झंडा बनाने का कर रहे हैं काम।


Body:कटिहार का बड़ा बाजार इलाका यूं तो खाद्य सामग्री का बाजार माना जाता है लेकिन इसी बाजारों के बीच एक गली में कपड़े की मंडी भी है जहां कई कपड़े की दुकान भी हैं और त्योहारों के मौसम में यहां रंग-बिरंगे पताका बिकते यहाँ दिख जाएंगे। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि यह रामनवमी का झंडा बनाने वाला दूसरे समुदाय के लोग हैं। मोहम्मद साबिर और मोहम्मद अख्तर भी इन्हीं समुदायों में से एक है जो लगातार 50 वर्षों से त्योहारों में पताका बनाने का काम कर रहे हैं। चाहे रामनवमी हो या मोहर्रम सभी त्योहारों का झंडा इन्हीं दुकानदारों के द्वारा बनाया जाता है और पूरे कटिहार शहर में बेची जाती है।


मोहम्मद शब्बीर बताते हैं कभी किसी ग्राहक ने इनकी जमात नहीं पूछी। बस भूखे पेट के लिए पताका का सिलाई 1970 से हीं करते आ रहे हैं। इनके अनुसार सभी धर्मों का मान बराबर है और इस मोहल्ले में कई ऐसा दुकानदार है जो रोजी-रोटी के लिए झंडे का निर्माण करते आ रहे हैं।


Conclusion:आज देश में लोग जहां चंद बातों के विवादों पर ही एक दूसरे को जान लेने पर उतारू हो जाते हैं वहीं बिहार के गंगा जमुना तहजीब वाले शहर कटिहार में इन दुकानदारों के बनाए गए झंडे से रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता है। सचमुच कटिहार संप्रदायिक सद्भाव वाला अद्भुत शहर है। यहां के लोग भाईचारे के साथ सभी धर्मों का त्योहार मिलजुलकर मनाते हैं। चाहे वह मुहर्रम हो रामनवमी हो या कोई अन्य त्यौहार। उन सभी त्योहारों में यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ मिल जुलकर खुशी पूर्वक त्यौहार मनाते हैं।
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